×

Jenabai Daruwali Biography: माफिया रानी , जिससे डी कंपनी भी डरती थी , आइए जानते हैं जेनाबाई दारुवाली की कहानी

Jenabai Daruwali Biography: मुंबई अंडरवर्ल्ड में कई ऐसे नाम है जिन्हे गुमनामी मिली लेकिन अपने दौर में इनका खौफ ऐसा था कि हर कोई इनसे डरा रहता था ऐसी ही माफिया क्वीन थीं जेनाबाई दारुवाली या जैनब बानो।

AKshita Pidiha
Written By AKshita Pidiha
Published on: 13 Dec 2024 1:42 PM IST
Jenabai Daruwali Biography
X

Jenabai Daruwali Biography (Image Credit-Social Media)

Jenabai Daruwali Biography: मुंबई, जिसे कभी बॉम्बे कहा जाता था, भारत का आर्थिक केंद्र है। इस शहर की चमक-धमक, फिल्मी दुनिया और व्यापार के बीच, इसके अंधेरे कोने भी हैं, जहां अंडरवर्ल्ड का एक अलग ही साम्राज्य रहा है। मुंबई के इस अंडरवर्ल्ड की कहानी में कई किरदार रहे हैं। लेकिन उनमें से एक नाम जो अक्सर गुमनाम रहता है, वह है जेनाबाई दारुवाली। जेनाबाई दारुवाली न केवल अंडरवर्ल्ड के भीतर अपने अद्वितीय प्रभाव के लिए जानी जाती थी, बल्कि उनकी कहानी उस दौर की झलक भी देती है, जब मुंबई अपराध और संघर्ष का अड्डा था।

जेनाबाई का प्रारंभिक जीवन

जेनाबाई का जन्म एक गरीब मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम जैनब बानो था। लेकिन लोग उन्हें प्यार और डर दोनों से जेनाबाई दारुवाली के नाम से जानते थे। उनकी शुरुआत संघर्ष भरी रही। युवा अवस्था में ही उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक तंगी को देखा और महसूस किया कि सामान्य रास्तों से उनकी गरीबी का अंत नहीं हो सकता।वह मुंबई के उन हिस्सों में पली-बढ़ीं, जहां अपराध सामान्य जीवन का हिस्सा था। उनका शुरुआती जीवन दक्षिण मुंबई के डोंगरी और मझगांव जैसे इलाकों में बीता, जो उस समय अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों के लिए बदनाम थे। यह इलाका न केवल अंडरवर्ल्ड का गढ़ था, बल्कि वहां का समाज और माहौल भी अपराध को जन्म देने के लिए तैयार था।

Jenabai Daruwali Biography (Image Credit-Social Media)

जेनाबाई की शादी 14 साल में हो गई । बंटवारे के समय वह आंदोलन मे शामिल हुई थी । आंदोलन मे हमेशा हिन्दू को बचाने की कोशिश करती थी, जिस कारण उनके पट्टी उनको मारा करते थे । समय बीत रहा था और बीतते-बीतते बंटवारे का दौर आ गया। भारत से पाकिस्तान अलग हो रहा था। देश की जनता इधर-उधर हो रही थी। इसी दौरान जेनाबाई के पति ने उसे पाकिस्तान चलने के लिए कहा। लेकिन जेनाबाई ने इनकार कर दिया। इससे वह नाराज होकर अकेले ही पाकिस्तान चला गया। जेनाबाई अपने 5 बच्चों के साथ मुंबई के डोंगरी में ही रुक गईं।

गरीबी से बाहर निकलने के लिए जेनाबाई ने छोटे-मोटे काम शुरू किए। लेकिन जल्द ही उन्होंने देखा कि अवैध व्यापार, खासकर शराब की तस्करी में तेजी से पैसा कमाया जा सकता है। यह वह दौर था जब मुंबई के बंदरगाह के जरिए तस्करी का कारोबार चरम पर था और शराबबंदी कानून ने इसे और लाभदायक बना दिया था।

दारु का कारोबार: अंडरवर्ल्ड में प्रवेश

जेनाबाई को ‘दारुवाली’ का उपनाम उनके शराब के अवैध धंधे के कारण मिला। उस समय, भारत में शराबबंदी लागू थी और जेनाबाई ने इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया। उन्होंने शराब की अवैध तस्करी शुरू की। जेनाबाई ने यह समझ लिया था कि शराब का धंधा न केवल लाभदायक है, बल्कि इसमें प्रभावशाली लोगों से जुड़ने का अवसर भी है।

Jenabai Daruwali Biography (Image Credit-Social Media)

उन्होंने शराब तस्करी के एक व्यापक नेटवर्क की स्थापना की, जो मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में काम करता था। उनका कारोबार तेजी से बढ़ा और उन्होंने अपने प्रभाव से पुलिस, राजनेताओं और स्थानीय नेताओं को भी अपने पक्ष में कर लिया।

अंडरवर्ल्ड के बड़े नामों के साथ संबंध

जेनाबाई का नाम अंडरवर्ल्ड के बड़े नामों से जुड़ने लगा। दाऊद इब्राहिम, हाजी मस्तान, और करीम लाला जैसे माफिया डॉन के समय में जेनाबाई ने अपनी पहचान बनाई। वह केवल एक शराब तस्कर नहीं थीं; उन्होंने अंडरवर्ल्ड के भीतर खुद को एक सम्मानित और प्रभावशाली शख्सियत के रूप में स्थापित किया।

Jenabai Daruwali Biography (Image Credit-Social Media)

हालांकि, जेनाबाई दारुवाली ने प्रत्यक्ष रूप से हिंसा में हिस्सा नहीं लिया। लेकिन वह अंडरवर्ल्ड के सत्ता संघर्षों में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी थीं। उनके पास आर्थिक शक्ति थी और वह अपने संपर्कों का उपयोग करके बड़े-बड़े अपराधियों को मदद पहुंचाती थीं।

महिलाओं के लिए प्रेरणा या डर

जेनाबाई दारुवाली को अक्सर एक ऐसे किरदार के रूप में देखा जाता है, जिसने पुरुष-प्रधान अंडरवर्ल्ड में अपने लिए जगह बनाई। जहां एक ओर वह महिलाओं के लिए एक उदाहरण बन सकती थीं, वहीं दूसरी ओर उनका अपराधों से भरा जीवन कई सवाल खड़े करता है।

Jenabai Daruwali Biography (Image Credit-Social Media)

जेनाबाई के पास धन और शक्ति थी। लेकिन उन्होंने इसे हमेशा सही दिशा में नहीं इस्तेमाल किया। उन्होंने मुंबई के स्लम एरिया में अपनी सत्ता स्थापित की। लेकिन इस सत्ता के पीछे अपराध और भय का बोलबाला था।

जेनाबाई और राजनीति का संगम

अंडरवर्ल्ड और राजनीति का रिश्ता हमेशा से गहरा रहा है और जेनाबाई इसका अपवाद नहीं थीं। उन्होंने स्थानीय नेताओं और अधिकारियों को अपने पक्ष में किया। पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत के बिना उनका धंधा संभव नहीं था।

70 के दशक में मुंबई में कई डॉन बने। इसमें हाजी मस्तान, वरदराजन मुदलियार, करीम लाला से लेकर दाऊद, छोटा शकील तक थे। लेकिन सब जेनाबाई को मासी कहकर ही बुलाते थे। जेनाबाई की जरायम की दुनिया में जो पकड़ थी, उसका असर इन सभी बड़े डॉन पर दिखता था और वे कभी भी जेनाबाई के रास्ते में आने की कोशिश नहीं करते थे। वे सभी अपने व्यापार के लिए जेनाबाई से सलाह लेने लगे। जेनाबाई भी शराब के साथ-साथ स्मगलिंग के कई राजनेता उनके कारोबार से जुड़े हुए थे। जेनाबाई ने न केवल पैसे से बल्कि अपने प्रभाव से भी उन्हें लाभ पहुंचाया। यह रिश्ता आपसी लाभ का था, जहां जेनाबाई का कारोबार चलता रहा और राजनेताओं को वित्तीय लाभ मिलता रहा।

उनकी कहानी एक ऐसे युग की याद दिलाती है, जब अंडरवर्ल्ड के अपराधियों ने इस शहर पर राज किया। जेनाबाई ने अपनी बुद्धिमत्ता और साहस से न केवल खुद को स्थापित किया, बल्कि अंडरवर्ल्ड में महिलाओं की भूमिका को भी दिखाया।

हालांकि, जेनाबाई का जीवन यह भी सिखाता है कि अपराध का रास्ता कभी भी स्थायी नहीं होता। जेनाबाई की कहानी प्रेरणा और चेतावनी, दोनों के रूप में देखी जा सकती है।

जेनाबाई दारुवाली: माफिया क्वीन बनने की कहानी

मुंबई के अंडरवर्ल्ड में कई नाम गूंजे। लेकिन उनमें से एक खास नाम जेनाबाई दारुवाली था। जेनाबाई का नाम न केवल डर और आतंक का प्रतीक था, बल्कि यह एक ऐसी महिला की कहानी है जिसने पुरुष-प्रधान अपराध की दुनिया में अपनी सत्ता स्थापित की।


वह न केवल एक प्रभावशाली तस्कर थीं, बल्कि एक ऐसी शख्सियत भी थीं, जिसने मुंबई के अंडरवर्ल्ड के इतिहास में अपनी अलग छाप छोड़ी।

माफिया क्वीन बनने की राह

जेनाबाई ने धीरे-धीरे न केवल एक तस्कर बल्कि एक ‘ डॉन’ के रूप में अपनी पहचान बनाई। वह माफिया क्वीन बन गईं क्योंकि उन्होंने न केवल अपराध की दुनिया में एक अलग पहचान बनाई, बल्कि कई अन्य तस्करों और गुंडों को भी अपने अधीन कर लिया।उनकी ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई बार पुलिस भी उनके खिलाफ कार्रवाई करने से हिचकिचाती थी। जेनाबाई ने अपने साम्राज्य को बनाए रखने के लिए अपने प्रभाव और धन का इस्तेमाल किया।

महिलाओं की भूमिका और जेनाबाई का प्रभाव

जेनाबाई का उदय उस समय हुआ जब महिलाओं को न केवल अंडरवर्ल्ड बल्कि समाज के किसी भी क्षेत्र में प्रभावशाली भूमिका निभाने का मौका नहीं मिलता था। उन्होंने साबित किया कि अगर साहस और चतुराई हो, तो कोई भी महिला खुद को स्थापित कर सकती है।


लेकिन जेनाबाई की कहानी केवल प्रेरणा की नहीं है। उनके अपराध और उनकी गतिविधियों ने कई जिंदगियां तबाह कीं। उनका साम्राज्य भय और आतंक पर आधारित था, जो अंडरवर्ल्ड की क्रूर सच्चाई को उजागर करता है।

सत्ता का विस्तार और राजनीतिक संबंध

जेनाबाई ने न केवल अंडरवर्ल्ड बल्कि राजनीति में भी अपनी जगह बनाई। मुंबई की कई स्थानीय पार्टियों और नेताओं के साथ उनके संबंध थे। उनका धन और प्रभाव उन्हें एक ऐसी शक्ति बनाता था, जिसे नजरअंदाज करना मुश्किल था।कहा जाता है कि उन्होंने अपने कारोबार को बचाने के लिए पुलिस और राजनेताओं को भारी रिश्वत दी। उनका नेटवर्क इतना मजबूत था कि वह कई बार गिरफ्तारी से बच निकलती थीं।

अपराध की दुनिया का पतन

1970 और 1980 के दशक में मुंबई का अंडरवर्ल्ड बदलने लगा। ड्रग्स और जबरन वसूली जैसे अपराधों ने शराब की तस्करी की जगह ले ली। दाऊद इब्राहिम और उनके गैंग ने अंडरवर्ल्ड पर कब्जा कर लिया।

जेनाबाई का साम्राज्य धीरे-धीरे कमजोर होने लगा। पुलिस ने उनके नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश की और उनके कई साथी पकड़े गए। हालांकि, जेनाबाई ने लंबे समय तक अपने कारोबार को बनाए रखा लेकिन अंत में उन्हें पीछे हटना पड़ा।

जेनाबाई की विरासत और मृत्यु

जेनाबाई की मौत के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन कहा जाता है कि उन्होंने अपने आखिरी दिन गुमनामी में बिताए। उनके नाम और उनकी कहानी ने मुंबई के अंडरवर्ल्ड में एक अलग ही जगह बनाई।


उनकी विरासत विवादित है। कुछ लोग उन्हें एक साहसी औरत के रूप में देखते हैं, जिसने एक पुरुष-प्रधान क्षेत्र में खुद को स्थापित किया। वहीं, अन्य लोग उन्हें एक अपराधी के रूप में देखते हैं, जिसने न केवल कानून तोड़ा बल्कि कई जिंदगियों को भी तबाह किया।

मुंबई और जेनबाई

आज का मुंबई आधुनिक और प्रगतिशील है। लेकिन इस शहर का अतीत जेनाबाई और उनके जैसे कई अपराधियों की कहानियों से जुड़ा हुआ है। उनकी कहानी हमें यह याद दिलाती है कि किस तरह अपराध और सत्ता का घातक मेल एक समाज को प्रभावित कर सकता है।जेनाबाई दारुवाली न केवल एक नाम थी, बल्कि एक युग थी। उनका जीवन हमें सिखाता है कि ताकत और सत्ता का गलत इस्तेमाल कैसे समाज और खुद व्यक्ति को तबाह कर सकता है। उनका नाम अंडरवर्ल्ड की दुनिया का हिस्सा है, जो हमेशा एक रहस्य और रोमांच से भरा रहेगा।पुलिस द्वारा जेनाबाई दारुवाली को छोड़ देने के पीछे कई कारण और परिस्थितियां हो सकती हैं, जो उस समय के अंडरवर्ल्ड, राजनीति और समाज की जटिलताओं को उजागर करते हैं।

जेनाबाई दारुवाली का पुलिस से बच निकलना उनके प्रभाव, चतुराई और सिस्टम की खामियों का नतीजा था। उनके रसूख, संबंध, और रणनीतिक कौशल ने उन्हें बार-बार गिरफ्तारी और सजा से बचाया। हालांकि, यह भी कहा जा सकता है कि उनकी कहानी केवल एक अपराधी की नहीं, बल्कि उस दौर के सामाजिक, राजनीतिक, और प्रशासनिक तंत्र की भी कहानी है, जो भ्रष्टाचार और समझौतों से जकड़ा हुआ था।



Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

Next Story