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What Is Dark Matter & Dark Energy: क्या है डार्क मैटर और डार्क एनर्जी का रहस्य

Kya Hai Dark Matter & Energy Ka Rahasya: डार्क मैटर और डार्क एनर्जी आज भी विज्ञान के सबसे बड़े रहस्यों में से एक हैं।

Shivani Jawanjal
Written By Shivani Jawanjal
Published on: 12 March 2025 7:10 AM IST (Updated on: 12 March 2025 7:10 AM IST)
What Is Dark Matter & Dark Energy: क्या है डार्क मैटर और डार्क एनर्जी का रहस्य
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What Is Dark Matter & Dark Energy (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

What Is Dark Matter & Dark Energy: ब्रह्मांड सदैव से ही मानव जिज्ञासा का विषय रहा है। विज्ञान और खगोलशास्त्र में प्रगति के बावजूद, आज भी ब्रह्मांड के कई रहस्य वैज्ञानिकों के लिए अनसुलझे बने हुए हैं। इनमें से दो प्रमुख रहस्य हैं डार्क मैटर (अंधकार पदार्थ) और डार्क एनर्जी (अंधकार ऊर्जा)। इन दोनों की मौजूदगी वैज्ञानिकों के लिए एक गूढ़ पहेली है क्योंकि इन्हें प्रत्यक्ष रूप से देखा या मापा नहीं जा सकता, लेकिन उनके प्रभावों को जरूर महसूस किया जा सकता है। आइए इन रहस्यमय तत्वों को विस्तार से समझते हैं।

डार्क मैटर क्या है – What is Dark Matter?

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

डार्क मैटर एक प्रकार का अदृश्य पदार्थ है, जो ब्रह्मांड की अधिकांश द्रव्यमान (mass) को बनाता है, लेकिन इसे न तो प्रकाश के माध्यम से देखा जा सकता है और न ही सीधे मापा जा सकता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ब्रह्मांड का लगभग 27% हिस्सा डार्क मैटर से बना है। इसकी खोज का आधार गुरुत्वाकर्षण बल है, जो आकाशगंगाओं और ब्रह्मांडीय संरचनाओं को एक साथ बांधे रखता है।

डार्क मैटर की खोज कैसे हुई- How Was Dark Matter Discovered?

डार्क मैटर के अस्तित्व का पहला संकेत 1930 के दशक में स्विस खगोलशास्त्री फ्रिट्ज ज़्विकी ने दिया था। उन्होंने देखा कि आकाशगंगा समूहों की गतिशीलता उस द्रव्यमान से मेल नहीं खाती जो हमें दिखाई देता है। इसके बाद, 1970 के दशक में अमेरिकी खगोलशास्त्री वेरा रूबिन और उनके सहयोगियों ने यह पाया कि आकाशगंगाओं के बाहरी किनारे पर तारों की गति अपेक्षा से अधिक तेज़ थी, जिसे समझाने के लिए एक अदृश्य द्रव्यमान की आवश्यकता थी।

डार्क मैटर की विशेषताएँ - Characteristics of Dark Matter

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

यह किसी प्रकार का पदार्थ है लेकिन प्रकाश या विद्युत चुम्बकीय तरंगों के साथ कोई क्रिया नहीं करता।

यह केवल गुरुत्वाकर्षण बल के माध्यम से अन्य पिंडों को प्रभावित करता है।

यह आकाशगंगाओं को एक साथ बांधे रखता है और उनके फैलाव को नियंत्रित करता है।

इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है, लेकिन इसके प्रभावों से इसका अनुमान लगाया जाता है।

डार्क मैटर के संभावित कण - Possible Particles Of Dark Matter

वैज्ञानिकों का मानना है कि डार्क मैटर वीकली इंटरैक्टिंग मैसिव पार्टिकल्स (WIMPs) या ऐक्सियॉन्स (Axions) जैसे कणों से बना हो सकता है, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

डार्क एनर्जी क्या है - What is Dark Energy?

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

डार्क एनर्जी एक रहस्यमय ऊर्जा है, जो ब्रह्मांड के विस्तार को तेज़ी से बढ़ाने के लिए जिम्मेदार मानी जाती है। वैज्ञानिक अनुमानों के अनुसार, ब्रह्मांड का लगभग 68% भाग डार्क एनर्जी से भरा हुआ है। यह ऊर्जा गुरुत्वाकर्षण के विपरीत कार्य करती है और आकाशगंगाओं को एक-दूसरे से दूर धकेलती है।

डार्क एनर्जी की खोज कैसे हुई - How Was Dark Energy Discovered?

1998 में दो स्वतंत्र खगोलशास्त्री समूहों ने सुपरनोवा (सुपरनोवा टाइप Ia) का अध्ययन किया और पाया कि ब्रह्मांड की विस्तार दर लगातार बढ़ रही है, जबकि पहले यह सोचा जाता था कि गुरुत्वाकर्षण के कारण यह विस्तार धीरे-धीरे धीमा हो जाएगा। इस अवलोकन के कारण वैज्ञानिकों को डार्क एनर्जी की अवधारणा को स्वीकार करना पड़ा।

डार्क एनर्जी की विशेषताएँ - Characteristics of Dark Energy

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

यह ब्रह्मांड के हर स्थान पर समान रूप से फैली हुई है।

यह आकाशगंगाओं को एक-दूसरे से दूर धकेलती है, जिससे ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है।

इसका प्रभाव तब अधिक स्पष्ट होता है जब हम विशाल ब्रह्मांडीय संरचनाओं को देखते हैं।

डार्क एनर्जी के मूलभूत गुण अभी भी पूरी तरह से ज्ञात नहीं हैं।

डार्क एनर्जी के संभावित स्पष्टीकरण- Possible Explanation of Dark Energy

कॉस्मोलॉजिकल कॉन्स्टेंट (Λ): आइंस्टीन ने अपने सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत में एक स्थिरांक (Λ) जोड़ा था, जो स्पेस में एक ऊर्जा घनत्व को दर्शाता है। इसे ही बाद में डार्क एनर्जी से जोड़ा गया।

क्विंटेसेंस (Quintessence): यह एक परिकल्पित गतिशील ऊर्जा क्षेत्र है, जो समय के साथ बदल सकता है।

मॉडिफाइड ग्रैविटी (Modified Gravity): कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि हमें गुरुत्वाकर्षण के नियमों को नए सिरे से समझने की आवश्यकता है।

डार्क मैटर और डार्क एनर्जी के प्रभाव

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

डार्क मैटर के प्रभाव – Effects of dark matter

डार्क मैटर एक ऐसा अदृश्य पदार्थ है, जो गुरुत्वाकर्षण बल उत्पन्न करता है और आकाशगंगाओं को बाँधे रखता है। इसके प्रभाव इस प्रकार हैं:-

गैलेक्सियों को स्थिर बनाए रखना - डार्क मैटर आकाशगंगाओं को बिखरने से बचाता है और उन्हें जोड़कर रखता है। अगर यह न हो, तो गैलेक्सियाँ अपने ही भार से टूट सकती हैं।

गुरुत्वीय लेंसिंग (Gravitational Lensing) - जब प्रकाश किसी विशाल द्रव्यमान (जैसे आकाशगंगा) के पास से गुजरता है, तो डार्क मैटर के कारण वह झुक जाता है, जिससे हम दूर की वस्तुओं को बेहतर देख सकते हैं।

ब्रह्मांड की संरचना बनाना - वैज्ञानिकों के अनुसार, डार्क मैटर ने ब्रह्मांड में प्रारंभिक समय में संरचनाओं (गैलेक्सियों और तारों के समूह) को बनने में मदद की।

डार्क एनर्जी के प्रभाव - Effects of dark energy

डार्क एनर्जी वह रहस्यमय शक्ति है, जो ब्रह्मांड के विस्तार को तेज़ी से बढ़ा रही है। इसके प्रभाव इस प्रकार हैं:

ब्रह्मांड का विस्तार - डार्क एनर्जी के कारण ब्रह्मांड लगातार फैलता जा रहा है और यह विस्तार समय के साथ तेज़ हो रहा है।

गैलेक्सियों की दूरी बढ़ रही है - आकाशगंगाएँ एक-दूसरे से दूर जा रही हैं, क्योंकि डार्क एनर्जी एक विरोधी बल के रूप में कार्य कर रही है और गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव को कमजोर कर रही है।

ब्रह्मांड का संभावित भविष्य - अगर डार्क एनर्जी का प्रभाव जारी रहा, तो ब्रह्मांड अनंत तक फैलता रहेगा या एक दिन सभी गैलेक्सियाँ इतनी दूर हो जाएँगी कि अंधकार में विलीन हो जाएँगी।

डार्क मैटर और डार्क एनर्जी का अध्ययन कैसे किया जाता है?

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

डार्क मैटर (Dark Matter) और डार्क एनर्जी (Dark Energy) ब्रह्मांड के दो सबसे बड़े रहस्य हैं। ये प्रत्यक्ष रूप से दिखाई नहीं देते, लेकिन इनके प्रभावों को खगोलविद विभिन्न वैज्ञानिक तरीकों से अध्ययन करते हैं।

डार्क मैटर का अध्ययन

डार्क मैटर एक अदृश्य पदार्थ है जो गुरुत्वाकर्षण बल के माध्यम से अन्य वस्तुओं को प्रभावित करता है। इसे निम्नलिखित तरीकों से अध्ययन किया जाता है:-

आकाशगंगाओं की गति (Galaxy Rotation Curves)

• खगोलविद आकाशगंगाओं में तारों की कक्षीय गति को मापते हैं।

• न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियमों के अनुसार, आकाशगंगा के केंद्र से दूर स्थित तारों को धीमी गति से घूमना चाहिए, लेकिन वे अपेक्षा से तेज गति से घूमते हैं।

• यह संकेत करता है कि वहाँ एक अदृश्य पदार्थ (डार्क मैटर) मौजूद है, जो अतिरिक्त गुरुत्वाकर्षण बल प्रदान कर रहा है।

गुरुत्वीय लेंसिंग (Gravitational Lensing)

• जब प्रकाश किसी विशाल वस्तु (जैसे गैलेक्सी क्लस्टर) से होकर गुजरता है, तो उसकी दिशा मुड़ जाती है।

• कभी-कभी यह मोड़ इतना अधिक होता है कि यह डार्क मैटर के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव को उजागर करता है।

• हबल स्पेस टेलीस्कोप और जेम्स वेब टेलीस्कोप जैसी वेधशालाएँ इस प्रभाव का अध्ययन करती हैं।

कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (Cosmic Microwave Background - CMB)

• बिग बैंग के बाद उत्पन्न हुई रेडिएशन (CMB) में डार्क मैटर की उपस्थिति का प्रमाण मिलता है।

• CMB के छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव (Fluctuations) से वैज्ञानिक अनुमान लगाते हैं कि डार्क मैटर की कितनी मात्रा ब्रह्मांड में मौजूद है।

कण भौतिकी प्रयोग (Particle Physics Experiments)

• वैज्ञानिक डार्क मैटर कणों की खोज करने के लिए भूमिगत प्रयोगशालाओं में डिटेक्टरों का उपयोग करते हैं।

• लक्‍स-ज़ेपलिन और ज़ीनॉन-एन-टी (LUX-ZEPLIN (LZ) and XENONnT) जैसे प्रयोग डार्क मैटर के कणों की संभावित पहचान में लगे हुए हैं।

• सर्न (CERN) का लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) भी डार्क मैटर से संबंधित नए कणों की खोज में सहायक हो सकता है।

डार्क एनर्जी का अध्ययन

डार्क एनर्जी एक रहस्यमय शक्ति है जो ब्रह्मांड के विस्तार को तेज कर रही है। इसे समझने के लिए वैज्ञानिक निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करते हैं:

सुपरनोवा ऑब्जरवेशन (Supernova Observations)

• खगोलविद बहुत दूर स्थित सुपरनोवा विस्फोटों (Type Ia Supernovae) का अध्ययन करते हैं।

• इनकी चमक और दूरी को मापकर पता चलता है कि ब्रह्मांड की विस्तार दर समय के साथ बदल रही है।

• 1998 में, सुपरनोवा अध्ययन से ही पता चला कि ब्रह्मांड का विस्तार धीमा होने के बजाय तेज़ हो रहा है, जिससे डार्क एनर्जी का अस्तित्व प्रमाणित हुआ।

ब्रह्मांडीय माइक्रोवेव पृष्ठभूमि (CMB) और बृहद संरचना (Large-Scale Structure)

• ब्रह्मांडीय माइक्रोवेव पृष्ठभूमि (CMB) का अध्ययन करके वैज्ञानिक यह अनुमान लगाते हैं कि डार्क एनर्जी ब्रह्मांड में किस तरह से कार्य कर रही है।

• ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं और गैलेक्सी क्लस्टरों की संरचना को देखकर भी डार्क एनर्जी के प्रभावों को मापा जाता है।

बैरियॉन ऑसिलेशन (Baryon Acoustic Oscillations - BAO)

• यह एक कॉस्मिक पैमाने पर ध्वनि तरंगों का प्रभाव है, जिसे खगोलविद डार्क एनर्जी की उपस्थिति और प्रभावों को मापने के लिए उपयोग करते हैं।

• SDSS (Sloan Digital Sky Survey) और DESI (Dark Energy Spectroscopic Instrument) जैसे प्रोजेक्ट इसका अध्ययन कर रहे हैं।

रेडशिफ्ट और हबल कॉन्सटेंट (Redshift & Hubble’s Law)

• जब प्रकाश बहुत दूर की आकाशगंगाओं से हमारी ओर आता है, तो वह रेडशिफ्ट (Redshift) का शिकार होता है, यानी उसकी तरंगदैर्ध्य बढ़ जाती है।

• इस प्रभाव को मापकर वैज्ञानिक ब्रह्मांड की विस्तार दर को समझते हैं, जिससे डार्क एनर्जी की भूमिका स्पष्ट होती है।

आधुनिक खगोलशास्त्र और भौतिकी की प्रगति हमें इन रहस्यों को सुलझाने के करीब ला रही है, लेकिन अभी भी इनके वास्तविक स्वरूप को पूरी तरह समझना बाकी है।

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