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International Yoga Day 2022: जानें योग करने के लाभ, बेहद ख़ास है इस साल की थीम

गौरतलब है कि आयुष मंत्रालय (Ministry of Ayush) ने ही 21 जून को दुनियाभर में आयोजित होने वाले योग दिवस की ये खास थीम मानवता के लिए योग' (Yoga For Humanity)का चुनाव किया है। बता दें कि इस थीम का चुनाव वैश्विक महामारी (COVID-19) के दौरान योग की अहम भूमिका को दिखाने के लिए खासतौर पर किया गया है।

Preeti Mishra
Written By Preeti Mishra
Published on: 20 Jun 2022 7:30 PM IST
International Yoga Day 2022
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International Yoga Day 2022

International Yoga Day 2022: योग करने से न सिर्फ आपका शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतरीन बनता है। जी हाँ प्राचीन काल से ही हमारे देश में योग को विशेष रूप से बेहतरीन स्वास्थ्य से जोड़ कर देखा जाता है। लेकिन बावजूद इसके लोगों के अंदर इसको लेकर कम जागरूकता रही। इसलिए लोगों के बीच योग के महत्व को बताने के साथ लोगों में इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस यानी इंटरनेशनल योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। बता दें हर साल योग दिवस को मनाने के लिए एक थीम भी रखी जाती है।

योग दिवस की शुरुआत कब हुई:

27 सितंबर 2014 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पूरी दुनिया से योग दिवस मनाने के लिए अपनी बात कही जिस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार कर लिया और इसके बाद 11 दिसंबर, 2014 को UNGA ने ऑफिशियली 21 जून को 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' घोषित कर दिया। उल्लेखनीय है कि इसके बाद अगले साल से ही यानी 2015 से ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस प्रत्येक साल 21 जून को 'मनाया जाने लगा।

क्या है इस साल की थीम:

बता दें कि इस साल यानी 2022 में मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के 8वें संस्करण की थीम "योग फॉर ह्यूमैनिटी" (Yoga for Humanity) यानी "मानवता के लिए योग" है। बता दें कि दुनिया भर में इसी थीम पर ही योग दिवस मनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में भारत को योग गुरु कहा जाता है। गौरतलब है कि आयुष मंत्रालय (Ministry of Ayush) ने ही 21 जून को दुनियाभर में आयोजित होने वाले योग दिवस की ये खास थीम मानवता के लिए योग' (Yoga For Humanity)का चुनाव किया है। बता दें कि इस थीम का चुनाव वैश्विक महामारी (COVID-19) के दौरान योग की अहम भूमिका को दिखाने के लिए खासतौर पर किया गया है।

इस साल कहां आयोजित होगा मुख्य कार्यक्रम:

सूत्रों के अनुसार इस बार मुख्य कार्यक्रम कर्नाटक के मैसूर में आयोजित किया जाना तय हुआ है। बता दें कि मैसूर में आयोजित इस खास कार्यक्रम का नेतृत्व स्वयं पीएम मोदी ही करेंगे।

योग दिवस का इतिहास :

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को विश्व योग दिवस मनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद से साल 2015 में 21 जून को दुनियाभर में योग दिवस मनाने के लिए तय किया गया जो अबतक जारी है।

योग दिवस 21 जून को ही क्यों मनाते हैं ?

21 जून को योग दिवस मनाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं। बता दें कि साल के 365 दिनों में से 21 जून को सबसे लंबा दिन माना जाता है। क्योकिं इस दिन उत्तरी गोलार्ध पर सूरज की सबसे ज्यादा रोशनी पड़ती है। गौरतलब है कि इस दिन सूरज जल्दी निकलने और देरी से ढलने के साथ ही इस दिन सूरज से मिलने वाली ऊर्जा सबसे ज्यादा प्रभावी होती है, जो प्रकृति की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने का काम करती है।

2022 के योग दिवस पर क्या होगा ख़ास:

इस साल का योग दिवस बेहद दिलचस्प माना जा रहा है क्योंकि इस बार 'गार्जियन रिंग' (Guardian Ring) को आकर्षण का केंद्र बनाया जा रहा है। बता दें कि यह योग का एक स्ट्रीमिंग प्रोग्राम होगा जिसके जरिए भारतीय मिशनों द्वारा विदेशों में आयोजित आईडीवाई कार्यक्रमों की डिजिटल फीड को एक साथ कैप्चर किया जा सकेगा। गौरतलब है कि इसकी शुरुआत सबसे पहले उस देश से होगी जहां सूरज सबसे पहले उगता है। यानी जापान से इसकी शुरुआत होगी बता दें कि जापान को ही उगते सूरज का देश भी माना जाता है। इसलिए सुबह 6 बजे योग दिवस को मनाने की शुरुआत होने के साथ धीरे-धीरे समय के साथ ये कार्यक्रम आगे बढ़ता जाएगा।

उल्लेखनीय है कि योग करने से हर उम्र के लोगों को बेहद शारीरिक और मानसिक फ़ायदा पहुँचता है। फिर चाहे वो बच्चे हो या बड़े या महिला या पुरुष। नियमित रूप से योग का अभ्यास करने से शरीर रोगमुक्त बनने के साथ स्ट्रेस व तनाव से भी दूर होता है। इतना ही नहीं इसके कारण रक्त संचार और पाचन तंत्र भी बेहतर होता है। लेकिन योग करते समय योगाभ्यास से जुड़े नियमों का पालन बेहद सावधानी के साथ करने की जरुरत होती है।

बता दें कि योग का शाब्दिक अर्थ जोड़ होता है। जिसका मतलब आत्मा से परमात्मा को जोड़ना भी है।उल्लेखनीय है कि प्राचीन काल से ही योग भारतीय संस्कृतिक का अभिन्न हिस्सा रहा है। लेकिन धीरे-धीरे यह भारत से होता हुआ दुनिया के कई देशों में पहुंच कर वहां के लोगों के बीच भी अपन ख़ास जगह बना चूका है।

अब तक यह रहे इंटरनेशनल योगा डे के थीम-

2015- सद्भाव और शांति के लिए योग।

2016-युवाओं को कनेक्ट करें

2017-स्वास्थ्य के लिए योग

2018-शांति के लिए योग

2019-पर्यावरण के लिए योग

2020- घर पर योग और परिवार के साथ योग

2021-योग फॉर वेलनेस

2022 - मानवता के लिए योग



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Rakesh Mishra

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