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Heatstroke से सावधान: अमित शाह के कार्यक्रम में 11 की मौत, क्या है ये हीट स्ट्रोक और क्यों गर्मी में है जानलेवा, सतर्क रहें इन लक्षणों से ?
What is Heatstroke: बीते रविवार को दूर-दराज के महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात के लाखों लोगों को खारघर में कार्यक्रम स्थल पर लाया गया था। कार्यक्रम स्थल पर लोगों को करीब 6 घंटे घूप में रहना पड़ा जिससे 11 लोगों ने अपना दम तोड़ दिया।
Heatstroke: एक ऐसा हादसा जिसे जिसने भी सुना वो दंग रह गया। दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में नवी मुंबई में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार प्रदान करने के समारोह में दर्शकों के बीच मौजूद कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। जिसकी वजह हीटस्ट्रोक बताई गयी। 1000 1,000 लोगों की क्षमता वाले दो टेंट वीआईपी, मीडिया और अन्य लोगों के लिए अलग-अलग मौजूद थे जिसमे लाखों लोगों को बैठा दिया गया। आइये जानते हैं ये हीटस्ट्रोक क्या होता है, इससे कैसे अपना बचाव करना चाहिए।
क्या होता है हीटस्ट्रोक (What is Heatstroke)
बीते रविवार को दूर-दराज के महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात के लाखों लोगों को खारघर में कार्यक्रम स्थल पर लाया गया था। कार्यक्रम स्थल पर लोगों को करीब 6 घंटे घूप में रहना पड़ा जिससे 11 लोगों ने अपना दम तोड़ दिया। ये अवार्ड फंक्शन अप्पासाहेब धर्माधिकारी के नाम से मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता दत्तात्रेय नारायण धर्माधिकारी को सम्मानित करने के लिए नवी मुंबई के सैटेलाइट टाउनशिप के खारघर में आयोजित किया गया था। जो एक कॉर्पोरेट पार्क था। लोगों के मरने की वजह थी हीट स्ट्रोक आइये इसके बारे में जानते हैं।
हीटस्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है जो आपके शरीर के अधिक गर्म होने के कारण होती है, आमतौर पर लंबे समय तक संपर्क में रहने या उच्च तापमान में शारीरिक परिश्रम के परिणामस्वरूप ऐसा होता है। हीट इंजरी, हीटस्ट्रोक का सबसे गंभीर रूप तब हो सकता है जब आपके शरीर का तापमान 104 F (40 C) या इससे अधिक हो जाता है। गर्मी के महीनों में ये स्थिति सबसे आम है।
हीटस्ट्रोक के लिए आपातकालीन उपचार की आवश्यकता होती है। अनुपचारित हीटस्ट्रोक आपके मस्तिष्क, हृदय, गुर्दे और मांसपेशियों को जल्दी से नुकसान पहुंचा सकता है। लंबे समय तक उपचार में देरी होने पर क्षति और बिगड़ जाती है, जिससे आपकी गंभीर जटिलताओं या मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
हीटस्ट्रोक के संकेत और लक्षण (Heatstroke Ke Lakshan in Hindi)
आइये जानते हैं कि हीटस्ट्रोक के क्या क्या लक्षण होते हैं और ऐसे समय में आपको क्या करना चाहिए।
शरीर का तापमान बढ़ जाना
हीटस्ट्रोक उच्च शरीर का तापमान हैं जिसमे इंसान के शरीर का तापमान रेक्टल थर्मामीटर से लेने पर 104 F (40 C) या उससे अधिक का कोर बॉडी टेम्परेचर आये तो ये हीटस्ट्रोक का मुख्य संकेत है।
बदली हुई मानसिक स्थिति या व्यवहार
भ्रम, आंदोलन, अस्पष्ट भाषण, चिड़चिड़ापन, मूड चेंज , दौरे और कोमा सभी हीटस्ट्रोक के परिणाम हो सकते हैं।
पसीने में बदलाव
गर्मी के मौसम के कारण होने वाले हीटस्ट्रोक में, आपकी त्वचा स्पर्श करने पर गर्म और शुष्क महसूस होगी। वहीँ इंटेंस वर्कआउट के कारण होने वाले हीटस्ट्रोक में, आपकी त्वचा शुष्क या थोड़ी नम महसूस हो सकती है।
मतली और उल्टी महसूस होना
हीटस्ट्रोक होने पर आपको उपकाई और उलटी हो सकती है। जिससे आपको आपके पेट में दिक्कत भी महसूस होगी।
त्वचा में रेडनेस
आपके शरीर का तापमान बढ़ने पर आपकी त्वचा लाल हो सकती है।
साँस तेजी से चलना
आपकी सांसें तेज और उथली हो सकती हैं।
दिल की धड़कनों का बढ़ना
आपकी नाड़ी काफी बढ़ सकती है क्योंकि गर्मी का तनाव आपके शरीर को ठंडा करने में मदद करने के लिए आपके दिल पर जबरदस्त बोझ डालता है।
सिर दर्द
आपके सिर में भयंकर या हल्का दर्द महसूस हो सकता है।
डॉक्टर को कब दिखाएं
अगर आपको लगता है कि कोई व्यक्ति हीटस्ट्रोक का अनुभव कर रहा है, तो तत्काल चिकित्सा सहायता लें। अपने स्थानीय आपातकालीन सेवाओं के नंबर पर कॉल करें।
प्राथमिक उपचार
साथ ही साथ ही साथ प्राथमिक उपचार भी देते रहे। आप आपातकालीन उपचार की प्रतीक्षा करते समय व्यक्ति तापमान कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई करें। व्यक्ति को छाया या घर के अंदर ले जाएं। अतिरिक्त कपड़े हटा दें। इसके अलावा जो भी साधन उपलब्ध हों, उससे व्यक्ति को ठंडा करें - पानी के ठंडे टब या ठंडे शॉवर में डालें, ठंडे पानी से स्पंज करें, ठंडे पानी से स्प्रे करते समय पंखा करें, या व्यक्ति के सिर, गर्दन, बगल और कमर पर आइस पैक या ठंडे, गीले तौलिये रखें
हीटस्ट्रोक के कारण
आइये जानते हैं कि हीटस्ट्रोक के परिणामस्वरूप क्या हो सकता है।
हीटस्ट्रोक के एक प्रकार में, जिसे गैर-व्यायाम (क्लासिक) हीटस्ट्रोक कहा जाता है, गर्म वातावरण में होने से शरीर के मुख्य तापमान में वृद्धि होती है। इस प्रकार का हीटस्ट्रोक आमतौर पर गर्म, आर्द्र मौसम के संपर्क में आने के बाद होता है, विशेष रूप से लंबे समय तक। ये अक्सर वृद्ध वयस्कों और पुरानी बीमारी वाले लोगों में होता है।
एक्सर्शनल हीटस्ट्रोक गर्म मौसम में तीव्र शारीरिक गतिविधि के कारण शरीर के मुख्य तापमान में वृद्धि के कारण होता है। गर्म मौसम में व्यायाम करने या काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को अत्यधिक हीटस्ट्रोक हो सकता है, लेकिन अगर आप उच्च तापमान के अभ्यस्त नहीं हैं तो इसके होने की सबसे अधिक संभावना है।
कैसे करें इससे बचाव (Heatstroke Treatment)
हीटस्ट्रोक की स्थिति लगने पर आप कुछ चीज़ें पहले भी कर सकते हैं। साथ ही साथ ऐसी किसी जगह पर जाने से पहले कॉटन कपडे ही पहनने की कोशिश करें जो पसीने को आसानी से वाष्पित होने से रोकता है और आपके शरीर को ठंडा करता है।
याद रखिये हीटस्ट्रोक को रोका जा सकता है। इसके लिए कुछ चीज़ें ध्यान में रखें।
ढीले ढाले, हल्के कपड़े पहनें
अधिक कपड़े या ऐसे कपड़े पहनना जो कसकर फिट हों, आपके शरीर को ठीक से ठंडा नहीं होने देंगे। इसलिए टाइट कपडे न पहने।
अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पीएं
हाइड्रेटेड रहने से आपके शरीर को पसीना आता है और शरीर का सामान्य तापमान बना रहता है।
पार्क की गई कार में कभी भी किसी को न छोड़ें
अगर कभी आपको कार को धुप में छोड़कर जाना पड़ रहा हो तो इसमें कोई न हो इसका विशेष ध्यान रखें। खासकर बच्चों को गाड़ियों में ऐसे में कभी न जाएं। दरअसल ये गर्मी से संबंधित मौतों का एक सामान्य कारण है। जब गाड़ी को धूप में पार्क किया जाता है, तो आपकी कार का तापमान 10 मिनट में 20 डिग्री F (11 C से अधिक) बढ़ सकता है।