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History Of Beauty Pageants: कैसे शुरू हुई सैंदर्य प्रतियोगिताएं और कैसे हुआ इसका विस्तार आइये जानते है

History Of Beauty Pageants: वर्त्तमान समय में सौंदर्य प्रतियोगिताएँ केवल सुंदरता तक सीमित नहीं हैं, बल्कि सामाजिक कार्यों, शिक्षा और जागरूकता अभियानों में भी योगदान देती हैं। ये प्रतियोगिताएँ करियर अवसरों, सामाजिक जागरूकता और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम भी बनती हैं।

Shivani Jawanjal
Published on: 26 Feb 2025 3:29 PM IST
History Of Beauty Pageants: कैसे शुरू हुई सैंदर्य प्रतियोगिताएं और कैसे हुआ इसका विस्तार आइये जानते है
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History Of Beauty Pageants: सौंदर्य प्रतिस्पर्धाएँ (Beauty Pageants) वे प्रतियोगिताएँ होती हैं, जिनमें प्रतिभागियों को उनके सौंदर्य, बुद्धिमत्ता, व्यक्तित्व और सामाजिक योगदान के आधार पर आंका जाता है। ये प्रतियोगिताएँ न केवल बाहरी सुंदरता बल्कि प्रतिभागियों की आत्म-विश्वास, संचार कौशल और समाज के प्रति जागरूकता को भी दर्शाती हैं। सौंदर्य प्रतियोगिताएँ न केवल बाहरी सुंदरता को पहचानने का मंच हैं, बल्कि यह आत्मविश्वास, व्यक्तित्व विकास और वैश्विक प्रतिनिधित्व का माध्यम भी हैं। यह प्रतियोगिताएँ महिलाओं को सशक्त बनाती हैं, सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाती हैं और करियर के नए अवसर प्रदान करती हैं। विश्व स्तर पर मिस वर्ल्ड, मिस यूनिवर्स जैसी प्रतियोगिताएँ प्रतिभागियों को ग्लैमर, फैशन, मनोरंजन और सामाजिक कार्यों से जोड़ने का अवसर देती हैं। हालांकि, इन पर समय-समय पर वस्तुकरण और अवास्तविक सौंदर्य मानकों को बढ़ावा देने के आरोप भी लगते हैं। इसके बावजूद, सौंदर्य प्रतियोगिताएँ आज भी आत्म-अभिव्यक्ति और सशक्तिकरण का एक प्रभावी साधन बनी हुई हैं। इस लेख में सौंदर्य प्रतिस्पर्धा का इतिहास, विस्तार महत्त्व और इससे जुड़े विवाद पर प्रकाश डालेंगे।

सौंदर्य प्रतियोगिताओं का गौरवशाली इतिहास

सौंदर्य प्रतियोगिताएँ न केवल आकर्षण और व्यक्तित्व की पहचान हैं, बल्कि यह महिलाओं को आत्मविश्वास, सशक्तिकरण और वैश्विक मंच पर अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर भी प्रदान करती हैं। इनका इतिहास सदियों पुराना है।


सौंदर्य प्रतियोगिताओं का इतिहास औपचारिक रूप से 19वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है हालांकि आधुनिक सौंदर्य प्रतियोगिताएं 20वीं शताब्दी की शुरुआत में आयोजित की जाने लगीं तो वही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सौंदर्य प्रतियोगिताओं की लोकप्रियता 20वीं शताब्दी के मध्य में बढ़ी।

प्रारंभिक दौर (19वीं शताब्दी)


प्राचीन काल में विभिन्न संस्कृतियों में सुंदरता को धार्मिक और सामाजिक मानकों से आंका जाता था। आधुनिक सौंदर्य प्रतियोगिता का पहला प्रलेखित उदाहरण 1854 में अमेरिका के पी.टी. बरनम द्वारा आयोजित एक फोटो-आधारित प्रतियोगिता थी। हालांकि सामाजिक स्वीकृति के अभाव के कारण इसे बंद कर दिया गया। 1888 में बेल्जियम में पहली बार एक संगठित सौंदर्य प्रतियोगिता मिस अमेरिका (Miss America) आयोजित की गई जिसने भविष्य में प्रतियोगिताओं की नींव रखी।

20वीं शताब्दी में सौंदर्य प्रतियोगिताओं का संस्थागत विकास

1921 में अमेरिका में मिस अमेरिका प्रतियोगिता की शुरुआत हुई, जिसने आधुनिक सौंदर्य प्रतियोगिताओं का आधार बनाया। 1951 में ब्रिटेन में मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता की स्थापना हुई, जो आज भी प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं में से एक है। 1952 में मिस यूनिवर्स का शुभारंभ हुआ, जिसने प्रतियोगियों को वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाने का अवसर दिया। 1960 के दशक में मिस इंटरनेशनल प्रतियोगिता शुरू हुईं। तो वही मिस अर्थ प्रतियोगिता की शुरुआत 2001 में कजान सिटी (फिलिपींस) की फिलिपीन्स यूनिवर्सिटी के थिएटर में हुई थी।

भारत में सौंदर्य प्रतियोगिताओं का उदय


भारत में सौंदर्य प्रतियोगिताओं (ब्यूटी पेजेंट्स) का उदय एक महत्वपूर्ण सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन का हिस्सा रहा है। यह न केवल सौंदर्य और ग्लैमर से जुड़ा है, बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण, आत्मविश्वास और वैश्विक मंच पर उनकी उपस्थिति को भी दर्शाता है। भारत में सौंदर्य प्रतियोगिताओं की शुरुआत 1947 में हुई, जब पहली बार मिस इंडिया प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य भारतीय महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना था। हालांकि, शुरुआती वर्षों में यह प्रतियोगिता सीमित दायरे में आयोजित होती थी और समाज में इसे लेकर कई पूर्वाग्रह भी थे। 1966 में रीता फारिया के मिस वर्ल्ड बनने के बाद भारतीय सौंदर्य प्रतियोगिताओं को नई दिशा मिली। उन्होंने यह साबित किया कि सौंदर्य प्रतियोगिता केवल बाहरी आकर्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रतिभा, बुद्धिमत्ता और व्यक्तित्व के संपूर्ण विकास का प्रतीक है। 1990 के दशक में भारत में सौंदर्य प्रतियोगिताओं ने एक नया मोड़ लिया। इस दशक में भारतीय महिलाओं ने कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते, जिससे देश का नाम वैश्विक मंच पर रोशन हुआ।

सौंदर्य प्रतियोगिताओं के प्रमुख मानदंड

सौंदर्य प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रतिभागियों को कुछ प्रमुख मानदंडों को पूरा करना होता है, जिसमें आयु सीमा, नागरिकता, वैवाहिक स्थिति, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य जैसे कारक शामिल होते हैं। प्रतियोगिता में केवल बाहरी सुंदरता ही नहीं, बल्कि व्यक्तित्व, आत्मविश्वास, संचार कौशल और सामाजिक जागरूकता भी मायने रखते हैं। प्रतिभागियों को टैलेंट राउंड, इंटरव्यू और स्टेज प्रजेंस में उत्कृष्टता दिखानी होती है।

इसके अलावा, कई प्रतियोगिताएँ सामाजिक सेवा और परोपकार को बढ़ावा देती हैं, जहाँ विजेताओं को समाज सेवा अभियानों से जोड़ा जाता है। विभिन्न प्रतियोगिताओं के अपने अलग मानदंड होते हैं, जैसे मिस यूनिवर्स और मिस वर्ल्ड में बुद्धिमत्ता और वैश्विक मुद्दों की समझ को महत्व दिया जाता है, जबकि मिस्टर इंडिया और मिस्टर वर्ल्ड जैसी पुरुष प्रतियोगिताओं में फिटनेस और स्टाइल पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

सौंदर्य प्रतिस्पर्धाओं के प्रकार

सौंदर्य प्रतिस्पर्धाएँ विभिन्न स्तरों पर आयोजित की जाती हैं और उनकी श्रेणियाँ भी अलग-अलग होती हैं।

अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिताएँ


अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता शब्द मूल रूप से बिग फोर सौंदर्य प्रतियोगिताओं को संदर्भित करता है, जो दुनिया की चार सबसे प्रतिष्ठित और प्रभावशाली प्रतियोगिताएं मानी जाती हैं। ये प्रतियोगिताएँ वैश्विक स्तर पर आयोजित की जाती हैं और इनमें विभिन्न देशों की प्रतिभागी भाग लेती हैं।

• मिस वर्ल्ड (Miss World) – 1951 में शुरू हुई यह दुनिया की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित सौंदर्य प्रतियोगिता है। इसमें सौंदर्य, बुद्धिमत्ता और सामाजिक कार्यों को प्राथमिकता दी जाती है।

• मिस यूनिवर्स (Miss Universe) – 1952 में शुरू हुई इस प्रतियोगिता को ग्लैमर और वैश्विक पहचान के लिए जाना जाता है।

• मिस इंटरनेशनल (Miss International) – 1960 में शुरू हुई यह प्रतियोगिता सांस्कृतिक आदान-प्रदान और विश्व शांति को बढ़ावा देती है।

• मिस अर्थ (Miss Earth) – 2001 में शुरू हुई इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता को बढ़ावा देना है।

राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिताएँ


हर देश अपनी राष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता आयोजित करता है, जिसका विजेता अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपने देश का प्रतिनिधित्व करता है। भारत में भी राष्ट्रिय स्तर पर सौंदर्य प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है जिनमे निम्नलिखित प्रतियोगिताओं का समावेश है ।

• मिस इंडिया (Femina Miss India) – भारत में आयोजित होने वाली प्रमुख सौंदर्य प्रतियोगिता, जिसके विजेताओं को मिस वर्ल्ड और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भेजा जाता है।

• मिस दिवा (Miss Diva) – यह प्रतियोगिता मिस यूनिवर्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए विजेता चुनती है।

• मिस इंडिया अर्थ (Miss India Earth) – इस प्रतियोगिता का विजेता मिस अर्थ में भारत का प्रतिनिधित्व करता है।

पुरुषों के लिए सौंदर्य प्रतियोगिताएँ


पुरुषों के लिए भी कई प्रतिष्ठित सौंदर्य प्रतियोगिताएँ होती हैं, जो उनके व्यक्तित्व, फिटनेस और सामाजिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करती हैं।

• मिस्टर वर्ल्ड (Mr. World) – पुरुषों की सबसे प्रतिष्ठित सौंदर्य प्रतियोगिता, जिसमें फिटनेस, बुद्धिमत्ता और समाज सेवा को महत्व दिया जाता है।

• मिस्टर इंडिया (Mr. India) – भारत में आयोजित होने वाली पुरुषों की प्रमुख सौंदर्य प्रतियोगिता, जिससे विजेता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं।

किशोरों और बच्चों के लिए सौंदर्य प्रतियोगिताएँ


ये प्रतियोगिताएँ कम उम्र के प्रतिभागियों के लिए आयोजित की जाती हैं और इनमें सौंदर्य के साथ-साथ प्रतिभा और आत्मविश्वास को बढ़ावा दिया जाता है।

• मिस टीन इंटरनेशनल (Miss Teen International) – 14-19 वर्ष की किशोरियों के लिए आयोजित प्रतियोगिता।

• लिटिल मिस वर्ल्ड (Little Miss World) – बच्चों के लिए आयोजित होने वाली एक ग्लोबल प्रतियोगिता।

विशेष श्रेणी की सौंदर्य प्रतियोगिताएँ

इन प्रतियोगिताओं का उद्देश्य विशिष्ट गुणों और विशेषताओं को सम्मानित करना होता है।

• प्लस-साइज़ सौंदर्य प्रतियोगिताएँ (Plus-Size Beauty Pageants) – यह प्रतियोगिताएँ पारंपरिक सौंदर्य मानकों को चुनौती देती हैं और आत्मविश्वास तथा विविधता को बढ़ावा देती हैं। इस प्रतियोगिता में मिस कर्वी इंडिया (Miss Curvy India) का समावेश होता है

• ट्रांसजेंडर सौंदर्य प्रतियोगिताएँ – ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए विशेष रूप से मिस इंटरनेशनल क्वीन (Miss International Queen) जैसे प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है

• दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सौंदर्य प्रतियोगिताएँ – विशेष रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के लिए भी मिस व्हीलचेयर वर्ल्ड (Miss Wheelchair World) जैसी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है ।

सौंदर्य प्रतिस्पर्धाओं का महत्व





सौंदर्य प्रतिस्पर्धाएँ (Beauty Pageants) केवल ग्लैमर और फैशन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये प्रतिभागियों के आत्मविश्वास, व्यक्तित्व विकास और सामाजिक जिम्मेदारियों को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती हैं। इन प्रतियोगिताओं का समाज, संस्कृति और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता :- सौंदर्य प्रतियोगिताएँ महिलाओं को आत्मविश्वास और स्वतंत्रता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह प्रतियोगिताएँ न केवल सुंदरता का आकलन करती हैं, बल्कि प्रतिभागियों को व्यक्तित्व विकास, नेतृत्व कौशल और सामाजिक जागरूकता की ओर भी प्रेरित करती हैं। सौंदर्य प्रतियोगिताएँ महिलाओं को आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का एक प्रभावी मंच प्रदान करती हैं। इस मंच के माध्यम से कई पूर्व विजेताओं ने मॉडलिंग, बॉलीवुड, पत्रकारिता और उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई है।

वैश्विक मंच पर पहचान:- ये प्रतिस्पर्धाएँ विभिन्न देशों की संस्कृति और परंपराओं को एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर देती हैं। भारत की प्रतियोगियों ने कई बार मिस वर्ल्ड, मिस यूनिवर्स जैसे खिताब जीतकर देश का नाम रोशन किया है।

सामाजिक और परोपकारी कार्यों को बढ़ावा:- सौंदर्य प्रतियोगिताओं के माध्यम से विजेता कई सामाजिक अभियानों से जुड़ती हैं, जैसे शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य सेवाएँ। मिस वर्ल्ड और मिस अर्थ जैसी प्रतियोगिताएँ विशेष रूप से समाज सेवा से जुड़ी होती हैं।

फैशन और मनोरंजन उद्योग को बढ़ावा:- सौंदर्य प्रतिस्पर्धाएँ फैशन और मनोरंजन उद्योग के लिए नए चेहरों की खोज करती हैं।

पर्यटन और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:- जब किसी देश में अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता आयोजित होती है, तो वह पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती है। सौंदर्य उद्योग, ब्रांड एंडोर्समेंट और मीडिया सेक्टर को भी इन प्रतियोगिताओं से लाभ मिलता है।

सौंदर्य प्रतिस्पर्धाओं का प्रभाव

आत्म-विश्वास और व्यक्तित्व विकास: ये प्रतियोगिताएँ प्रतिभागियों में आत्म-विश्वास और संचार कौशल को बढ़ावा देती हैं।

समाज सेवा और जागरूकता: कई सौंदर्य प्रतियोगिताएँ पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण और शिक्षा जैसे सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का कार्य करती है ।

करियर अवसर: विजेता और प्रतिभागी मॉडलिंग, अभिनय और सामाजिक कार्यों में करियर बना सकते हैं।

संस्कृति का आदान-प्रदान: ये प्रतियोगिताएँ विभिन्न संस्कृतियों के बीच संबंधों को मजबूत करती हैं।

प्रतिस्पर्धाओं से जुड़े नकारात्मक प्रभाव और आलोचनाएँ

• सौंदर्य की परिभाषा तक सीमित होना: अक्सर इन प्रतियोगिताओं को केवल शारीरिक सुंदरता को बढ़ावा देने के लिए आलोचना झेलनी पड़ती है, क्योंकि कई बार इनमें बाहरी सौंदर्य को ही प्राथमिकता दी जाती है, जिससे समाज में गलत मानदंड स्थापित होते हैं।

• महिलाओं की वस्तुकरण की संभावना: कुछ आलोचक मानते हैं कि ये प्रतियोगिताएँ महिलाओं को केवल सुंदरता के आधार पर आँकने का कार्य करती हैं।

• मानसिक तनाव और प्रतिस्पर्धा: प्रतिभागियों पर जीतने का दबाव और हार का प्रभाव मानसिक तनाव उत्पन्न कर सकता है।

• पारदर्शिता की कमी: कभी-कभी प्रतियोगिताओं में पक्षपात और भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं।

भारत की प्रतिष्ठित सौंदर्य प्रतियोगिता विजेता


भारत ने अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिताओं में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है, विशेष रूप से मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स जैसे प्रतिष्ठित खिताबों में। 1966 में, रीता फारिया(Reita Faria) ने मिस वर्ल्ड का ताज पहनकर भारत के लिए यह खिताब जीतने वाली पहली महिला बनीं। इसके बाद, 1994 में ऐश्वर्या राय(Aishwarya Rai) ने मिस वर्ल्ड का खिताब जीता, जबकि उसी वर्ष सुष्मिता सेन(Sushmita Sen) ने मिस यूनिवर्स का ताज पहनकर इतिहास रचा। 1997 में, डायना हेडन(Diana Hayden) ने मिस वर्ल्ड का खिताब जीता, और 1999 में युक्ता मुखी(Yukta Mukhi) ने इसी प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त की। 2000 में, प्रियंका चोपड़ा(Priyanka Chopra )ने मिस वर्ल्ड का ताज जीता, जबकि लारा दत्ता(Lara Dutta) ने मिस यूनिवर्स का खिताब अपने नाम किया। 2010 में, निकोल फारिया(Nicole Faria) ने मिस अर्थ का खिताब जीतकर भारत का गौरव बढ़ाया। हाल ही में, 2017 में मानुषी छिल्लर(Manushi Chhillar) ने मिस वर्ल्ड का ताज पहना, और 2021 में हरनाज़ संधू(Harnaaz Sandhu) ने मिस यूनिवर्स का खिताब जीता।

सौंदर्य प्रतियोगिता से जुड़े कुछ रोचक तथ्य


• पहली अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता 1951 में यूनाइटेड किंगडम (UK) में आयोजित की गई थी।

• पहली ब्रह्मांड सुंदरी (Miss Universe) प्रतियोगिता 1956 में लांग बीच, कैलिफोर्निया, अमेरिका में हुई थी, जिसमें फिनलैंड की अर्मि कूसेला ने जीत हासिल की थी।

• मिस यूनिवर्स और मिस वर्ल्ड ये दोनों प्रतियोगिताएँ दुनिया भर की सुंदर और प्रतिभाशाली महिलाओं का मूल्यांकन करती हैं, जहाँ न केवल शारीरिक सौंदर्य बल्कि बुद्धिमत्ता, व्यक्तित्व और सामाजिक कार्यों को भी महत्व दिया जाता है।

• हर साल 8 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता दिवस मनाया जाता है।

• सौंदर्य प्रतियोगिताओं विजेताओं को पुरस्कार स्वरुप खिताब (Title), मुकुट (Crown), सैश (Sash), गुलदस्ते (Bouquets), राजदंड (Scepter), बचत बांड (Savings Bonds), छात्रवृत्ति (Scholarships) इत्यादि प्रदान किया जाता है ।



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