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चेहरे की चमक बढ़ाता है लेजर फेशियल

seema
Published on: 17 Aug 2018 12:33 PM GMT
चेहरे की चमक बढ़ाता है लेजर फेशियल
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नई दिल्ली : चेहरे पर मुंहासे, धब्बे, झाइयों और टैनिंग की समस्या के लिए कई बार घरेलू नुस्खे और कॉस्मेटिक चीजें इतनी कारगर नहीं होती। हालांकि कुछ लोग इनसे निजात पाने और सुंदरता के लिए पार्लर जाकर फेशियल करवाते हैं, लेकिन इन दिनों नए तरह के ट्रीटमेंट में लेजर फेशियल चलन में है। एक बार करवाने के बाद इसका असर चेहरे पर 4-6 हफ्ते तक रहता है।

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इन बातों का ध्यान रखें

15 मिनट के इस लेजर फेशियल को कोशिश करें कि किसी डर्मेटोलॉजिस्ट या प्लास्टिक सर्जन से ही करवाएं। यह तुलनात्मक रूप से ज्यादा महंगा नहीं है। इस फेशियल से ज्यादातर लोगों को त्वचा पर हल्की लालिमा और सूजन रह सकती है जिससे घबराने की जरुरत नहीं है, यह कुछ समय में सामान्य हो जाती है। इसे कराने के बाद त्वचा थोड़ी संवेदनशील हो जाती है। इसलिए त्वचा की प्रकृति के अनुसार व्यक्ति को कुछ घंटे या दिनों के लिए घर में रहने की सलाह दी जाती है ताकि सूरज की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाव हो सके। यदि बाहर निकलना भी पड़े तो विशेषज्ञ एसपीएफ सनस्क्रीन लगाने की सलाह देते हैं। ध्यान रहे कि इस फेशियल से त्वचा में नमी कम हो जाती है। इसके लिए मॉइश्चराइजर लगाया जा सकता है।

ऐसे होता है ट्रीटमेंट

चेहरे को नमक मिले पानी से धोने के बाद बर्फ के टुकड़े त्वचा पर रखते हैं ताकि रोम छिद्र खुल सकें। चेहरे की त्वचा के तापमान को सामान्य बनाने के लिए इस पर जेल लगाते हैं। इसके बाद चेहरे पर कम अवधि वाले लेजर शॉट्स दिए जाते हैं। इनसे दर्द नहीं होता। केवल चींटी काटने जैसा अहसास होता है व त्वचा पर हल्की सी गर्मी महसूस होती है। जेल लगाकर त्वचा का तापमान सामान्य बनाते हैं। सबसे अंत में बर्फ से चेहरे की मसाज की जाती है। इसके बाद सनस्क्रीन लोशन लगाया जाता है।

ये सावधानी बरतें

वैसे तो इसे कोई भी करवा सकता है, लेकिन जिनकी त्वचा की रंगत थोड़ी गहरी हो उनमें इस लेजर फेशियल से त्वचा के जलने की आशंका रहती है। जिन्हें सूरज की रोशनी से एलर्जी (किसी प्रकार की चोट, संक्रमण या सूजन के कारण त्वचा पर लाल चकत्ता बनना), ऑटोइम्यून डिजीज या अर्टिकेरिया रोग हो, उन्हें इसे कराने की मनाही होती है। जिन्हें हाल में कोई संक्रमण हुआ हो वे भी इसे न करवाएं। जिन्हें किसी प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन हो उन्हें इससे त्वचा पर काले धब्बे होने की आशंका रहती है।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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