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Sonam Wangchuk Biography: कौन हैं सोनम वांगचुक, 3 इडिएट फिल्म से है खास कनेक्शन, लद्दाख से पैदल चलकर आए दिल्ली

Sonam Wangchuk Biography: सोनम वांगचुक एक जाने माने भारतीय शिक्षाविद, जलवायु कार्यकर्ता, सामाजिक सुधारक और इंजीनियर हैं। वह लद्दाख के रहने वाले हैं।

Shreya
Written By Shreya
Published on: 2 Oct 2024 12:13 PM IST
Sonam Wangchuk Biography
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Sonam Wangchuk Biography

Sonam Wangchuk Kon Hai: लद्दाख के जलवायु कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) इस समय खूब चर्चा में हैं। सोनम और उनके समर्थकों को सोमवार रात दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने दिल्ली बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया था। इसके बाद इन लोगों को दिल्ली की अलग-अलग जेलों में शिफ्ट कर दिया गया है। दरअसल, ये लोग लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर 'दिल्ली चलो पदयात्रा' कर रहे थे। जिसके तहत लद्दाख से करीब 700 किमी पैदल चलकर दिल्ली पहुंचे थे। लेकिन दिल्ली में बीएनएस की धारा 163 लागू होने की वजह से उन्हें हिरासत में ले लिया।

माना ये भी जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। ऐसे में सोनम वांगचुक का इस तरह पैदल लद्दाख से दिल्ली तक आना केंद्र सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती था। इसीलिए उन्हें हिरासत में ले लिया गया। खैर, अब विपक्षी दलों को भाजपा सरकार पर निशाना साधने का एक और मौका मिल गया है। अगर आप नहीं जानते हैं कि लद्दाख के सोनम वांगचुक कौन हैं, तो चलिए जानते हैं इनके बारे में।

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सोनम वांगचुक कौन हैं (Sonam Wangchuk Biography In Hindi)

सोनम वांगचुक एक जाने माने भारतीय शिक्षाविद, जलवायु कार्यकर्ता, सामाजिक सुधारक और इंजीनियर हैं। वह लेह, लद्दाख के एक छोटे से गांव Uleytokpo के रहने वाले हैं। उनका जन्म 1 सितंबर 1966 को लेह जिले में अलची के पास हुआ था। उनके पिता सोनम वांग्याल, एक कांग्रेस नेता थे, जो बाद में राज्य सरकार में मंत्री बनाए गए। जानकारी के मुताबिक, वांगचुक का 9 साल की उम्र तक किसी भी स्कूल में एडमिशन नहीं हुआ था। क्योंकि उनके गांव में कोई स्कूल ही नहीं था। ऐसे में उनकी मां ने ही उन्हें अपनी मातृभाषा में बेसिक शिक्षा दी। नौ साल की उम्र में उनका श्रीनगर के एक स्कूल में उनका दाखिला कराया गया। जहां उन्हें दूसरी भाषा समझने में परेशानी होती थी और ऐसे में उन्हें लोग मूर्ख समझने लगे।

सोनम वांगचुक एजुकेशन (Sonam Wangchuk Education In Hindi)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

वांगचुक ने 1987 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी श्रीनगर (तब आरईसी श्रीनगर) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा किया। उन्होंने अपनी पढ़ाई का पूरा खर्च खुद उठाया था। इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद वह उच्च शिक्षा के लिए फ्रांस चले गए। यहां ग्रेनोबल के क्रेटर स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर में अर्थेन आर्किटेक्चर की पढ़ाई की।

सोनम वांगचुक स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (Students' Educational and Cultural Movement of Ladakh, SECMOL) के संस्थापक-निदेशक हैं। इसके अलावा उन्होंने 1993 से 2005 तक लैंडेग्स मेलॉग की स्थापना की, जो लद्दाख की एकमात्र प्रिंटिंग पत्रिका है। सोनम वांगचुक बीते कई साल से शिक्षा में सुधार और लद्दाख तथा देश के विकास के लिए काम कर रहे हैं। बता दें बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान की फिल्म “थ्री इडियट” सोनम वांगचुक के जीवन से ही प्रेरित थी।

क्या है मांग

सोनम वांगचुक और उनके साथी लंबे समय से लद्दाख को अलग राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग करते रहे हैं। मालूम हो, 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद राज्य को दो हिस्सों में बांट दिया गया था और लद्दाख को बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था। ऐसे में वहां का विशेष दर्जा खत्म हो गया। इसके अलावा वांगचुक लेह और कारगिल को अलग लोकसभा क्षेत्र बनाने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। वह लद्दाख में लगातार बढ़ रही व्यावसायिक गतिविधियों के भी खिलाफ रहे हैं।

उनकी मांगों में शासन में सरकारी नौकरियों और भूमि अधिकारों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व की मांग, पूर्ण राज्य की मांग, लद्दाख में एक और संसदीय सीट को बढ़ाने की मांग शामिल है। इसको लेकर लद्दाख के लोग सोनम वांगचुक के नेतृत्व में 2019 से ही प्रदर्शन कर रहे हैं।



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