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Laddu Gopal Bhog Mantra: लड्डू गोपाल को भोग लगाते समय जरूर करें इस मंत्र का जाप, मिलता है दोगुना फल
Laddu Gopal Bhog Mantra In Hindi: सनातन धर्म से जुड़े ज्यादातर लोग श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को अपने घर में रखते हैं। ऐसे में आपको लड्डू गोपाल के भोग का मंत्र पता होना चाहिए।
Laddu Gopal Bhog Mantra Kya Hai: 26 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) का त्योहार धूमधाम से मनाने के बाद अब भक्त लड्डू गोपाल की छठी (Laddu Gopal Ki Chhati) मनाएंगे। इस साल छठी का पर्व 1 सितंबर ((Laddu Gopal Ki Chhati Kab Hai) को है। छठी हमेशा जन्माष्टमी के 6 दिन बाद मनाते हैं। इस दिन एक छोटे बच्चे की तरह ही लड्डू गोपाल की भी छठी की जाती है। यह दिन कृष्ण भक्त के लिए किसी पर्व से कम नहीं होता है।
छठी वाले दिन लड्डू गोपाल को पंचामृत से स्नान करवाते हैं। इसके बाद उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनाते हैं और पूजा-अर्चना करके कढ़ी-चावल और माखन-मिश्री का भोग लगाते हैं। छठी के दिन बाल गोपाल को भोग लगाते समय एक मंत्र का उच्चारण जरूर करें। ये मंत्र उन सभी लोगों को पता होना चाहिए जो लोग अपने घर में लड्डू गोपाल को रखते हैं।
भोग लगाने के हैं कुछ नियम
सनातन धर्म से जुड़े ज्यादातर लोग श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल (Laddu Gopal) को अपने घर में विराजमान करके उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। बाल गोपाल को घर में रखने के कई नियम हैं। इसके साथ ही उनके भोग से भी जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन हर किसी को करना चाहिए। अगर आपके घर में भी लड्डू गोपाल विराजते हैं तो आपको इन नियमों के बारे में पता होना चाहिए। चलिए आज जानते हैं कि लड्डू गोपाल को भोग लगाते समय किस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
लड्डू गोपाल को भोग लगाने का मंत्र (Laddu Gopal Ko Bhog Lagane Ka Mantra)
जब भी आप लड्डू गोपाल को भोग लगाएं तो "त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।।" मंत्र का उच्चारण करें। इस मंत्र का अर्थ होता है कि गोविंद आपकी दी हुई वस्तु को ही मैं भोग के रूप में आपको अर्पित कर रहा हूं। इसे ग्रहण करें और अपनी कृपा दृष्टि हम पर बनाए रखें। शास्त्रों के अनुसार, भोग लगाते समय इस मंत्र का जाप करने से पूजा का फल कई गुना अधिक प्राप्त हो सकता है।
लड्डू गोपाल को भोग लगाने के नियम (Laddu Gopal Ke Bhog Ka Niyam)
बता दें लड्डू गोपाल को हमेशा दिन में चार बार भोग लगाना चाहिए। भोग में अर्पित की गई सभी चीजें सात्विक होनी चाहिए। उसमें प्याज लहसुन का इस्तेमाल भूल से भी न करें। दिन का पहला भोग सुबह 6 से 7 बजे के बीच लगाना चाहिए। इसके बाद नहाने और पूजा-अर्चना करने के बाद दूसरा भोग लगाएं। तीसरा भोग दोपहर के समय लगाना चाहिए। वहीं, आखिरी और चौथा भोग रात में सात से बाठ बजे के बीच लगाना चाहिए। सबसे आखिरी में दूध देकर लड्डू गोपाल को सुलाना चाहिए।