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Heart Arrhythmia: हार्ट एरिदमिया की परेशानी में बढ़ जाती है दिल की धड़कन, जानें लक्षण और उपचार

Heart Arrhythmia: डॉक्टर्स के मुताबिक व्यक्ति में अचानक से बढ़े हुए हार्ट रेट को चिकित्सीय भाषा में हार्ट एरिदमिया (Heart Arrhythmia) भी कहा जाता है।

Preeti Mishra
Written By Preeti Mishra
Published on: 15 Jun 2022 2:05 PM GMT
Deepika Padukone suffers Heart Arrhythmia
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Deepika Padukone suffers Heart Arrhythmia

Heart Arrhythmia: बीते दिन बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण (Actress Deepika Padukone) को हार्ट रेट (Heart rate) बढ़ने की वजह अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। बता दें कि मंगलवार को दीपिका पादुकोण हैदराबाद में बिग बी अमिताभ बच्चन के साथ एक फिल्म की शूटिंग कर रही थीं। इसी दौरान दीपिका पादुकोण का हार्ट रेट बढ़ गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

हालाँकि अस्पताल में इलाज के बाद दीपिका की हार्ट रेट नॉर्मल हो गई और वो कुछ ही घंटों बाद अपने शूटिंग पर भी वापस लौट आईं। उल्लेखनीय है कि दीपिका की तरह अन्य कई युवा हैं जो आजकल इस तरह की प्रॉब्लम का सामना तेज़ी से कर रहे हैं।

गौरतलब है कि पिछले दिनों स्टार सिंगर केक और सिद्धार्थ शुक्ला जैसे कई बड़े सेलेब्रिटी जिन्हें अमूमन फिट और हेल्थी माना जाता था उनका अचानक से दिल का दौरा पड़ने से निधन हो चुका है।

बता दें कि अचानक से हार्ट रेट बढ़ना भी दिल से संबंधित बीमारियों का ही एक हिस्सा माना जाता है। डॉक्टर्स के मुताबिक व्यक्ति में अचानक से बढ़े हुए हार्ट रेट को चिकित्सीय भाषा में हार्ट एरिदमिया (Heart Arrhythmia) भी कहा जाता है। उल्लेखनीय है कि हार्ट एरिदमिया हार्ट अटैक का ही एक लक्षण है जिसमें दिल की धड़कन असामान्य हो जाती है या असामान्य तरीके से बढ़ जाती है ।

आजकल की लाइफस्टाइल में दिल से सम्बंधित हो रही इन परेशानियों को हलके में लेना भरी पड़ सकता है। इसलिए जरुरी है कि आप इन समस्याओं को अच्छे से जाने समझे और इनसे जुड़े लक्षणों को भी पहचानें ताकि समय रहते ही आपको सही इलाज़ मिल सके।

क्या है हार्ट एरिदमिया (What is Heart Arrhythmia?)

विशेषज्ञों के अनुसार हार्ट एरिदमिया दिल से संबंधित एक ऐसी बीमारी है जिसमें दिल की धड़कने अचानक से तेज या धीमी हो जाती है। बता दें कि जब दिल में इलेक्ट्रिकल पल्सेज सही तरीके से काम नहीं करते हैं तभी हार्ट एरिदमिया होता है । उल्लेखनीय है कि खून का संचार सही तरीके से करने के लिए हार्ट के इलेक्ट्रिकल इंपल्स एक निर्धारित रास्तों से ही गुजराती है लेकिन अगर इस बीच हार्ट के इलेक्ट्रिकल इंपल्स सुचारू रूप से काम नहीं करते हैं तो इससे एरिदमिया होने का खतरा बढ़ जाता है। अधिकतर मामलों में एरिदमिया खतरनाक हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार अगर शुरूआती दौर में ही हार्ट एरिदमिया के लक्षणों को समझ लिया जाय तो इससे हार्ट स्ट्रोक और कार्डियक अरेस्ट होने के जोखिम का खतरा कम हो सकता है।

हार्ट एरिदमिया कितना है खतरनाक ?

हालाँकि शुरुआती दौर में हार्ट एरिदमिया को बेहद खतरनाक नहीं माना जाता है, लेकिन जब यह समस्या व्यक्ति के फेफड़े, दिमाग, हार्ट और शरीर के जरूरी अंगों में होने वाले ब्लड फ्लो में बाधा बनने लगती है तो ये स्थिति व्यक्ति के मौत का भी कारण बन सकती है।

क्या हैं मुख्य कारण ?

उल्लेखनीय है कि हार्ट एरिदमिया होने के पीछे व्यक्ति के भावनात्मक, शारीरिक, मानसिक कारण भी हो सकते हैं। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर, संक्रमण या बुखार, कुछ दवाएं डिप्रेशन या तनाव, शराब, कैफीन और तंबाकू का सेवन, अत्यधिक एक्सरसाइज और दिल से संबंधित कोई पुरानी बीमारी भी इसके होने के प्रमुख कारण हो सकते हैं।

हार्ट एरिदमिया के मुख्य लक्षण (Heart Arrhythmia Symptoms)

हालाँकि हार्ट एरिदमिया को व्यक्ति अचानक ही महसूस करता है लेकिन फिर भी इसके कुछ प्रमुख लक्षण होते हैं। जिनमें चक्कर आना या अचानक से अत्यधिक कमजोरी महसूस होना, बेहोशी, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द या जकड़न, गर्दन या सीने में फड़फड़ाहट और अचानक धुंधला दिखाई देना शामिल है। इसके अलावा सीने में दर्द, ज्यादा पसीना आना जैसे लक्षण भी हार्ट एरिदमिया के प्रमुख लक्षण हो सकते हैं। अगर किसी भी व्यक्ति को इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।

उपचार और बचाव

हार्ट एरिदमिया से बचने के लिए डॉक्टर हार्ट मॉनिटर, ब्लड टेस्ट, ईसीजी जैसे टेस्ट करवाते हैं। अगर व्यक्ति के इन टेस्ट में किसी भी तरह की अनियमितता मिलती है तो तुरंत उसका इलाज़ शुरू कर दिया जाता है । गौरतलब है कि आप अपनी लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाकर दिल से जुडी किसी भी बीमारी के जोखिम को कम कर सकते हैं। इसके लिए जरुरी है कि आप वजन को संतुलित बनाए, अल्कोहल और सिगरेट का सेवन बिल्कुल न करें , हमेशा खुद को तनाव से मुक्त रखने की कोशिश करें , किसी भी बात पर गुस्सा ना करें और इसके अलावा किसी भी तरह की बीमारी में डॉक्टर से बिना पूछे दवा बिलकुल न लें।

Rakesh Mishra

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