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Haldi Ceremony During Weddings: शादी पर क्यों होती है हल्दी की रस्म, जानकार हैरान रह जायेंगे आप

Haldi Ceremony During Weddings: शादी के दौरान हल्दी की रस्म को काफी अहम समझा जाता है ऐसे में क्या आपको ये पता है कि इसे क्यों किया जाता है। आइये आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं।

Shweta Srivastava
Published on: 14 Dec 2023 12:24 PM IST
Haldi Ceremony During Weddings
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Haldi Ceremony During Weddings (Image Credit-Social Media)

Haldi Ceremony During Weddings: भारत में इस वक्त शादियों का सीजन चल रहा है। वहीँ इस दौरान कई रस्मे होती हैं। हल्दी समारोह हर शादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये रस्म क्यों की जाती है? इसके पीछे की वजह जानकार आप भी दंग रह जायेंगे। आइये जानते हैं हर शादी में पहले हल्दी की रस्म करने के पीछे आखिर क्या वजह है।

शादी पर क्यों होती है हल्दी की रस्म

हल्दी का उपयोग बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इससे शादी के दिन दूल्हा-दुल्हन की आत्मा शुद्ध हो जाती है। इस समारोह को उत्तर भारत में हल्दी, मुसलमानों के लिए मांझा, पारसियों के लिए सुप्रा नु मूरत और ईसाइयों के लिए रोसे के नाम से जाना जाता है। इसे सुबह या शादी से एक या दो दिन पहले मनाया जा सकता है। पारसी में इस समारोह को अलग ढंग से मनाया जाता है। इस अनुष्ठान में पांच विवाहित महिलाएं भाग लेती हैं, जिसमें दुल्हन बीच में बैठती है, जबकि अन्य चार से उसे धीरे रखतीं है। इसमें वे ओखली और मूसर का उपयोग करके हल्दी और दूध का पेस्ट तैयार करते हैं। हिंदू विवाह में इसे हल्दी समारोह कहा जाता है, जिसमें दूल्हा-दुल्हन के शरीर पर हल्दी लगाई जाती है। आइये इस अनुष्ठान के महत्व को विस्तार से समझते हैं।

शादी में हल्दी की रस्म बेहद खास होती है. भले ही आज इसे अलग अलग तरह से और होली की तरह मनाया जा रहा है लेकिन इसके महत्त्व को कभी कम नहीं किया जा सकता। दरअसल प्रारंभ में, माताएँ और परिवार के सदस्य आशीर्वाद के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं। दूल्हा-दुल्हन के पैरों और शरीर पर हल्दी लगाई जाती है। इस दौरान महिलाएं अनुष्ठान से जुड़े पारंपरिक गीत गाती हैं। इस अंतरंग समारोह में उपस्थित भाई-बहन, माता-पिता और अन्य लोग एक-दूसरे को हल्दी लगाते हैं। कई विशेषज्ञ और पुजारियों का मानना है कि हल्दी लगाने के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि इसे जोड़े के भावी जीवन के लिए समृद्धि का संकेत माना जाता है।

हल्दी हर तरह से काफी शुभ भी मानी गए है। इसका प्रयोग विवाह के अलावा अन्य पूजा-पाठ में भी किया जाता है। ये नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने में मदद करने के लिए भी जानी जाती है। वहीँ हल्दी समारोह भगवान गणेश की उपस्थिति में होता है। इसे भगवान गणेश को साक्षी मानकर चढ़ाया और उतारा जाता है। भविष्य में जोड़े द्वारा की गई किसी भी गलती की जवाबदेही से बचने के लिए माता-पिता या अभिभावक द्वारा हल्दी को हटा दिया जाता है। इसके अलावा हल्दी को प्रेम की निशानी भी माना जाता है।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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