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Laxmi And Ganesh Relation: भगवान गणेश से लक्ष्मी मां का क्या है रिश्ता? बीवी समझने की तो नहीं कर रहे गलती

Lakshmi Ganesh Relation: गणेश जी की पत्नी रिद्धि और सिद्धि हैं। लेकिन दिवाली या किसी भी शुभ कार्य से पहले उनकी पूजा मां लक्ष्मी के साथ की जाती है। क्या आप इसकी वजह जानते हैं।

Shreya
Written By Shreya
Published on: 8 Sept 2024 7:00 AM IST (Updated on: 8 Sept 2024 7:00 AM IST)
Laxmi And Ganesh Relation: भगवान गणेश से लक्ष्मी मां का क्या है रिश्ता? बीवी समझने की तो नहीं कर रहे गलती
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Laxmi And Ganesh (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Lakshmi Ganesh Relationship In Hindi: इस समय पूरे देशभर में गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) की धूम मची हुई है। 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) मनाई गई। अब 17 सितंबर, मंगलवार को अनंत चतुर्दशी (Ananta Chaturdashi) के मौके पर बप्पा की मूर्तियों का विसर्जन होगा। इन दस दिनों के दौरान भक्त गणपति जी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना और सेवा करते हैं।

गणेश जी के बारे में एक बात हर भक्त को पता होगी कि उनकी पत्नी रिद्धि और सिद्धि हैं। लेकिन दिवाली या किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी के साथ माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसे में कई लोग दोनों को पति-पत्नी समझ बैठते हैं। क्या आप भी उनमें से एक हैं? अगर हां तो यहां जान लीजिए कि आखिर दोनों के बीच का रिश्ता क्या है।

क्या है माता लक्ष्मी और भगवान गणेश का रिश्ता (Laxmi Ganesh Ka Rishta Kya Hai)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

गणेश भगवान हिंदू धर्म में प्रथम पूज्यनीय देव माने जाते हैं। वहीं, माता लक्ष्मी को धन और वैभव की देवी कहा जाता है। दोनों की दिवाली और शुभ कार्य से पहले साथ में पूजा की जाती है। ऐसे में कई लोग यह समझते हैं कि दोनों पति-पत्नी हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। गणपति और मां लक्ष्मी के बीच माता और पुत्र का रिश्ता है। जी हां, बप्पा लक्ष्मी जी के दत्तक पुत्र कहे जाते हैं। अब आपने दोनों का रिश्ता जान लिया है तो चलिए ये भी जान लेते हैं कि आखिर भगवान गणेश कैसे कहलाएं लक्ष्मी मां के दत्तक पुत्र।

माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार मां लक्ष्मी को खुद पर अभिमान हो गया था। तब जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने उनसे कहा कि भले ही समस्त संसार आपकी पूजा करता है और आपको प्राप्त करने के लिए व्याकुल रहता है, लेकिन आप अभी तक अपूर्ण हैं। इस पर लक्ष्मी जी ने उनसे पूछा कि मैं अभी तक अपूर्ण कैसे हूं। इस पर विष्णु जी ने उन्हें जवाब दिया कि जब तक कोई स्त्री मां नहीं बन जाती तब तक वह पूर्णता प्राप्त नहीं करती है। आप अब तक निसंतान हैं, इसलिए आप अपूर्ण हैं। विष्णु भगवान द्वारा यह जानने के बाद माता लक्ष्मी बेहद दुखी हो जाती हैं। उन्हें दुखी देख माता पार्वती ने अपने पुत्र गणेश को उनकी गोद में बैठा दिया। तभी से विनायक माता लक्ष्मी के दत्तक पुत्र कहे जाने लगे।

दिया था ये वरदान

गणेश जी को दत्तक पुत्र के रूप में पाकर मां लक्ष्मी बेहद प्रसन्न हुई थीं, ऐसे में उन्होंने भगवान गणेश को वरदान दिया कि जो भी व्यक्ति मेरी पूजा के साथ तुम्हारी पूजा नहीं करेगा, लक्ष्मी उसके पास कभी नहीं रहेगी। इसीलिए दिवाली पर हमेशा लक्ष्मी जी के साथ गणेश भगवान को पूजा जाता है।



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