Indian Currency Facts : जानिए भारतीय नोट पर क्यों लिखा होता है, ‘मैं धारक को…रुपये अदा करने का वचन देता हूं "

Indian Currency Facts : भारतीय करंसी नोट में सालों से कई तरह के बदलाव आये हैं लेकिन आजतक एक चीज़ है जो कभी नहीं बदली। आइये जानते हैं वो क्या है।

Shweta Srivastava
Published on: 19 Feb 2024 5:05 AM GMT
Indian Currency Facts
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Indian Currency Facts (Image Credit-Social Media)

Indian Currency Facts : भारत को आज़ाद हुए 76 साल हो चुके हैं ऐसे में भारतीय करंसी नोटों (Indian Currency Notes) में कई तरह के बदलाव आये हैं। उसके रंग रूप से लेकर आकर तक कई तरह के बदलाव हुए हैं। जहाँ कुछ मूल्य के नोट अब बंद हो गए हैं वहीँ कुछ मूल्य के नोट आज बह चलन में हैं। साल 2016 में प्रधानमंत्री द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए गए थे। वहीँ जब नए नोट मार्केट में आये तो इनका रंग रूप और अकार सभी कुछ काफी अलग था। लेकिन इन सभी नोटों में चाहिए कितना भी बदलाव आया हो लेकिन एक चीज़ है जो आज तक नहीं बदली और वो है " ‘मैं धारक को…रुपये अदा करने का वचन देता हूं " वाक्‍य। ये पंक्ति हर भारतीय करंसी नोट पर लिखी मिलती है। क्या आपने इसपर कभी ध्यान दिया है? या आपने कभी सोचा कि ये पंक्ति इसपर क्यों लिखी होती है? साथ ही इसका क्या महत्त्व है और क्या मतलब है।

भारतीय करंसी नोटों की पूरी कहानी

‘मैं धारक को…रुपये अदा करने का वचन देता हूं " का महत्व काफी ज़्यादा है दरअसल ये वाक्य बताता है कि जो नोट आपको दिया गया है उसके वास्तविक मूल्य की पुष्टि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का गवर्नर खुद कर रहा है। साथ ही गवर्नर भी ये गारंटी दे रहा है कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी इस नोट के मूल्य के बराबर सोना संचित है। दरअसल रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया जितने रूपए का नोट छापता है उतने रूपए का सोना वो अपने पास संचित करके रख लेता है।

आपको बता दें कि भारत में करंसी नोट्स को भारतीय रिज़र्व बैंक छापता है। इतना ही नहीं भारत के गवर्नर के हस्ताक्षर भी सभी नोट पर होते हैं सिवाए एक रूपए के नोट के। भारतीय रिज़र्व बैंक को मुद्रा प्रबंधन की ज़िम्मेदारी दी गयी है इसे भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के माध्‍यम से लागू किया गया था। साथ ही भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 22 के अनुसार रिज़र्व बैंक को नोट जारी करने का अधिकार है।

इसके अलावा अगर कोई भी व्यक्ति सही नोट को लेने से इंकार करता है तो इसका मतलब ये है कि वो आरबीआई के गवर्नर या सरकार के प्रतिनिधि की आज्ञा को नहीं मान रहा है। जिसका एक मतलब ये भी है कि वो कानून को तोड़ रहा है इतना ही नहीं उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी की जा सकती है।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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