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अगर आप भी गर्मी में होने वाली बीमारी से है परेशान तो ऐसे करें बचाव

Newstrack
Published on: 4 May 2016 11:18 AM IST
अगर आप भी गर्मी में होने वाली बीमारी से है परेशान तो ऐसे करें बचाव
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लखनऊ: गर्मी में शरीर के हिस्सो में रक्त पहुंचाने के लिए धमनियों को बहुत जोर लगाना पड़ता है। ऐसे में 42 डिग्री के तापमान पर ये जरूरी हो जाता है कि हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, फ्लू, चिकन पॉक्स और डायरिया से बचने के लिए सावधानी बरती जाए। इस सिलसिले में बचाव के लिए जब हमने डॉ. मो. आलम से बात की तो उन्होने ने कहा कि- गर्मियों में उम्रदराज लोगों, बच्चों और दिल के रोगियों, डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीजों को इस तरह की समस्याएं ज्यादा हो सकती हैं। इसलिए इनसे बचाव भी जरूरी है।

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पानी की कमी ना होने दें

उन्होंने कहा कि प्यास न भी लगे, तब भी पानी पीते रहना चाहिए। दिल के मरीजो को गर्मी में घर के अंदर ही रहना चाहिए, क्योंकि गर्मी में त्वचा तक रक्त पहुंचाने के लिए बहुत जोर लगाना पड़ता है। ज्यादा मेहनत जानलेवा हो सकती है। जंक फूड और सड़क किनारे से कुछ खरीदकर नहीं खाना चाहिए, क्योंकि गर्मी में खाना जल्दी खराब होता है।

हल्के कपड़े पहनें

ज्यादा देर काम करने से शरीर ओवरहीट होने लगता है। ऐसे व्यक्ति की हालत खराब हो सकती है उसे इमरजेंसी इलाज की जरूरत भी पड़ने लगती है। साथ ही उसके कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं। इसके लिए लगातार तरल पदार्थ लेना चाहिए, गर्मी से बचने के लिए हवादार कपड़े पहनने चाहिए इससे बहुत राहत मिलती है।

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डिहाइड्रेशन से बचाव के तरीके

शरीर में पानी की कमी होने से डिहाइड्रेशन होता है। इन दिनों ज्यादा एक्ससाइज , गंभीर डायरिया, उल्टी, बुखार या ज्यादा पसीना इसके कारण होते हैं। व्यायाम के वक्त पानी न पीना या गर्मी में वैसे भी डीहाइड्रेशन हो सकता है। छोटे बच्चों, उम्रदराज लोगों और पुरानी बीमारी वालों को ज्यादा खतरा होता है। इसलिए गर्मी में पानी पीते रहना जरूरी है।

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इसके अलावा गर्मी में कई बीमारियों को दावत

चिकनपॉक्स भी गर्मी में होते हैं, क्योंकि इस समय इसके वायरस तेजी से फैलाते हैं। इसलिए सबको इसका वैक्सीनेशन लेना जरूरी है। मूत्र मार्ग में संक्रमण भी बच्चों और बड़ों की आम बीमारी है। औरतों को अक्सर पता नहीं चलता कि उनमें पानी की कमी हो रही है और पानी न पीने से संक्रमण होता है। डॉ. आलम ने कहा कि गर्मी में भी पानी उबालकर पीना चाहिए, क्योंकि पानी की गुणवत्ता में कमी हो जाती है। पानी में अगर ऑर्सेनिक, जंग, कीटनाशक आदि मिला हो तो उसे पीने से डायरिया, हैजा, टायफायड वगैरह हो सकता है।



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