Mahavir Jayanti 2023: भगवान महावीर के जन्म पर भक्त 4 अप्रैल को मनाएंगे महावीर जयंती, जानिए शुभ मुहूर्त, रस्मे और पूजा व

Mahavir Jayanti 2023: इस साल महावीर जयंती 4 अप्रैल को मनाई जाएगी। आइए एक नजर डालते हैं और जानते हैं कि इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है , रस्में और महावीर जयंती की पूजा विधि पर।

Shweta Shrivastava
Published on: 3 April 2023 6:28 PM GMT
Mahavir Jayanti 2023: भगवान महावीर के जन्म पर भक्त 4 अप्रैल को मनाएंगे महावीर जयंती, जानिए शुभ मुहूर्त, रस्मे और पूजा व
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Mahavir Jayanti 2023 (Image Credit-Social Media)

Mahavir Jayanti 2023: इस साल महावीर जयंती 4 अप्रैल को मनाई जाएगी। ये दिन भगवान महावीर की जयंती के उपलक्ष्य में उनके भक्त काफी धूम धाम से मानते हैं। आइए एक नजर डालते हैं और जानते हैं कि इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है , रस्में और महावीर जयंती की पूजा विधि पर।

महावीर जयंती शुभ मुहूर्त, रस्में और पूजा विधि

महावीर जयंती दुनिया भर के लोगों द्वारा मनाई जाती है। महावीर जयंती भगवान महावीर की जयंती के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। जैन समुदाय इस दिन को बहुत ही धूमधाम और भव्यता के साथ मनाता है। जैन धर्म भगवान महावीर की शिक्षाओं का पालन करता है। राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के घर जन्मे भगवान महावीर को पहले वर्धमान के नाम से जाना जाता था। हालाँकि, उनका जन्म वर्ष जैन धर्म के दो संप्रदायों - श्वेतांबर संप्रदाय और दिगंबर संप्रदाय के बीच विवादित है। श्वेतांबर संप्रदाय का मानना ​​है कि भगवान महावीर का जन्म 615 ईसा पूर्व में हुआ था, जबकि दिगंबर संप्रदाय का मानना ​​है कि उनका जन्म 599 ईसा पूर्व के दौरान हुआ था।

शुभ मुहूर्त:

महावीर जयंती चैत्र माह में शुक्ल पक्ष के तेरहवें दिन मनाई जाती है। इस वर्ष त्रयोदशी तिथि 3 अप्रैल को सुबह 06:24 बजे से शुरू होगी और 4 अप्रैल को सुबह 08:05 बजे समाप्त होगी।

पूजा विधि:

सुबह भगवान महावीर की मूर्ति को स्नान कराया जाता है और फिर पालने पर बिठाकर जुलूस निकाला जाता है। आमतौर पर जुलूस एक मंदिर से दूसरे मंदिर पर समाप्त होता है जहां लोग मूर्ति को फूल, चावल और मिठाई चढ़ाते हैं। भगवान महावीर के उपदेश पढ़े जाते हैं और लोग उनकी प्रार्थना करते हैं।

रिवाज:

ये दिन जैन समुदाय द्वारा एक मंदिर में जाकर और भगवान महावीर की मूर्ति की पूजा करके मनाया जाता है। इस दिन लोग दान-पुण्य करने में भी संलग्न रहते हैं। 72 वर्ष की आयु में निर्वाण प्राप्त करने वाले भगवान महावीर ने अहिंसा के महत्व और मानवता के प्रति प्रेम के साथ शांतिपूर्ण जीवन की वकालत की। उन्होंने 30 वर्ष की आयु में अपने सिंहासन की निंदा की और अपने शेष जीवन के लिए तपस्वी के रूप में रहे।

हमारी पूरी न्यूज़ट्रैक की टीम की तरफ से आप सभी को महावीर जयंती की ढेरों शुभकामनाएं ।

Shweta Shrivastava

Shweta Shrivastava

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