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Kali Urad Dal: काली उड़द दाल का सेवन करने से ऐसे लोगों को चाहिए बचना, शारीरिक परेशानियों को और बढ़ा सकता है ये
Kali urad dal me kya hota hai: काली उड़द दाल का अत्यधिक अधिक सेवन यूरिक एसिड से ग्रसित व्यक्तियों को नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से यूरिक एसिड की परेशानी काफी गंभीर हो सकती है।
Kali urad daal: काली उड़द की दाल खाने में बेहद ही स्वादिष्ट होती है। काली उड़द में मौजूद प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, विटामिन बी-6, आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व सेहत के लिए भी फायदेमंद होती हैं। बता दें कि इस दाल में सबसे ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है।
आमतौर पर इस दाल को पचाना और दालों के मुकाबले कठिन होता है। इसलिए कुछ रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को काली उड़द की दाल का सेवन करने से परहेज़ करने की सलाह दी जाती हैं। ताकि उनकी शारीरिक परेशानियां इस दाल के सेवन से बढ़ ना जाये। इनमें कुछ प्रमुख हैं।
काली उड़द दाल का अत्यधिक अधिक सेवन यूरिक एसिड से ग्रसित व्यक्तियों को नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से यूरिक एसिड की परेशानी काफी गंभीर हो सकती है। बता दें कि यूरिक एसिड के मरीज़ों के ब्लड में पहले से ही यूरिक एसिड बढ़ा हुआ होता है, ऐसे में इस दाल का सेवन किडनी में कैल्सीफिकेशन स्टोन को उत्तेजित कर किडनी और गुर्दे से जुड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए ऐसे लोगों को उड़द दाल का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
- गठिया के मरीज़ों की परेशानी उड़द दाल का सेवन से और कई गुना ज्यादा बढ़ सकती है। आम बोल- चाल की भाषा में इस दाल को बादी कहा जाता है। मतलब ऐसा दाल जो शरीर और जोड़ों के दर्द को कई गुना बढ़ा दें।
- अपच की समस्या को तो उड़द की दाल का सेवन और ज्यादा बढ़ा देती है। इसलिए अपच और बदहजमी से जूझ रहे व्यक्तियों को उड़द की दाल का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है।
- कब्ज की परेशानी से जूझ रहे लोगों को काली उड़द की दाल नहीं खाने की सलाह दी जाती है। उड़द की दाल खाने से पेट में ब्लोटिंग और गैस बनने की समस्या ज्यादा हो जाती है। ऐसे में कब्ज की गंभीर शिकायत भी हो सकती है।