TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Irfan Pathan: कभी क्रिकेट किट खरीदने तक के पैसे नहीं थे स्विंग के किंग इरफान पठान के पास, आज हैं करोड़ों के मालिक

Irfan Pathan Biography in Hindi: भारतीय क्रिकेट टीम के खब्बू गेंदबाज़ इरफान पठान की कहानी काफी दिलचस्प है।आइये आज जानते हैं इरफान पठान के स्ट्रगल से फेम तक का सफर।

Shweta Srivastava
Published on: 25 Feb 2023 6:20 AM IST
Irfan Pathan
X

Irfan Pathan (Image Credit-Social Media)

Irfan Pathan: भारतीय क्रिकेट टीम के खब्बू गेंदबाज़ इरफान पठान की कहानी काफी दिलचस्प है। ये उनका कमाल ही था जो उनकी स्विंग होती गेंद विकेट की ओर तेज़ रफ़्तार से जाती और बल्लेबाज़ों को पवेलियन की ओर पहुंचने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगाती थी। उन ‘स्विंग का किंग’ कहा जाता था। उनकी दमदार गेंदबाज़ी कई बार भारत की जीत की वजह बनी। आइये आज जानते हैं इरफान पठान के स्ट्रगल से फेम तक का सफर।

यूँ बने इरफान पठान ‘स्विंग के किंग’

भारतीय क्रिकेट टीम को हमेशा से ऑल राउंडर्स की ज़रूरत रही है वहीँ एक ऐसा गेंदबाज़ जो टीम को मुश्किल समय में न सिर्फ अपनी गेंदबाज़ी से मैच जिताये बल्कि टीम के चेज़ करते समय भी वो बल्लेबाज़ी के जोहर दिखाए। ऐसा ही दम था इरफान पठान में। जिनकी घातक गेंदबाजी भारत के लिए कई बार मैच सेवर भी साबित हुई है।

Irfan Pathan (Image Credit-Social Media)

इरफान पठान को लेकर पाकिस्तान के क्रिकेटर रहे जावेद मियांदाद ने एक बार कहा था कि इरफान जैसे गेंदबाज़ पाकिस्तान की गली-गली में खेलते हैं। वहीँ इरफ़ान ने भी उन्हें गलत सभीत करने और अपने खेल से जवाब देने में बिलकुल भी देर नहीं लगाई। जावेद मियांदाद के बयान के बाद मार्च 2004 में इरफ़ान ने 3 मैच में 8 विकेट हासिल किए। इसके बाद जावेद मियांदाद की बोलती बंद हो गयी है।

Irfan Pathan (Image Credit-Social Media)

इरफान पठान न सिर्फ एक बेहतरीन क्रिकेटर हैं बल्कि वो एक अच्छे इंसान भी हैं। उन्हें अक्सर अपने बड़े भाई युसूफ़ पठान के साथ लोगों की मदद करते हुए देखा गया है। चाहे कोरोना महामारी हो, या गुजरात में आए बाढ़ के दौरान ज़रूरतमंदों की मदद हो।

Irfan Pathan (Image Credit-Social Media)

कोरोना महामारी के समय उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के एक मोची दोस्त की मदद की थी। उन्होंने उनकी आर्थिक रूप से मदद करने की पहल की थी। इरफान पठान का शुरूआती जीवन काफी मुश्किलों से बीता है और वो आर्थिक रूप से परेशान लोगों की मदद करने को हमेशा तैयार रहते हैं।

Irfan Pathan (Image Credit-Social Media)

गरीबी में बीता इरफान का बचपन

इरफान पठान का जन्म 27 अक्टूबर 1984 को गुजरात के बड़ौदा में हुआ था। उनका बचपन काफी गरीबी में बिता था। उनके नाम आज भले ही सबसे तेज 100 विकेट लेने का रिकॉर्ड हो लेकिन कौन जनता था कि मुश्किलों से ज़िन्दगी की चीज़ें जुटाने वाला परिवार का बेटा दुनिया में भारत का नाम ऊंचाइयों के शिखर पर ले जायेगा। आपको जान कर हैरानी हो लेकिन इरफ़ान के पिता महमूद पठान मस्जिद में मुअज्ज़िन का कार्य करते थे। घर के आर्थिक हालत बेहद बुरे थे। और इरफ़ान का बचपन मस्जिद के पीछे बने एक छोटे से कमरे में ही बीता था। इरफ़ान के माता पिता उन्हें पढ़ा लिखाकर एक इस्लामिक इस्कॉलर बनाना चाहते थे। लेकिन इरफ़ान के सपने कुछ और ही थे उन्हें बचपन से ही क्रिकेट खेलना काफी पसंद था। इसके बाद जब परिवार में सभी को उनके अंदर के इस हुनर का पता चला तो सभी उनके सपने को उड़ान भरने के लिए तैयार हो गए।

Irfan Pathan (Image Credit-Social Media)

इरफ़ान ने अपना पूरा फोकस क्रिकेट पर लगाया। इसके बाद शुरू हुई उनकी ट्रेनिंग का दौर जिसमे उन्होंने लगातार 6-6 घंटे तक चिलचिलाती धूप में प्रैक्टिस की। इरफ़ान ने एक बार ज़िक्र किया था कि उनके और भाई युसूफ के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वो नया क्रिकेट किट खरीद सके। यही वजह थी कि उन्होंने सालों तक सेकेंड हैंड क्रिकेट किट का इस्तेमाल किया।

Irfan Pathan (Image Credit-Social Media)

इरफ़ान ने अपने क्रिकेट की ट्रेनिंग पूर्व भारतीय कप्तान दत्ता गायकवाड़ से ली। इरफान ने काफी कम उम्र में बड़ौदा टीम से प्रथम श्रेणी मैच में खेलना शुरू किया। वो न सिर्फ अच्छी गेंदबाजी करते थे बल्कि बेहतरीन बल्लेबाजी भी कर लेते थे। इसके बाद इरफ़ान ने 13 साल उम्र में जूनियर क्रिकेट खेलना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने अंडर-14, अंडर-15, अंडर-16 और अंडर-19 टीमों में खेला और खुद को साबित किया। इरफ़ान को उस समय ऑल राउंडर की तरह ही देखा जाता था। इसके बाद उनके जीवन में सबसे बड़ा फेज आया जब उन्हें दिसंबर 2003 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए सीरिज़ में भारतीय क्रिकेट टीम में चुना गया। दरअसल उस समय भारत के प्रमुख गेंदबाज रहे जहीर खान चोटिल हो गए थे ऐसे में इरफ़ान को मौका दिया गया। उस समय उनकी ुरम 19 साल थी। इसी मौके की इरफ़ान को तलाश थी जो अब उनके हांथों में था। और इस मौके का पूरा लाभ उठाते हुए उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और टीम में अपनी जगह मज़बूत की। उनके क्रिकेट करियर में कई उतार चढ़ाव भी आये लेकिन इन सब के बावजूद भी उन्होंने लोगों के दिलों में अपनी अमित छाप छोड़ी और वो पकिस्तान जो इरफ़ान की आलोचना करता था उसने भी उनकी तारीफों के पुल बांधना शुरू कर दिया। फिर 4 जनवरी 2020 को इरफान ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेटों से संन्यास ले लिया। लेकिन जिस तरह से बेहद गरीबी से निकल कर उन्होंने कामयाबी का जो शिखर प्राप्त किया वो सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।



\
Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

Next Story