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Latest Fashion Trend In 2025: भारतीय और फारसी कलाओं में माना जाता है शुभ और सौभाग्य का प्रतीक, 2025 का बन चुकी है फैशन ट्रेंड

Paisley Pattern Kya Hai: केरी उर्फ पेसली पैटर्न को फैशन की दुनिया का सबसे पुराना और लोकप्रिय डिजाइन कहा जा सकता है। यह भारतीय, फ़ारसी और मध्य एशियाई कला से प्रेरित एक पारंपरिक डिज़ाइन है।

Jyotsna Singh
Written By Jyotsna Singh
Published on: 21 Feb 2025 8:47 PM IST
Paisley Pattern Kya Hai
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Paisley Pattern Kya Hai (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Latest Fashion Trend In 2025: महीन धागों से नक्काशी नुमा कढ़ाई (पैसली पैटर्न) से सजे खूबसूरत कश्मीरी शॉल राजा महाराजाओं के समय से बहुत ज्यादा पसंद किए जाते रहें हैं। यानी इनका इस्तेमाल कुछ सालों से नहीं बल्कि सदियों से होता आ रहा है, जो इसे शाही और ऐतिहासिक पहचान देता है। पैसली पैटर्न (Paisley Pattern) की खूबी इसकी जटिलता, ऐतिहासिक महत्व, बहुपयोगिता और सौभाग्य का प्रतीक होने में है, जो इसे कालजयी और आकर्षक बनाता है।

केरी उर्फ पेसली पैटर्न को फैशन की दुनिया का सबसे पुराना और लोकप्रिय डिजाइन कहा जा सकता है। यह भारतीय, फ़ारसी और मध्य एशियाई कला से प्रेरित एक पारंपरिक डिज़ाइन है। यह डिज़ाइन सिर्फ कपड़ों तक सीमित नहीं है; इसे साड़ियों, शॉलों, नेकटाई, बैग, वॉलपेपर, फ़र्नीचर और यहाँ तक कि डिजिटल आर्ट (Digital Art) में भी इस्तेमाल किया जाता है। यह पारंपरिक और आधुनिक दोनों फैशन में खूब जचता है। जानें इस खास कला से जुड़े इतिहास और इसके महत्व के बारे में-

ग्लोबल फैशन और आर्ट फॉर्म बन चुका है ये पैटर्न

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

आधुनिक युग में पैसली पैटर्न सिर्फ एक पारंपरिक डिज़ाइन नहीं, बल्कि एक ग्लोबल फैशन और आर्ट फॉर्म बन चुका है। यह फैशन, होम डेकोर, डिजिटल आर्ट, और टेक्सटाइल उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसके विंटेज और समकालीन रूपों का मेल इसे हर दौर में प्रासंगिक बनाए रखता है। भारतीय फैशन इंडस्‍ट्री (Indian Fashion Industry) में यह बहुत ही प्रचलित पैटर्न है और प्राचीन भी।

आपको केवल एथनिक ही नहीं बल्कि वेस्‍टर्न आउटफिट्स में भी इस तरह के पैटर्न देखने को मिल जाएंगे। “प्राचीन समय में डिजाइंन, पैटर्न और चिन्‍हों के अर्थ हुआ करते थे। पेसली पैटर्न को महिलाओं से जोड़ा जाता है। पहले के समय में यह केवल कपड़ों पर ही नहीं होता था। बल्कि आप इसे मुगल आर्किटेक्‍चर में भी देख सकते हैं। इसे फेमिनिटी और फर्टिलिटी का प्रतीक माना जाता था।“

फैशन इंडस्ट्री में पैसली पैटर्न कपड़ों में प्रयोग

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

साड़ियाँ, दुपट्टे, कुर्ते, स्कार्फ, टाई, जैकेट, और यहां तक कि पश्चिमी पोशाकों (जैसे शर्ट और ड्रेसेस) में भी इसका व्यापक उपयोग हो रहा है।

ब्रांडेड डिज़ाइन

कई अंतरराष्ट्रीय फैशन ब्रांड जैसे ळनबबप, टमतेंबम, और म्जतव अपने परिधानों में पैसली पैटर्न का इस्तेमाल करते हैं।

बॉहेमियन और विंटेज लुक दृ हिप्पी और विंटेज फैशन में पैसली डिज़ाइन को काफी पसंद किया जाता है।

होम डेकोर और इंटीरियर डिज़ाइन

वॉलपेपर और पर्दे दृ पैसली पैटर्न वाले वॉलपेपर, सोफा कवर, बेडशीट, और कुशन कवर घरों में एस्थेटिक अपील जोड़ते हैं।

कालीन और रग्स

खासकर फारसी और कश्मीरी कालीनों में यह डिज़ाइन बेहद लोकप्रिय है।

डिजिटल और ग्राफिक डिज़ाइन लोगो और ब्रांडिंग

कई कंपनियां अपने लोगो और पैकेजिंग डिज़ाइन में पैसली पैटर्न का उपयोग कर रचनात्मकता बढ़ाती हैं।

टैटू डिज़ाइन

आधुनिक युग में पैसली पैटर्न वाले टैटू भी काफी प्रचलित हो गए हैं।

टेक्सटाइल और हैंडक्राफ्ट इंडस्ट्री

टेक्सटाइल और हैंडक्राफ्ट इंडस्ट्री में पैसली डिज़ाइन का इस्तेमाल हाथ से बने ब्लॉक प्रिंट और कढ़ाई में खूब होता है, खासकर भारत और पाकिस्तान में।

इको-फ्रेंडली डिज़ाइन

अनुकूल फैब्रिक ब्रांड अब हाथ से बनाए गए पैसली प्रिंट वाले इको-फ्रेंडली डिज़ाइन उत्पादों को बढ़ावा दे रहे हैं।

पॉप कल्चर में पैसली

1960 के दशक में बीटल्स बैंड और हिप्पी मूवमेंट के कारण पॉप कल्चर में पैसली डिज़ाइन पश्चिमी देशों में काफी लोकप्रिय हुआ।

शुभता और परंपरा का प्रतीक

भारतीय और फ़ारसी परंपरा में यह डिज़ाइन सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, इसलिए शादी और त्योहारों के परिधानों में इसका खास महत्व है।

क्‍या होते हैं पेसली पैटर्न (Paisley Pattern) ?

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार, “पेसली पैटर्न जटिल और घुमावदार आकार के होते हैं। यह आम की केरी यानी अम्‍बी से तो मिलते जुलते हैं ही, साथ ही इन्‍हें भारतीय देवदार (पाइन-कोन) की डिजाइन पर आधारित माना जाता है। फैशन की भाषा में इसे बूटा कहा जाता है, फारसी भाषा में इसका अर्थ फूल होता है।

पेसली प्रिंट का रोचक इतिहास (Paisley Print History In Hindi)

पैसली डिज़ाइन एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध पैटर्न है, जिसकी जड़ें फ़ारस (ईरान), भारत और मध्य एशिया में पाई जाती हैं। यह डिज़ाइन आम के आकार या बूंद के समान होता है और इसे “बुटा“ या “बुटी“ भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस पैटर्न का इतिहास 2000 वर्षों से भी अधिक है। इसकी उत्पत्ति 11वीं सदी में भारत के कश्मीर क्षेत्र में हुई। ज़ोरास्ट्रियन धर्म में इसे प्रजनन शक्ति का प्रतीक माना गया है।

भारती मान्‍यताओं के अनुसार भी इसका आकार महिला के गर्भ जैसा ही होता है, इसलिए इसे उन्‍हीं से जोड़ा जाता है। “ मुगल शासन के दौरान पेसली पैटर्न को राजा महाराजाओं के कपड़ों, सिंहासनों और ताज पर भी देखा गया है। वहीं कश्‍मीर में बनने वाली पश्‍मीना शॉल में भी यह पैटर्न सबसे लोकप्रिय है।

16वीं सदी में कश्मीरी शॉल यूरोप में पहुंचे, तो अपने साथा यह प्रिंट भी वहां ले गए। जिससे यह डिजाइन यूरोपीय फैशन का भी हिस्‍सा बना गया है।कश्मीरी पश्मीना शॉलों पर बुने गए “बुटा“ पैटर्न को राजघरानों और कुलीन वर्ग द्वारा बहुत पसंद किया गया। राजस्थान और गुजरात में ब्लॉक प्रिंटिंग और कढ़ाई में भी यह डिज़ाइन लोकप्रिय हो गया।

इस तरह पड़ा ’पेसली’ नाम

18वीं शताब्दी के अंत और 19वीं शताब्दी की शुरुआत में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी कश्मीर से पश्मीना शॉल यूरोप ले गई। ये शॉल ब्रिटेन और फ्रांस के अमीर वर्ग में बेहद लोकप्रिय हो गए। लेकिन कश्मीरी शॉल महंगे थे, इसलिए स्कॉटलैंड के “पेसली“ शहर में इनके सस्ते और मशीन से बने संस्करण तैयार किए जाने लगे। स्कॉटिश बुनकरों ने हाथ से बुने जाने वाले कश्मीरी डिज़ाइनों की नकल की और इन्हें “पेसली पैटर्न“ नाम दिया गया।

भारत और ईरान से ज्‍यादा वेस्‍टर्न कंट्रीज में इस पैटर्न को लोकप्रियता मिली। जब कश्‍मीरी शॉल्‍स को यूरोपीयन महारानियों ने अपनी वॉर्डरोब का हिस्‍सा बनाया, तो वहां भी इन शॉलों का निर्माण शुरू हुआ। 19वीं सदी में स्कॉटलैंड के पेसली नामक शहर ने इन शॉल्स का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू किया।

वेस्‍टर्न देशों में मिल रही लोकप्रियता

वेस्‍टर्न देशों में इस डिजाइन को न केवल महिलाओं बल्कि पुरुषों ने भी खूब सराहा। यहां के पुरुष कलाकारों ने पेसली पैटर्न की शर्टें पहन कर इसे विश्‍व भर में लोकप्रिय बना दिया और बस तब से इन प्रिंट्स को दुनिया भर में न केवल महिलाओं बल्कि आदमियों के भी कपड़ों में देखा जाने लगा।

मशहूर फैशन ब्रांड कर रहीं इस इस पैटर्न का इस्तेमाल

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

मौजूदा समय में इस पैटर्न का इस्तेमाल कई विदेशी मशहूर फैशन ब्रांड अपने लेटेस्ट कलेक्शन के लिए कर रहीं हैं। जिनमें म्यूजिक बैंड ओएसिस और उनके लीड सिंगर लियाम गैलाघर ने पेसली पैटर्न को फिर से प्रसिद्ध किया। लियाम ने यहां तक कि ’प्रिटी ग्रीन’ नाम से एक फैशन ब्रांड शुरू किया, जो पेसली डिजाइन पर केंद्रित था।

इसके अतिरिक्त 2025 में कई और फैशन ब्रांड्स द्वारा इसे अपनाया जा रहा है। इनमें से कुछ प्रमुख ब्रांड्स हैं-

Pierre-Louis Mascia

Pierre-Louis Mascia ब्रांड अपने अद्वितीय पैटर्न मिक्स, रंग संयोजनों और उच्च गुणवत्ता वाले सामग्रियों के लिए प्रसिद्ध है। इनकी कलेक्शन्स में पेसली डिज़ाइन प्रमुखता से शामिल होते हैं।

KIng Young

यह कंपनी विभिन्न प्रकार के रिबन और सजावटी सामग्रियों का निर्माण करती है, जिसमें पेसली पैटर्न वाले रिबन भी शामिल हैं। ये रिबन उपहार पैकेजिंग, क्राफ्ट प्रोजेक्ट्स और फैशन एक्सेसरीज़ में उपयोग किए जाते हैं।

Khaite

2025 में लोकप्रिय फैशन ब्रांड्स में से एक, Khaite अपने आधुनिक और क्लासिक डिज़ाइनों के लिए जाना जाता है। इनकी कलेक्शन्स में पेसली पैटर्न के तत्व देखे जा सकते हैं।

Dissh

Dissh ब्रांड अपने समकालीन डिज़ाइनों में पेसली पैटर्न को शामिल करता है, जो इसे फैशन प्रेमियों के बीच लोकप्रिय बनाता है।

The Frankie Shop

अपने मिनिमलिस्टिक और स्टाइलिश परिधानों के लिए मशहूर, The Frankie Shop की कलेक्शन्स में पेसली पैटर्न के सूक्ष्म उपयोग देखे जा सकते हैं।

ये ब्रांड्स पेसली पैटर्न को अपने डिज़ाइनों में शामिल करके इसे आधुनिक फैशन में पुनः प्रस्तुत कर रहे हैं। भारत में आप प्रसिद्ध फैशन डिजाइनरों के एथनिक और वेस्‍टर्न कलेक्‍शन में इसे देखा जाता है। यह आज भी बहुत लोकप्रिय है। इसे आप न केवल कपड़ों बल्कि एक्‍सेसरीज और मेहंदी डिजाइन में भी देख सकती हैं।



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