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Static Electricity: क्या आपने कभी अचानक झटका महसूस किया? जानिए स्थैतिक विद्युत का कारण और असर!

Kya Hai Static Electricity: स्थैतिक विद्युत (Static Electricity) एक दिलचस्प और महत्वपूर्ण भौतिक घटना है जो हमारे दैनिक जीवन में कई बार देखी जा सकती है।

Shivani Jawanjal
Published on: 13 March 2025 2:42 PM IST
What Is Static Electricity
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What Is Static Electricity (Image Credit-Social Media)

What Is Static Electricity: स्थैतिक विद्युत (Static Electricity) एक सामान्य भौतिक घटना है, जिसका सामना हम रोज़मर्रा के जीवन में करते हैं। जब हम किसी वस्तु को छूते हैं और हमें हल्का झटका महसूस होता है या जब हमारे बाल आपस में चिपक जाते हैं, तो यह स्थैतिक विद्युत का प्रभाव होता है। यह एक विद्युत आवेश (Electric Charge) से जुड़ी घटना है, जो किसी वस्तु या शरीर में असंतुलित रूप से जमा हो जाती है और एकाएक डिस्चार्ज (Discharge) हो सकती है।

इस लेख में, हम स्थैतिक विद्युत के मूल सिद्धांतों, इसके कारणों, प्रभावों और इसे नियंत्रित करने के उपायों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

स्थैतिक विद्युत क्या है (Definition of Static Electricity)

स्थैतिक विद्युत (Static Electricity) वह विद्युत आवेश है जो किसी वस्तु या सतह पर अस्थायी रूप से जमा हो जाता है। जब यह किसी दूसरी सतह के संपर्क में आता है, तो अचानक डिस्चार्ज होकर हल्का झटका महसूस होता है।

जब दो वस्तुएं आपस में संपर्क में आती हैं और फिर अलग होती हैं, तो उनके बीच इलेक्ट्रॉनों (छोटे आवेशित कण) का लेन-देन होता है। इससे एक वस्तु धनावेशित (सकारात्मक चार्ज) और दूसरी ऋणावेशित (नकारात्मक चार्ज) हो जाती है।

यह आवेश तब तक वस्तु पर रहता है जब तक कि वह किसी अन्य वस्तु के संपर्क में आकर डिस्चार्ज (चार्ज खत्म) नहीं हो जाता।

स्थैतिक विद्युत कैसे उत्पन्न होती है? (How Static Electricity Generated?)

स्थैतिक विद्युत की घटना मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनों के स्थानांतरण के कारण होती है। जब दो सामग्रियां संपर्क में आती हैं, तो इलेक्ट्रॉन एक सामग्री से दूसरी सामग्री में जा सकते हैं। इससे एक सामग्री पर अधिक धनात्मक आवेश और दूसरी पर उतना ही ऋणात्मक आवेश जमा हो जाता है। जब सामग्रियों को अलग किया जाता है, तो वे इस चार्ज असंतुलन को बनाए रखती हैं ।

स्थैतिक विद्युत उत्पन्न होने की प्रक्रिया (Process Of Static Electricity)

ट्राइबोइलेक्ट्रिक प्रभाव (Triboelectric Effect) - जब दो अलग-अलग सामग्रियां एक-दूसरे के संपर्क में आती हैं और फिर अलग होती हैं, तो एक वस्तु से दूसरी वस्तु में इलेक्ट्रॉन स्थानांतरित हो जाते हैं।

इलेक्ट्रॉन का स्थानांतरण (Transfer of Electrons) - जो वस्तु इलेक्ट्रॉन खो देती है, वह धनावेशित (Positively Charged) हो जाती है। जो वस्तु इलेक्ट्रॉन प्राप्त करती है, वह ऋणावेशित (Negatively Charged) हो जाती है।

आवेश का संचय (Charge Accumulation) - जब वस्तु एक कुचालक (Insulator) हो, तो उसमें यह आवेश लंबे समय तक जमा रह सकता है।यदि वह चालक (Conductor) हो और जमीन से जुड़ी न हो, तो उसमें भी कुछ समय के लिए चार्ज रह सकता है।

डिस्चार्ज (Discharge) की प्रक्रिया - जब स्थैतिक विद्युत से आवेशित वस्तु किसी अन्य वस्तु के संपर्क में आती है, तो आवेश का अचानक प्रवाह होता है, जिससे हल्का झटका (Electric Shock) लग सकता है।

स्थैतिक विद्युत के उदाहरण (Examples Of Static Electricity)

स्थैतिक विद्युत के कई दैनिक जीवन में देखे जाने वाले उदाहरण हैं:

स्वेटर या ऊनी कपड़े उतारते समय चिंगारी महसूस होना - जब हम स्वेटर या ऊनी कपड़े पहनते और उतारते हैं, तो उनके रगड़ने से स्थैतिक विद्युत उत्पन्न होती है, जिससे हल्की चिंगारी दिख सकती है या झटका लग सकता है।

बालों का गुब्बारे से चिपकना - अगर आप गुब्बारे को अपने सिर पर रगड़ें, तो बाल खड़े हो जाते हैं और गुब्बारा बालों से चिपक जाता है। यह ट्राइबोइलेक्ट्रिक प्रभाव के कारण होता है।

प्लास्टिक की कुर्सी से उठने पर झटका लगना - जब आप प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठते हैं और फिर उठते हैं, तो शरीर पर स्थैतिक आवेश जमा हो सकता है, और जब आप किसी धातु की वस्तु को छूते हैं, तो झटका लग सकता है।

कपड़ों का आपस में चिपकना - जब कपड़े ड्रायर (सुखाने वाली मशीन) में घूमते हैं, तो उनमें स्थैतिक विद्युत उत्पन्न होती है, जिससे वे आपस में चिपक सकते हैं।

कार के दरवाजे को छूते ही झटका लगना - जब आप गाड़ी से उतरते हैं और दरवाजा छूते हैं, तो स्थैतिक विद्युत डिस्चार्ज होने से हल्का झटका लग सकता है।

बिजली कड़कना (Thunderstorm) - बादलों में हवा के घर्षण से स्थैतिक विद्युत उत्पन्न होती है। जब आवेशित बादल पृथ्वी या अन्य बादलों से संपर्क में आते हैं, तो बिजली चमकती और गिरती है।

पेपर के छोटे टुकड़ों को स्केल से आकर्षित करना - अगर प्लास्टिक की स्केल को बालों या कपड़ों पर रगड़कर कागज के छोटे टुकड़ों के पास लाया जाए, तो वे स्केल से चिपक जाते हैं।

धूल और छोटे कणों का टीवी स्क्रीन से चिपकना - टेलीविजन स्क्रीन और कंप्यूटर मॉनिटर में इलेक्ट्रॉन बीम के कारण स्थैतिक विद्युत बनती है, जिससे धूल और छोटे कण स्क्रीन पर चिपक जाते हैं।

फैक्टरियों में ज्वलनशील पदार्थों में आग लगना - तेल रिफाइनरी और पेट्रोल पंपों पर स्थैतिक विद्युत से चिंगारी उत्पन्न हो सकती है, जिससे आग लगने का खतरा रहता है।

एयरप्लेन में स्थैतिक चार्ज बनना - जब हवाई जहाज उड़ान भरता है, तो हवा के साथ घर्षण से उसके बाहरी हिस्से पर स्थैतिक विद्युत उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, एयरक्राफ्ट पर डिस्चार्जिंग सिस्टम लगाया जाता है।

स्थैतिक विद्युत के प्रभाव (Effects Of Static Electricity)

स्थैतिक विद्युत के कई प्रभाव हो सकते हैं:

आकर्षण और प्रतिकर्षण: स्थैतिक विद्युत के कारण वस्तुएं एक दूसरे की ओर आकर्षित या प्रतिकर्षित हो सकती हैं। जब दो वस्तुएं विपरीत आवेश वाली होती हैं, तो वे एक दूसरे की ओर आकर्षित होती हैं, और जब समान आवेश वाली होती हैं, तो वे एक दूसरे से दूर होती हैं।

चिंगारी: जब स्थैतिक विद्युत का निरावेशण होता है, तो यह एक चिंगारी के रूप में दिखाई दे सकता है। यह तब होता है जब आवेशित वस्तु किसी विद्युत चालक से संपर्क में आती है और अतिरिक्त आवेश निकल जाता है।

विद्युत झटका: स्थैतिक विद्युत के कारण कभी-कभी विद्युत झटका भी लग सकता है। यह तब होता है जब आप किसी आवेशित वस्तु को छूते हैं और आपके शरीर में अतिरिक्त आवेश प्रवाहित होता है।

स्थैतिक विद्युत के नकारात्मक प्रभाव (Negative Effects of Static Electricity)

हल्का झटका लगना (Electric Shock) - जब हमारा शरीर स्थैतिक विद्युत से आवेशित हो जाता है और हम किसी धातु (जैसे दरवाजे के हैंडल) को छूते हैं, तो अचानक डिस्चार्ज होता है, जिससे हल्का झटका महसूस होता है।

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को नुकसान - संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जैसे माइक्रोचिप्स और सर्किट बोर्ड, स्थैतिक विद्युत के कारण खराब हो सकते हैं। इसी कारण इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्रियों में एंटी-स्टैटिक सुरक्षा उपाय अपनाए जाते हैं।

आग और विस्फोट का खतरा - तेल रिफाइनरी, गैस पाइपलाइन और पेट्रोल पंपों में स्थैतिक विद्युत से चिंगारी उत्पन्न हो सकती है, जिससे आग या विस्फोट हो सकता है। पाउडर और केमिकल इंडस्ट्री में भी यह एक बड़ा जोखिम होता है।

धूल और कणों का चिपकना - टेलीविजन और कंप्यूटर स्क्रीन पर धूल जमा हो जाती है क्योंकि वे स्थैतिक विद्युत उत्पन्न करते हैं। प्लास्टिक की सतहों पर छोटे कण चिपक जाते हैं, जिससे सफाई मुश्किल होती है।

कपड़ों और बालों का चिपकना - ठंड के दिनों में कपड़े आपस में चिपक जाते हैं क्योंकि उनमें स्थैतिक विद्युत उत्पन्न होती है।

प्लास्टिक की कंघी से बालों को संवारने पर बाल खड़े हो सकते हैं।

हवाई जहाज में चार्ज जमा होना - उड़ान के दौरान, हवाई जहाज की सतह पर स्थैतिक विद्युत जमा हो सकती है, जिससे नेविगेशन सिस्टम में बाधा आ सकती है। इसलिए, विमान में डिस्चार्जिंग सिस्टम लगे होते हैं।

स्थैतिक विद्युत का उपयोग कहा किया जाता है ? (Where this technique is used?)

हालांकि स्थैतिक विद्युत आमतौर पर परेशानी का कारण बनती है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में इसका उपयोग भी किया जाता है:

फोटोकॉपी और लेजर प्रिंटर में उपयोग - ज़ेरोग्राफ़ी तकनीक में स्थैतिक विद्युत का उपयोग किया जाता है, जिससे टोनर कागज़ पर चिपकता है और प्रिंटिंग होती है।

एयर प्यूरीफायर और धूल नियंत्रण - कुछ एयर प्यूरीफायर और औद्योगिक चिमनियों में स्थैतिक विद्युत का उपयोग धूल और प्रदूषकों को हटाने के लिए किया जाता है।

स्प्रे पेंटिंग में मदद - स्थैतिक विद्युत का उपयोग ऑटोमोबाइल और औद्योगिक स्प्रे पेंटिंग में किया जाता है ताकि पेंट समान रूप से सतह पर चिपके।

इलेक्ट्रोस्टेटिक धूल संग्रहण - स्थैतिक विद्युत का उपयोग एयर कंडीशनर और फैक्ट्री में धूल के कणों को फ़िल्टर करने में किया जाता है।

स्थैतिक विद्युत से बचने के उपाय (Measures to prevent static electricity)

स्थैतिक विद्युत को नियंत्रित करने के लिए कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए।

आर्द्रता (Humidity) बढ़ाना - सूखी जलवायु में स्थैतिक विद्युत अधिक उत्पन्न होती है। हवा में नमी बढ़ाने से यह प्रभाव कम हो सकता है।

एंटी-स्टेटिक स्प्रे और उपकरणों का उपयोग - औद्योगिक स्थलों पर एंटी-स्टेटिक स्प्रे, मैट और कलाई पट्टियाँ (Wrist Straps) उपयोग की जाती हैं।

धातु को छूकर डिस्चार्ज करना - यदि आपको बार-बार झटका लगता है, तो किसी लकड़ी की वस्तु या दीवार को पहले छूकर चार्ज को डिस्चार्ज करें।

कपड़ों और जूतों का चयन - सूती (Cotton) कपड़े और चमड़े के जूते स्थैतिक विद्युत को कम करने में सहायक होते हैं। रबर-सोल वाले जूते और सिंथेटिक कपड़े अधिक चार्ज उत्पन्न कर सकते हैं।

ग्राउंडिंग (Grounding) का उपयोग - बड़े उद्योगों में ग्राउंडिंग तकनीक का उपयोग करके स्थैतिक विद्युत को नियंत्रित किया जाता है।

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