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Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर गंगा में स्नान करने से पहले ध्यान रखें ये ज़रूरी बातें

Makar Sankranti 2024: इस साल मकर संक्रांति का त्योहार इस साल 15 जनवरी को मनाया जाएगा। वहीँ इस त्योहार पर गंगा स्नान का काफी महत्त्व है आइये जानते हैं इससे पहले आपको क्या बात ध्यान रखनी होगी।

Shweta Srivastava
Published on: 7 Jan 2024 3:45 PM IST
Makar Sankranti 2024
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Makar Sankranti 2024 (Image Credit-Social Media)

Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति का त्योहार इस साल 15 जनवरी को मनाया जाएगा, इस त्योहार में गंगा नदी में स्नान करना और दान करना शामिल है। श्रद्धालु पवित्र गंगा और अन्य नदियों में स्नान करने के लिए दूर-दूर से यात्रा करते हैं। शास्त्रों में गंगा स्नान के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश बताए गए हैं और साथ ही आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इस दिन पूजा कैसे करें। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

मकर संक्रांति पर गंगा में स्नान करने से पहले याद रखें ये बातें

1) गंगा स्नान से पहले घर पर ही शुद्ध जल से शुद्ध होना जरूरी है। फिर गंगा में डुबकी लगाने से पापों का नाश होता है।

2) मोक्ष और जीवनदायिनी मानी जाने वाली गंगा को स्नान के दौरान गंदगी धोने या साबुन का उपयोग करके प्रदूषित नहीं करना चाहिए।

3) अनजाने में भी गंगा में मल-मूत्र त्यागने से न केवल नदी प्रदूषित होती है बल्कि मानव जीवन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

4) पाप करने से बचने के लिए गंगा स्नान के दौरान शरीर की गंदगी, नदी में धोने से बचें और स्नान के बाद पहने हुए कपड़ों को भी गंगा में धोने से बचें।

5) इसके अतिरिक्त, प्रदूषण को रोकने के लिए किसी भी पूजा सामग्री या फूल माला को गंगा में प्रवाहित करने से बचें।

हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का बहुत महत्व है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ये सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक है। भक्तों का मानना ​​है कि इस अवसर पर गंगा में स्नान करने से वे अपने सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं।

मकर संक्रांति के दिन भगवान को तिल के लड्डू और खिचड़ी का भोग लगाने का अत्यधिक महत्व है। वहीँ अगर नदी स्नान संभव नहीं है, तो आप घर पर ही गंगा जल से स्नान कर सकते हैं और सूर्य को जल अर्पित कर सकते हैं। धार्मिक ग्रंथों में उल्लिखित ये पूजनीय त्योहार हिंदू परंपरा में गहराई से निहित है।

माना जाता है कि पवित्र गंगा में स्नान करने से जीवन की चुनौतियों से राहत मिलती है, जो सूर्य देव के उत्तरायण की शुरुआत का प्रतीक है। हिंदू धर्म पुण्य परिणामों के लिए इस शुभ दिन पर दान और परोपकार के कार्यों को प्रोत्साहित करता है।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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