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ऐसा क्यों होता है ब्लेड, जानिए आकार से जुड़ा ये इंटरेस्टिंग रहस्य

दाढ़ी बनाने से लेकर हेयर कटिंग तक हर काम के लिए रोजमर्रा की जिंदगी में रेजर का इस्तेमाल किया जाता हैं। रेजर में लगी ब्लेड चाहे किसी भी कंपनी की हो, लेकिन उसका आकार हमेशा से एक ही होता हैं। आखिर ब्लेड को एक खास डिजाइन में ही क्यों बनाया जाता है।

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 1 Aug 2020 2:16 PM GMT
ऐसा क्यों होता है ब्लेड, जानिए आकार से जुड़ा ये इंटरेस्टिंग रहस्य
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प्रतीकात्मक

जयपुर : दाढ़ी बनाने से लेकर हेयर कटिंग तक हर काम के लिए रोजमर्रा की जिंदगी में रेजर का इस्तेमाल किया जाता हैं। रेजर में लगी ब्लेड चाहे किसी भी कंपनी की हो, लेकिन उसका आकार हमेशा से एक ही होता हैं। आखिर ब्लेड को एक खास डिजाइन में ही क्यों बनाया जाता है। ब्लेड बनाने की जितनी भी कंपनियां हैं किसी ने इसके डिजाइन में बदलाव क्यों नहीं है। इसके पीछे की वजह है जिलेट कंपनी, जिसने ब्लेड बनाने की शुरुआत की थी।

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इस कंपनी ने की शुरुआत

जिलेट कंपनी के संस्थापक किंग कैंप जिलेट ने 1901 में अपने सहयोगी विलियम निकर्सन के साथ मिलकर ब्लेड डिजाइन किया। उस वक्त ब्लेड का वैसा ही डिजाइन था जैसा कि आज हम देखते हैं। किंग कैंप जिलेट ने डिजाइन बनाने के बाद उसे पेटेंट करा लिया और साल 1904 में उसका उत्पादन शुरू कर दिया।

ब्लेड के बीच में बनाया गया आकार किस काम आता है, इसका ऐसा शेप क्यों होता है। साल 1904 में जब जिलेट कंपनी ने पहला ब्लेड लॉन्च किया था तब वो दोधारी ब्लेड हुआ करता था। इस ब्लेड को रेजर में बोल्ट के सहारे फिक्स कर सकते थे। उस समय यह पेटेंट सिर्फ जिलेट के पास ही था और वही इस डिजाइन के प्लेट बना सकता था।

इस वजह ये डिजाइन बना

25 सालों के बाद जब यह पेटेंट एक्सपायर हो गया तो कई कंपनियों ने इस प्रकार के ब्लेड बनाने शुरू कर दिए। रेजर उस समय भी जिलेट कंपनी के ही आते थे इसी वजह से सारी कंपनियों ने जिलेट के डिजाइन का ही ब्लेड बनाना शुरू कर दिया और यही आगे चलकर एक ट्रेंड बन गया। ब्लेड इसलिए भी इतना पतला बनाया गया ।क्योंकि अगर इसे बीच में से इस आकार का डिजाइन ना दिया जाता तो यह हल्का सा भी इस्तेमाल करने पर टूट जाता था। इसको फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करने के लिए इस तरह का डिजाइन किया गया।

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ऐसे मिला आईडिया

1890 में जिलेट कंपनी के संस्थापक किंग कैंप जिलेट बोतल का ढक्कर बनाने वाली कंपनी में सेल्समैन का काम करते थे। नौकरी के दौरान उन्होंने देखा कि लोग इस्तेमाल के बाद बोतलों के ढक्कन फेंक देते है। फिर भी ऐसी छोटी सी चीज से इतनी बड़ी कंपनी चल रही है। ऐसे में उन्होंने भी कुछ ऐसी ही चीज बनाने की सोची, जो लोगों के लिए सस्ता हो और यूज के बाद फेंक दें। उस दौर में लोग उस्तरे से शेविंग किया करते थे। लेकिन उस्तरे से सेविंग करना काफी खतरनाक होता था साथ ही इसमें काफी वक्त लगता था। किंग कैंप ने उस्तरे का एक विकल्प तलाशने की कोशिश की और दो धार वाली सेफ्टी रेजर बनाया। साल 1901 के दिसंबर महीने में उन्होंने इसकी डिजाइन को पेटेंट करा लिया।

Suman  Mishra | Astrologer

Suman Mishra | Astrologer

एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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