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Vaishno Devi Mandir: वैष्णो देवी जाने से पहले, मंदिर के बारे में जानें ये खास बातें

Mata Vaishno Devi Mandir: जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित वैष्णो देवी मंदिर एक प्रमुख हिंदू मंदिर है। यह मंदिर वैष्णो देवी को समर्पित है।

Shreya
Written By Shreya
Published on: 18 Dec 2024 11:00 AM IST (Updated on: 18 Dec 2024 11:01 AM IST)
Vaishno Devi Mandir: वैष्णो देवी जाने से पहले, मंदिर के बारे में जानें ये खास बातें
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Vaishno Devi Mandir (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Mata Vaishno Devi Mandir Ki Khaas Baatein: जम्मू के कटरा में इस समय माता वैष्णो देवी मंदिर (Mata Vaishno Devi Shrine) मार्ग पर बनने वाले ताराकोट रोपवे परियोजना (Vaishno Devi Tarakot Ropeway Project) का विरोध किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का मकसद तीर्थयात्रियों के लिए तेज और सुरक्षित मार्ग प्रदान करना है। हालांकि पिट्ठू, पालकी मालिकों और दुकानदारों सहित स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। क्योंकि उन्हें डर है कि इस परियोजना से माता वैष्णो देवी का पारंपरिक मार्ग बंद हो जाएगा, जिससे उनकी रोजी-रोटी पर संकट उत्पन्न हो जाएगा। इसलिए आज जम्मू के कटरा में बंद का ऐलान किया गया है।

वैष्णो देवी मंदिर के बारे में (Mata Vaishno Devi Mandir Ke Bare Mein)

जम्मू-कश्मीर के कटरा में स्थित वैष्णो देवी मंदिर (Vaishno Devi Temple), जिसे श्री माता वैष्णो देवी मंदिर (Shri Mata Vaishno Devi Mandir) के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रमुख हिंदू मंदिर है। यह मंदिर वैष्णो देवी को समर्पित है। मंदिर को दुर्गा को समर्पित 108 प्रमुख शक्ति पीठों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह भारत के प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से भी एक है। यहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु देवी के दर्शन के लिए आते हैं।

मंदिर के बारे में खास बातें (Mata Vaishno Devi Mandir )

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

1- जम्मू-कश्मीर की त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों (Richest Temples Of India) में से एक है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मंदिर की वार्षिक आय 16 बिलियन डॉलर के करीब है।

2- महाभारत की कथा में भी माता वैष्णो देवी का संदर्भ मिलता है। बताया जाता है कि अर्जुन ने महाभारत युद्ध से पहले भगवान कृष्ण की सलाह पर आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए देवी पूजा की थी।

3- ऐसा कहते हैं कि जो महिलाएं अर्धकुवारी गुफा (Ardhkuwari Cave) में आती हैं, उन्हें गर्भावस्था या प्रसव के दौरान किसी तरह की कठिनाई का एहसास नहीं होता है। दरअसल, पौराणिक कथा के अनुसार, भैरव नाथ से छिपने के लिये माता वैष्णो देवी इसी गुफा में 9 माह तक रही थीं। इस गुफा का आकार एक माता के गर्भ जैसा है, इसलिए इसे गर्भजून भी कहते हैं।

4- कहा ये भी जाता है कि जो भी भक्त इस गुफा के दर्शन करता है, उसे मृत्यु और जीवन के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही गुफा में जाने वाले व्यक्ति का जीवन सुखमयी बीतता है।

5- त्रिकुटा की पहाड़ियों पर स्थित एक गुफा में माता वैष्णो देवी की स्वयंभू तीन मूर्तियां हैं। देवी काली, सरस्वती और लक्ष्मी पिण्डी के रूप में गुफा में विराजित हैं। इन तीनों पिण्डियों के सम्मिलित रूप को वैष्णो देवी माता कहा जाता है।

6- इसे लेकर कुछ स्थानों पर एक कथा प्रचलित है कि द्वापर युग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने माता वैष्णो देवी से यह वादा किया था कि वह कलियुग में कल्कि का रूप धारण करके उनसे विवाह करने के लिए आएंगे।

7- वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन तब तक पूरे नहीं माने जाते हैं, जब तक भक्त भैरवनाथ मंदिर के दर्शन ना कर ले। दरअसल, माता वैष्णो देवी ने ही भैरवनाथ का वध करने के बाद उसे यह वरदान दिया था कि जब तक कोई भक्त उनके बाद भैरवनाथ के दर्शन नहीं करेगा, तब तक उनके दर्शन पूरे नहीं माने जाएंगे।

8- सर्दियों के मौसम में दिसंबर से जनवरी तक वैष्णो देवी मंदिर बर्फ से ढका रहता है। इस दौरान यह मंदिर और भी खूबसूरत लगता है।



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