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Matke ka Pani Benefits: गर्मियों में क्यों मटके का पानी है अमृत समान, जानिए आयुर्वेद का कहना

Matke ka Pani Benefits: फ्रीज का ठंडा पानी बेहद नुकसानदायक होता है, जबकि घड़े का पानी सोंधी खूशबू के साथ अमृत समान होता है।

Sakshi Singh
Written By Sakshi Singh
Published on: 28 March 2022 2:07 AM GMT
Matke ka Pani Benefits: गर्मियों में क्यों मटके का पानी है अमृत समान, जानिए आयुर्वेद का कहना
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Matke Ke Pani Ke Fayde: गर्मियों में अगर आप खुद को हेल्दी रखना चाहते हैं तो फ्रीज का ठंडा पानी छोड़ कर घड़े का पानी पीना शुरू कर दें। घड़े का पानी गर्मियों में अमृत समान होता है, तो चलिए आज इसके कुछ फायदों के बारे में जानते हैं।

आयुर्वेद में मिटटी को शुद्ध और बीमारिरयों को दूर रखने वाला बताया गया है। आयुर्वेद न सिर्फ मिट्टी के बर्तन में पानी पीना, बल्कि खाना पकाना को भी औषधि समान मानता है। फ्रीज का ठंडा पानी बेहद नुकसानदायक होता है, जबकि घड़े का पानी सोंधी खूशबू के साथ अमृत समान होता है।

घड़े में सूक्ष्म छेद होते हैं और जब वाष्पीकरण होता है तो पानी ठंडा होता है। जितना ज्यादा घड़े को ताप मिलता है उतना ज्यादा वाष्पीकरण होता है और उतना ही ज्यादा पानी भी ठंडा होता है, इसलिए घड़े को हमेशा खुली जगह पर रखना चाहिए।

घड़े का पानी क्यों होता है अमृत समान

- घड़े का पानी पीने से आपको कभी गले की समस्या नहीं होगी, पानी कितना भी ठंडा क्यों न हो लेकिन नुकसान पहुंचाए बिना ठंडक देगा। जबकि फ्रीज का ठंडा पानी कफ और जुकाम जैसी बीमारियां साथ लिए हुए होता है।

-आपको शायद यकीन न हो रहा हो लेकिन घड़े का पानी ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में भी मदद करता है। यह कॉलेस्ट्रोल को मेंटेन कर हार्ट अटैक की संभावनाओं को कम करता है।

- घड़े का पानी पीने से त्वचा में भी चमक आती है। फोड़े, फुंसी और मुंहासे से भी राहत मिलती है।

- मटके का पानी पीने से पेट की गर्मी को प्राकृतिक तरीके से ठंडा किया जा सकता है, एसिडिटी जैसी समस्या से भी पार पाया जा सकता है। रोजाना घड़े का पानी पीने से फर्क देखा जा सकता है।

- मटके का पानी पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती। कई मिनिरलस भी शरीर को मिल मिलते हैं। ग्लूकोज का स्तर बैलेंस रहता है और लू भी नहीं लगती।

ध्यान दें- इस खबर को सामान्य जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। ऐसे में इन पर अमल करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।

Sakshi Singh

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