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Relationships: शरीर संबंधों को निभाने का है साधन
Relationships: एक आत्मा के ही दूसरी आत्मा के साथ संबंध होते हैं, शरीर तो केवल इन संबंधों को निभाने का एक साधन मात्र है
Relationships: जब आप संसार में रहते हैं, तब आपके संबंध अनेक व्यक्तियों के साथ होते हैं। जैसे माता, पिता, भाई, बहन चाचा, चाची इत्यादि। परंतु ये संबंध तभी तक रहते हैं, जब तक आप जीवित हैं। जीवन समाप्त होते ही अर्थात शरीर छोड़ते ही आपके ये सारे संबंध भी समाप्त हो जाते हैं। क्योंकि आप आत्मा हैं, शरीर नहीं।
“एक आत्मा के ही दूसरी आत्मा के साथ संबंध होते हैं, शरीर तो केवल इन संबंधों को निभाने का एक साधन मात्र है।" और ये माता-पिता भाई-बहन आदि जो संबंध हैं, ये ईश्वर ने बनाए हैं, ताकि आप दूसरों से सहायता ले सकें और दूसरों की सहायता कर सकें।”
यह सब सहायता लेने देने से व्यक्ति को शक्ति सामर्थ्य बल उत्साह तथा अन्य भी अनेक प्रकार का सहयोग मिलता है, और वह धीरे धीरे सांसारिक उन्नति करता हुआ अपने अंतिम लक्ष्य मोक्ष तक पहुंच जाता है।"
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