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जानिए किस छोटे से गांव से शुरू हुआ था फटी जींस का ट्रेंड

मोटे कपड़े से बने होने और कई कलर-डिजाइन में आने के चलते ये लोगों के बीच काफी पॉपुलर हो गई है। मगर क्या आपको पता है दुनिया की पहली जींस बनाने का पेटेंट सबसे पहले लेविस कंपनी को मिला था जिसने इसे पहली बार बनाया था।

SK Gautam
Published on: 30 May 2019 12:24 PM GMT
जानिए किस छोटे से गांव से शुरू हुआ था फटी जींस का ट्रेंड
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नई दिल्ली : हम जानते हैं की जींस शब्द से आपका बहुत ही पुराना परिचय है लेकिन फिर भी हम आपको बता दें कि इसको कोयले की खान में काम करने वाले कामगारों के लिए ख़ासतौर पर बनाया गया था। लेकिन जींस ने जिस तरह से हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में जगह बना लिया है और लगातार पहनी जाने वाली जींस इन दिनों सबकी जरूरत बन चुकी है।

मोटे कपड़े से बने होने और कई कलर-डिजाइन में आने के चलते ये लोगों के बीच काफी पॉपुलर हो गई है। मगर क्या आपको पता है दुनिया की पहली जींस बनाने का पेटेंट सबसे पहले लेविस कंपनी को मिला था जिसने इसे पहली बार बनाया था।

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अब आइए जानते हैं इस जींस से जुड़ी कुछ खास बातें –

1.यूं तो अमूमन लोग जींस खरीदते समय उसके ब्रांड और कलर पर ध्यान देते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि जींस की क्वालिटी देखने के लिए उसकी पॉकेट देखना बहुत जरूरी है।

2.दरअसल जींस बनाने का पहला पेटेंट सबसे पहले लेविस कंपनी को मिला था। उसने जींस को मजबूती देने के लिए इसकी पॉकेट में कई सारे आईलिड यानि लोहे वाले बटन लगाए थे। इससे काम के दौरान जींस को सपोर्ट मिलता था।

3.जींस बनाने वाली कंपनी ने आगे और पीछे दोनों पॉकेट्स में कई आईलिड लगाए थे, लेकिन

कस्टमर्स की शिकायत पर बाद में जींस के पीछे लगने वाले बटन को हटा दिया गया। लोगों को कहना था कि चेयर या सोफे पर बैठने पर वो फंस जाते थे।

4.जींस की पॉकेट आजकल फैशन के हिसाब से बदल गई हैं। मगर आज भी अच्छी क्वालिटी के जींस की पहचान उसकी जेब से होती है। तभी अच्छी जींस में पॉकेट ऐसे बनाए जाते हैं जिसमें सामान भी रख लें, साथ ही आप आरामदायक भी महसूस करें।

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5.जींस से जुड़ी एक और बात बेहद दिलचस्प है वो है नीले रंग का चलन। बताया जाता है कि जब पहली जींस बनाई गई थी तब वो दो रंगों में आती थी। जिसमें पहली थी इंडिगो ब्लू कलर और दूसरा थी ब्राउन। क्योंकि ये दोनों ही गहरे रंग के थे इसलिए ये जल्दी गंदी नहीं होते थे। वही ट्रेंड आज भी जारी है। हालांकि इसमें और कई वैरायटी शामिल हो गई हैं।

6.पहले जब जींस बनाई गई थी तब इसकी जिप यानि चेन भी अलग पैटर्न में लगी होती थी। अब लेडीज और जेंट्स दोनों के ही जींस में चेन बीच में लगी होती है। मगर पहले लेडीज जींस में ये साइड में और जेंट्स की जींस में बीच में लगी होती थी।

7.वक्त के साथ जींस के पैटर्न में भी बदलाव किए गए। इसके तहत न्यूयॉर्क ईस्ट गांव में लिम्बो नामक एक बुटीक ने कुछ चेंजेस किए। इसमें उसने नई जींसों को धोकर उसे हल्का कट करके पहनने का चलन शुरू किया।

8.उस बुटीक का ये फैशन सेंस लोगों को बहुत पसंद आने लगा। तब से फटी जींस का मार्केट में ट्रेंड बढ़ गया।

9.पहले जींस को नीले रंग का कलर करने के लिए प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता था। इसके लिए कई फूलों को मिलाया जाता था। बाद में इसे सिंथेटिक रंगों से रंगा जाने लगा।

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10.नीली जींस पहनने का ट्रेंड द्वितीय विश्व युुद्ध के बाद से शुरू हुआ था। तब यूनाइटेड स्टेट के सैनिकों ने आफ द डूयटी इस रंग की जींसे पहनी थीं।

SK Gautam

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