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Male Infertility: पुरुषों के बांझपन को दूर करने के लिए असरदार हैं ये योगासन

Male Infertility: आज कल पुरुषों में बढ़ती बांझपन की समस्या बेहद आम हो गयी है।

Preeti Mishra
Published on: 13 Jun 2022 5:06 AM GMT
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पुरूष में शारिरिक समस्या (फोटो-सोशल मीडिया)

Male Infertility: आजकल के लाइफस्टाइल और जीवन शैली में आये नकारात्मक बदलाव का सबसे बड़ा असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ा है। आज कल पुरुषों में बढ़ती बांझपन (male infertlity) की समस्या बेहद आम हो गयी है। आंकड़ों के अनुसार, लगभग 5 में से 1 भारतीय जोड़ा बांझपन (fertility) की समस्या से गुजर रहा है। लेकिन कई बार लोग पहली बार में इसे प्रजनन रोगों और संक्रमणों में वृद्धि का कारण ही मानते हैं।

गौरतलब है कि ऐसी बीमारियां और संक्रमण पहले भी मौजूद थीं, लेकिन आज कल यह समस्या बेहद आम हो गयी हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि इन दिनों इनफर्टिलिटी के बढ़ते मामलों का क्या कारण है? इस प्रश्न का सटीक उत्तर देना अभी भी मुश्किल ही है। हो सकता है यह आंशिक रूप से पर्यावरण से संबंधित हो ,या आंशिक रूप से जीवन शैली से संबंधित हो और आंशिक रूप से बीमारियों के कारण भी हो सकता है।

उल्लेखनीय है कि पुरुष बांझपन (male infertility) के अधिकांश मामलों का पता ही नहीं चल पाता है। इस स्थिति को बेहतर ढंग से समझना बेहद जरुरी है कि पुरुषों को हो रही इस समस्या का क्या मुख्य कारण है ? और इसके लिए क्या है सुधारात्मक और निवारक उपाय।

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इस दिशा में किये गए कई तरह के शोधों से यह बात सामने आयी है कि कम शुक्राणुओं की संख्या अपने आप में मेटाबॉलिक परिवर्तन, हृदय जोखिम और कम अस्थि द्रव्यमान से जुड़ी होती है। इसलिए बांझ पुरुषों में महत्वपूर्ण सह-मौजूदा स्वास्थ्य समस्याएं या जोखिम कारक होने की संभावना है जो उनके जीवन की गुणवत्ता को खराब कर उनके जीवन को छोटा भी कर सकते हैं।

गौरतलब है कि पुरुष बांझपन के उपचार में केवल एक बच्चा होने पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहिए, जबकि नैदनिक ​​परीक्षण में अन्य स्वास्थ्य जोखिम, जैसे अधिक वजन, हाई कोलेस्ट्रॉल या हाई ब्लड प्रेशर का भी पता चलता है।

उल्लेखनीय है कि अगर समय रहते ही पुरुष बांझपन का पता चल जाए तो इस समस्या को गंभीर होने से रोका जा सकता है। बता दें कि जिन जोड़ों को गर्भधारण करने में मुश्किल आ रही हो उनका सही और सटीक निदान करने के साथ उनके प्रजनन विशेषज्ञ और प्राथमिक देखभाल चिकित्सक द्वारा उनका पालन भी करना आवश्यक है क्योंकि ऐसे लोगों में रुग्णता और मृत्यु दर की संभावना काफी बढ़ सकती है। इतना ही नहीं सभी पुरुषों द्वारा वीर्य परीक्षण या स्क्रीनिंग अवश्य कराना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि जीवनशैली और आहार में सकारात्मक बदलाव लाकर पुरुष प्रजनन क्षमता में सुधार और गर्भधारण से परे यौन स्वास्थ्य को बेहतरीन बनाया जा सकता है।

पुरुष प्रजनन क्षमता में सुधार के लिए इन बातों का रखें विशेष ख्याल :

- बता दें कि तंबाकू के धुएं में मौजूद आरओएस स्तर आपके शुक्राणु की गतिशीलता और कार्य को कम करके शुक्राणु को नुकसान पहुंचाने के साथ आपके शुक्राणु को कम उपजाऊ भी बना सकता है। गौरतलब है कि धूम्रपान न केवल पुरुष प्रजनन क्षमता को कम करता है, बल्कि डीएनए क्षति में भी वृद्धि, असामान्य भ्रूण - प्रारंभिक गर्भावस्था में उच्च गर्भपात के जोखिम के लिए भी जिम्मेदार माना जाता है। कई मामलों में देखा गया है कि आमतौर पर धूम्रपान बंद करने के 3 महीने बाद ही जोड़ों में लाभकारी प्रभाव देखा जाता है।

- शराब के सेवन से पुरुषों में वीर्य की कम मात्रा के साथ शुक्राणु की गतिशीलता में भी बड़ी कमी आती है। कई शोध में भी ये बात सामने आयी है कि अत्यधिक शराब का सेवन शुक्राणु की गतिशीलता और आकारिकी के लिए हानिकारक होता है।

- रोज़ाना व्यायाम करने से हेल्दी लाइफ के साथ यौन स्वास्थ्य भी बेहतरीन है। गौरतलब है कि प्रतिदिन व्यायाम करने से शुक्राणों की गतिशीलता बनाये रखने में मदद मिलती है। पुरुषों के लिए व्यायाम दिनचर्या को अपनाने से उनकी प्रजनन क्षमता की समस्या कम होती है।

- गौरतलब है कि मोटे व्यक्तियों में अतिरिक्त वसा की उपस्थिति के कारण टेस्टोस्टेरोन का एस्ट्रोजन में रूपांतरण बढ़ जाता है, जिसके कारण महिला हार्मोन पुरुष हार्मोन संतुलन को बदलकर शुक्राणु उत्पादन के लिए हानिकारक साबित होता है।

- जिंदगी में व्याप्त तनाव अपने कई रूपों में शुक्राणुओं की समस्या का कारण आसानी से बन सकता है। बता दें कि तनाव अतिरिक्त सहानुभूति तंत्रिका तंत्र प्रतिक्रिया को सक्रिय करके हार्मोनल और लेडिग सेल दोनों के असंतुलन बनने का कारण बनता है, जिसके कारण पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन में भरी कमी आती है।

- उल्लेखनीय है कि वीर्य की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सही डाइट और पोषण की महत्वपूर्ण होती हैं। बता दें कि एक संतुलित आहार से पुरुषों में वीर्य की गुणवत्ता और जन्म दर में काफी सुधार हो सकता है। शुक्राणु स्वास्थ्य के लिए मेडेटेरियनियन डाइट, जो ओमेगा -3 फैटी एसिड, एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन से भरपूर होता है और वसा में कम होता है, बेहतरीन आहार माना जाता है।

इसके अलावा सब्जियां और फल, मछली, अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पाद भी शुक्राणु की गुणवत्ता को बढ़ाने का काम करते हैं जबकि प्रसंस्कृत मांस, वसा वाले डेयरी उत्पाद, शराब, कॉफी और चीनी-मीठे पेय से भरी डाइट खराब वीर्य की गुणवत्ता को कम करते हैं।

Vidushi Mishra

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