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Holi Story In Hindi: होली में कैसे शुरू हुई गुलाल खेलने की प्रभा, किसने खेला सबसे पहले रंग, जानिए कहानी

Holi Kyun Manayi Jati Hai: आप होली से जुड़ी कहानी तो स्कूल टाइम से ही सुनते आ रहे होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं सबसे पहले रंगों के इस त्योहार को किसने खेलना था। आइए जानते हैं इस बारे में।

Shreya
Written By Shreya
Published on: 9 March 2025 7:30 AM IST (Updated on: 9 March 2025 7:37 AM IST)
Holi Story In Hindi: होली में कैसे शुरू हुई गुलाल खेलने की प्रभा, किसने खेला सबसे पहले रंग, जानिए कहानी
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Holi (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Holi 2025 Story: होली का त्योहार हिंदू धर्म के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इस पर्व को भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों में भी बेहद धूमधाम से सेलिब्रेट करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि (Holi Tithi) होली का त्योहार मनाया जाता है। फाल्गुन महीने में आने के कारण इसे फाल्गुनोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा इसे रंगों का त्योहार और वैदिक पर्व भी कहते हैं।

भारत में होली के इस प्रमुख त्योहार को एकता के पर्व के तौर पर भी देखा जाता है, क्योंकि इस दिन सभी लोग अलग जाति, धर्म और सामाजिक स्थिति के बावजूद एक साथ रंग खेलते हैं। आप होली से जुड़ी कहानी तो स्कूल टाइम से ही सुनते आ रहे होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं सबसे पहले रंगों के इस त्योहार को किसने खेलना था और होली पर गुलाल खेलने की प्रथा की शुरुआत कैसे हुई? अगर नहीं तो चलिए आपको बताते हैं इससे जुड़ी कथा के बारे में।

क्यों मनाई जाती है होली (Holi Kyun Manai Jati Hai)?

होली को मनाने के पीछे कई मान्यताएं और कथाएं प्रचलित हैं। आज हम आपको उन्हीं में से 3 मशहूर कहानियों के बारे में बताने जा रहे हैं।

राधा और कृष्ण से जुड़ी कथा (Radha And Krishna Holi Story)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

पौराणिक कथा और पुराणों के अनुसार, रंग वाली होली खेलने का संबंध भगवान श्रीकृष्ण और उनकी प्रेमिका राधा रानी से है। ऐसा कहा जाता है कि श्री कृष्ण ने ही ग्वालों के संग मिलकर होली खेलने की प्रथा शुरू की थी। दरअसल, श्री कृष्ण का रंग काला था और राधा रानी का गोरा। ऐसे में जब कान्हा अपनी माता यशोदा से कहते हैं कि मेरा रंग काला है और राधा का रंग गोरा तो उस पर मईया ने कृष्ण से कहा कि जो रंग तुम्हारा है, वही रंग तुम राधा को भी लगा दो, तो वो भी तुम्हारे जैसी हो जाएगी। इसके बाद ही कान्हा ने रंगों वाली होली खेली थी। यह पूरा प्रकरण फाल्गुन मास में ही हुआ था और इसी के कारण आज भी ब्रज में धूमधाम से होली खेली जाती है।

हिरण्यकश्यप, प्रह्लाद और होलिका की कथा (Hiranyakashyap Aur Prahlad Ki Kahani)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

होली से जुड़ी इस कहानी के बारे में आपने जरूर पढ़ा होगा। इस पौराणिक कथा के मुताबिक, असुर हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था, लेकिन यह बात हिरण्यकश्यप को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती थी। ऐसे में उसने क्रोध में आकर अपनी बहन होलिका, जिसे अग्नि में न जलने का वरदान मिला था, के साथ मिलकर अपने ही बेटे प्रह्लाद को जलाने की योजना बनाई।

योजना के अनुसार, होलिका अपनी गोद में प्रह्लाद को लेकर आग में बैठ गई, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से वरदान मिलने के बाद बावजूद होलिका अग्नि में जल गई और प्रह्लाद की जान बच गई। इसलिए इसे बुराई पर अच्छाई की जीत मानते हुए और प्रह्लाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है। साथ ही इसी वजह से होलिका दहन की प्रथा की भी शुरुआत हुई।

कामदेव और शिव-पार्वती से जुड़ी कथा (Kamdev Aur Shiv Se Judi Holi Ki Kahani)

(फोटो साभार-- सोशल मीडिया)

होली से जुड़ी एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, संसार की पहली होली देवों के देव महादेव ने खेली थी। मान्यताओं की मानें तो एक बार जब भगवान शिव गहरे ध्यान में थे, तब माता पार्वती ने कामदेव से अनुरोध करके शिवजी का ध्यान भंग करने को कहा था। इस पर कामदेव ने महादेव पर प्रेम बाण चलाया, जिससे शिवजी का ध्यान टूट गया। लेकिन इसके पश्चात् भगवान शिव इतने क्रोधित हुए कि कामदेव को भस्म कर दिया।

इससे कामदेव की पत्नी रति दुखी हो गईं और उन्होंने शिवजी से कामदेव को पुनर्जीवित करने का आग्रह किया। रति के आग्रह पर शिवजी ने उन्हें पुनर्जीवित किया। इसी खुशी में फाल्गुन पूर्णिमा के दिन एक भोज का आयोजन हुआ, जिसमें सभी देवी-देवताओं ने हिस्सा लिया। शिव ने डमरू बजाया तो विष्णु भगवान ने बांसुरी। वहीं, पार्वती ने वीणा बजाया और सरस्वती देवी ने गीत गाए। इसलिए बाद में इस दिन को होली के रूप में मनाया जाने लगा।

इस साल कब मनाई जाएगी होली (Holika Dahan And Holi 2025 Date)?

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

इस साल होली का त्योहार 14 मार्च को मनाया जाएगा, जबकि इसके एक दिन पहले 13 मार्च की रात को होलिका दहन किया जाएगा।

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