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केरल का पलक्कड़ है वेजिटेरियन्स के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन

पलक्कड़ जिला केरल के 14 जिलों में से एक है। यह 2006 से केरल का सबसे बड़ा जिला भी है।जिले का कुल क्षेत्रफल 4,480 कि॰मी है। पलक्कड़ की खूबसूरत वादियों और नज़ारों के साथ ही यह अपने विशेष खानपान के लिए काफी मशहूर है।

Roshni Khan
Published on: 11 March 2019 3:54 PM IST
केरल का पलक्कड़ है वेजिटेरियन्स के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन
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केरल का पलक्कड़ है वेजिटेरियन्स के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन

केरल: पलक्कड़ जिला केरल के 14 जिलों में से एक है। यह 2006 से केरल का सबसे बड़ा जिला भी है।जिले का कुल क्षेत्रफल 4,480 कि॰मी है। पलक्कड़ की खूबसूरत वादियों और नज़ारों के साथ ही यह अपने विशेष खानपान के लिए काफी मशहूर है। यहां के शाकाहारी भोजन में तो इतनी विविधता मिलती है कि खान-पान के शौकीन लोगों को बस मजा ही आ जाए। भोजन में चावल की प्रधानता है। उसके साथ रसम, सांभर, कोट्टुकरी आदि खाते हैं। वैसे, मदुरै डोसा, कोइकटा, सुगिएन आदि भी यह लोकप्रिय हैं।

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ये हैं कुछ विभिन्न प्रकार के भोजन

कोइकटा

कोइकटा तो एक विशेष प्रकार का व्यंजन है जो छोटी भूख मिटाने और अक्सर शाम के नाश्ते के लिए खाया जाता है। आम घरों और रेस्टोरेंट से लेकर चाय की दुकान तक में यह उपलब्ध रहता है। इसे पकाना बहुत सरल है। चावल के आटे को गरम पानी में गूंथकर उसकी बड़ी-बड़ी लोइयां बना ली जाती हैं। उन लोइयों में कद्दूकस किया हुआ नारियल गुड़ में मिलाकर भर लिया जाता है। लोइयों को बंदकर उन्हें गोल गेंद का आकार दे दिया जाता है, फिर उन्हें भाप में पकाया जाता है। इस प्रकार एक स्वादिष्ट और पौष्टिक नाश्ता मिल जाता है।

ओलन

ओलन लाल पपीते, लंबी हरी चावली, लाल सूखी चावली, कोकोनट मलिक और नारियल के तेल में बनाया जाता है। और सांभर के साथ परोसा जाता है।

मैंगो थोकू

ये यहां का बहुत ही स्वादिष्ट अचार है जिसे बनाने के बाद आप 3 से 5 हफ्तों तक इसका जायका ले सकते हैं। रोटी और ब्रेड के साथ इसका स्वाद दुगुना हो जाता है। आम, लाल मिर्च, करी पत्ते, हींग, हल्दी से बनने वाले इस अचार को यहां के लोग उंगलियां चाट-चाट कर खाते हैं।

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थुवायल

भुने चने, नारियल, करी पत्ते और लाल मिर्च से मिलकर बनने वाली ये डिश जितनी स्वादिष्ट होती है उतनी ही हेल्दी। जिसे यहां के लोग नाश्ते में सर्व करते हैं।

पायसम

ऐसा माना जाता है कि खाने के बाद मीठा खाना डाइजेशन के लिए बहुत अच्छा होता है। और एक एक खास वजह रही होगी मीठे खानपान को इजात करने की। जहां नार्थ इंडियन फूड में खीर, हलवा और तरह-तरह की मिठाइयां खाई जाती हैं वहीं केरल में इसकी कमी पायसम से पूरी की जाती है। आम, चीनी, गुड़, केसर, कोकोनट मिल्क और घी से बनने वाला पायसम वाकई लाजवाब होता है।

चकाकुरू थोरन

नाम सुनकर कुछ समझ नहीं आएगा लेकिन देखकर और खाकर आप इसके दीवाने हो जाएंगे। कटल के बीज से बनने वाली इस सब्जी को यहां के लोग बड़े चाव से खाते हैं। सबसे अच्छी बात होती है कि इसे बनाने में बहुत ज्यादा समय भी नहीं लगता।

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यह शहर अपने रवा केसरी, पलक्कड़ हलवा और केले के चिप्स को लेकर भी बहुत प्रसिद्ध है। तो यहां जब भी आएं इन खास जायकों को चखना बिल्कुल न मिस करें।



Roshni Khan

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