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Miracle of Maana Village: इस गांव में होती है पैसों की बारिश, एक मनोकामना से धनवान हो जाता है व्यक्ति
Miracle of Maana Village: भारत में कई सारी जगह ऐसी है जो अपने चमत्कारों के चलते लोगों के बीच प्रसिद्ध है। चलिए आज एक ऐसे गांव के बारे में जानते हैं जहां पर पैसों की बारिश होती है।
Miracle of Maana village :भारत में घूमने फिरने के लिए एक से बढ़कर एक जगह मौजूद है और इनमें से कुछ जगह तो ऐसी भी है, जो अपने चमत्कार और मान्यताओं के कारण लोगों को आकर्षित करती आई है। हमारे देश में धार्मिक मान्यताओं को काफी बल दिया जाता है। कई परंपराएं और मान्यताएं यहां पर सदियों से चली आ रही हैं, जिनका निर्वहन लगातार किया जा रहा है और यह आगे भी चलता रहेगा। भारत अलग-अलग धर्मों, संस्कृति और रहन-सहन को मानने वाला विविधताओं से भरा हुआ देश है। यहां पर जितने धर्म है उतनी ही अलग मान्यताएं और चमत्कार भी है। आज हम आपके यहां के एक ऐसे गांव के बारे में बताते हैं जहां पर पैसों की बारिश होती है। जी हां अगर कोई गरीब व्यक्ति भी यहां पर जाता है तो वह धनवान बन जाता है।
चमत्कारी है माणा गांव
भारत की सीमा पर मौजूद इस गांव को काफी चमत्कारी माना जाता है। इस जगह को श्राप मुक्त कहा जाता है और बोला जाता है कि जो भी यहां पर आता है उसे अपने जीवन में किए गए सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है। यह जगह उत्तराखंड के चमोली में स्थित देश का सबसे अंतिम गांव माणा है जो अलग-अलग मान्यताओं के चलते पहचाना जाता है। इसी गांव के सहारे भारत और तिब्बत के बीच वर्षों से व्यापार होता आ रहा है।
भगवान शिव के भक्त के नाम पर है नाम
यह जगह भारत के पवित्र बद्रीनाथ धाम से 3 किलोमीटर आगे भारत तिब्बत सीमा पर मौजूद है। इस जगह का नाम भगवान शिव के प्रिय भक्त मणिभद्र के नाम पर पड़ा है। यहां यह मानता है कि जो व्यक्ति यहां पर आता है वह स्वप्न द्रष्टा हो जाता है और उसे आगे होने वाली चीजों का पहले से ही पता चल जाता है। गांव से एक कथा भी जुड़ी हुई है जो स्थानीय लोगों के बीच काफी प्रचलित है।
जुड़ी है ये कथा
जानकारी के मुताबिक इस गांव में मानिक शाह नाम का एक बहुत बड़ा व्यापारी था जो भगवान शिव का अनन्य भक्त था। जब व्यापार के सिलसिले में जा रहा था तब कुछ लुटेरों ने उसे लूटकर सिर धड़ से अलग कर दिया। सिर धड़ से अलग हो जाने के बाद भी भगवान शिव की आराधना कर रहा था यह देखकर भोलेनाथ प्रसन्न हुए और उन्होंने माणिक के धड़ पर वराह का शीश लगा दिया। इसी के बाद से यहां पर मणिभद्र की पूजा की जाती है। इतना ही नहीं भगवान शिव ने मणिभद्र को यह वरदान भी दिया कि जो भी व्यक्ति इस गांव में आएगा उसे अपने जीवन की सारी परेशानियों से छुटकारा मिल जाएगा और उसकी गरीबी दूर होगी और वह धनवान बनेगा। स्थानीय लोगों के बीच चली आ रही मान्यताओं के मुताबिक अगर एक बृहस्पतिवार को यहां पर मनोकामना मानी जाती है तो अगले बृहस्पतिवार तक वह पूरी हो जाती है। बता दें कि ये वही गांव है जहां पर वेदव्यास जी के कहने पर भगवान श्री गणेश ने महाभारत लिखी थीं। इतना ही नहीं महाभारत समाप्त होने के बाद पांडव द्रोपदी के साथ स्वर्ग की सीढ़ियों तक जाने के लिए यहीं से गुजरे थे।