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दूसरों की नकल से नहीं, खुद की अकल से जिएं जिंदगी,खुशियां करेंगी आपकी बंदगी

suman
Published on: 15 July 2018 7:06 AM IST
दूसरों की नकल से नहीं, खुद की अकल से जिएं जिंदगी,खुशियां करेंगी आपकी बंदगी
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जयपुर: खुश रहना जितना मुश्किल लगता है, उतना है नहीं। बस अपने मन के काम को महत्व दें, अपनी ख्वाहिशों को पूरा करें। साथ ही कुछ जरूरी बातों पर भी अमल करें। किसी विद्वान ने कहा-, ‘आपके जीवन की खुशी आपके विचारों की गुणवत्ता पर निर्भर करती है।’ यह बात पूरी तरह सच है कि हमारे जीवन की खुशियों की वजह हमारे विचार और व्यवहार में छिपी होती है। अगर मन में ठान लें कि खुश रहना है तो छोटी-छोटी बातों में भी खुशियां तलाश लेंगे।इसके लिए थोड़ा प्रयास की जरूरत है।

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हमें खुशी तभी मिलती है, जब हम मन का काम करते हैं। लेकिन कई बार रिजेक्शन के डर से, झिझक की वजह से अपने कदम पीछे कर लेते हैं।बाद में मन का काम न करने पर हमेशा मलाल बना रहता है, कुढ़ते रहते हैं। इससे कहीं न कहीं निराशा हमें घेर लेती है। यही बात हमें खुशी से दूर कर देती है।

महिलाओं के साथ ऐसा ज्यादा होता है, क्योंकि वे दूसरों की परवाह ज्यादा करती हैं। उन्हें लगता है कि अपने मन का काम करने पर पता नहीं नाते-रिश्तेदारों, घर-परिवार का रिएक्शन क्या होगा? जबकि खुशी इसी बात में है कि अपने मन का काम किया जाए।

सोलो ट्रिप पर जाना चाहती हैं तो अच्छी प्लानिंग कीजिए और निकल पड़िए एक सुहाने सफर पर। किसी भी उम्र की हों, डांस, सिंगिंग, स्विमिंग सीखना चाहती हैं तो बेझिझक सीखें। महज शुरुआत करने भर से ही खुशी से झूम उठेंगी।

कुछ महिलाएं अपने आइडियाज, थॉट्स, स्किल को किसी से शेयर नहीं करतीं। अपनी बातों, विचारों को खुद तक ही सीमित रखती हैं। यकीनन इससे कुछ हासिल नहीं होता है।

इसके इतर जब अपने विचारों को, अपने आइडियाज को दूसरों से शेयर करेंगी तो खुशी का अहसास होगा। व्यवहार विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हम अपनी जिंदगी बिना किसी तरह की शेयरिंग के जिएंगे तो एक समय बाद अकेलेपन का शिकार हो जाएंगे, हमारे जीवन से खुशियां दूर हो जाएंगी।

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इसके उलट जब शेयरिंग हमारी लाइफ का हिस्सा बनती है तो लोगों के करीब आते हैं, उनसे मन की बातें करते हैं, जिससे मन खुशी से भर उठता है। एक विचारक ने कहा था, ‘वक्त बहुत कम है इसलिए दूसरों की जिंदगी जीने में इसकी बर्बादी मत करो। दूसरों के शोर को अपने अंदर की आवाज या विचार मत बनाओ और सबसे जरूरी अपने दिल की आवाज सुनने का हौसला रखो।’

कहने का मतलब यही है कि आप जो हैं, वही रहें। दूसरों की देखा-देखी खुद को कभी न बदलें। किसी की तरह बनने का प्रयास ना करें, क्योंकि जब हम अपने असल व्यक्तित्व से दूर होते हैं तो ऊपरी खुशी पा भी लें, लेकिन आंतरिक खुशी हमसे दूर हो जाती है।



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