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Infant Baby Care Tips In Hindi: पहले बच्चे की माँ हैं तो जान लें बेबी केयर से जुड़ी अहम बातें
Infant Baby Care Tips In Hindi: पहले बच्चे की मां को बेबी केयर का कोई अनुभव नहीं होता है।जबकि नवजात शिशुओं की देखभाल बहुत सावधानी भरा होता है, इसलिए बेबी के केयर सम्बंधित सारी जानकारी का होना मां के लिए बहुत जरूरी है।
Infant Baby Care Tips In Hindi: मां बनने का एहसास ही अलग होता है, यह बात सिर्फ मां ही समझ सकती है कि वह क्या फील कर रही है। मां बनने के साथ-साथ होने वाले या पैदा हुए बच्चे की केयर कैसे करें(Baby Care tips) यह भी जान लेना बहुत आवश्यक है। क्योंकि अज्ञानतावश जरा सी लापरवाही बच्चे के स्वास्थ्य(Baby Health Care Tips) के लिए हानिकारक है।
नयी मां के लिए बच्चे को आसानी से हैन्डिल करना आसान नहीं है। मां के लिए बेबी केयर की सही जानकारी होना जरूरी है। आज हम हम आपके लिए बच्चे से जुड़ी जानकारियां लाएं हैं, जिसे अपनाकर आप अच्छे से अपने बच्चे की देखभाल(bacchon Ki Dekhbhal Kaise Kaise Kare) कर सकती हैं-
बेबी को गोद में लेने का तरीका(how to hold baby)
पहली बार मां बनने पर आपको सबसे पहले बेबी को सही ढंग से गोद में लेने का तरीका सीखना होता है। क्योंकि नवजात बच्चे को अगर ठीक से गोद में नहीं लेते हैं, तो उसकी रीढ़ और गर्दन की हड्डियों में दबाव बन सकता है, इसलिए बच्चे को लेने का सही तरीका मालूम होना चाहिए।
सफाई का रखें विशेष ध्यान(Take special care of cleanliness)
शुरुआती दिनों में नवजात शिशुओं को इंफेक्शन से बचाना होता है। इसलिए मां को खुद को साफ-सुथरा रखने के साथ-साथ बच्चे से लेकर हर उस चीज की सफाई का ध्यान रखना होगा जो बच्चे से जुड़ी हो। नवजात बच्चे को फीडिंग कराने से पहले मां का हाथ साफ होना अति आवश्यक है।
बच्चे को हिलाने से बचें(avoid moving the baby)
हम अक्सर देखते हैं कि जब बच्चा रोने लगता है तो लोग उसे गोद में लेकर जोर-जोर से हिलाने लगते हैं, इससे बचें।.क्योंकि बच्चे को झटका या हिलाने से मस्तिष्क चोट का खतरा रहता है, ऐसे मे बच्चे के ब्रेन हेल्थ पर इफेक्ट पड़ सकता है।
बच्चे को हवा में उछालने से बचें(Avoid tossing the baby in the air)
अक्सर लोग बच्चे को हवा में उछालते हैं और कैंच करते हैं। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिए। ये सब तरीके नवजात शिशु के लिए ठीक नहीं हैं।
डायपर बदलने के टिप्स(diaper changing tips)
नवजात बच्चे के अंडर गारमेंट्स और डायपर को बार-बार चेक करते रहना चाहिए।. क्योंकि स्वस्थ और हेल्दी बच्चा जल्दी-जल्दी पेशाब करता रहता है। ज्यादा समय तक गीले नैपी में रहने पर बच्चे में इंफेक्शन और एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है। कई बार नवजात शिशु के स्किन पर रैशेस या चकत्ते भी पड़ जाते हैं।
शिशु से बात करें(talk to baby)
विशेषज्ञों का मानना है कि नवजात बच्चों के मस्तिष्क के विकास के लिए बच्चों से बात करना जरूरी है। क्योंकि नवजात शिशु का ब्रेन विकास के क्रम में रहता है ऐसे में उसे ध्वनि और शब्दों की आवाज सक्रिय करती है।
नवजात की जरूरत समझें(understand the need of the newborn baby)
अक्सर बच्चा रो कर अपनी बात बताना चाहता है। जैसे कि बच्चा भूख लगने पर रोता है, पेशाब करने से पहले भी रोता है। इसी तरह एक मां को धीरे धीरे बच्चों का पता चलने लगता है कि उसे किस चीज़ की जरूरत है।
दूध के बोतल की सफाई जरूरी(milk bottle cleaning)
अगर आप स्तनपान नहीं कराती हैं, तो बेबी फीडिंग बोतल की सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। बोतल को भरे पानी में देर तक उबालना चाहिए। वहीं शेक करते समय बच्चों के बोतल के निप्पल को हाथ से नहीं छूना चाहिए, यह बच्चे को बीमार कर सकता है।