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Moral Story: मां अगर जीवन की सच्चाई है तो पिता जीवन का आधार, आखिर क्यों

Moral Story in Hindi: जिंदगी की सच्चाई के धरातल पर जब बच्चा चलना शुरू करता है तो उसके कदम कहां पड़े और कहां नहीं.. यह समझाने का काम पिता ही करते हैं। पिता अगर पास है तो किसी बच्चे को असुरक्षा नहीं होती है।

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Published on: 28 Jun 2023 5:11 PM GMT
Moral Story: मां अगर जीवन की सच्चाई है तो पिता जीवन का आधार, आखिर क्यों
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Moral Story in Hindi (Pic: Social Media)

Moral Story in Hindi: दोस्तों, मां के चरणों में स्वर्ग होता है, मां बिना जीवन अधूरा है। लेकिन अगर मां जीवन की सच्चाई है तो पिता जीवन का आधार, मां बिना जीवन अधूरा है तो पिता बिना अस्तित्व अधूरा। जीवन तो मां से मिल जाता है। लेकिन जीवन के थपेड़ो से निपटना तो पिताजी से ही आता है।

जिंदगी की सच्चाई के धरातल पर जब बच्चा चलना शुरू करता है तो उसके कदम कहां पड़े और कहां नहीं.. यह समझाने का काम पिता ही करते हैं। पिता अगर पास है तो किसी बच्चे को असुरक्षा नहीं होती है। पिता एक वट वृक्ष है जिसके पास खड़े होकर बड़ी से बड़ी परेशानी छोटी हो जाती है।

पिता भी मां की तरह ही बच्चों से प्यार करते हैं। लेकिन उनका स्वभाव और जिम्मेदारी मां से अलग होती हैं, जहां मां से बच्चे में प्रेम, करुणा, अपनापन आदि गुण विकसित होते हैं, पिता से बच्चा सख्त होना सीखता है। अनुशासन सीखता है, इसका ये अभिप्राय नहीं है कि मां कमजोर है या कुछ और। पिता को बच्चों के प्रति प्यार जताना नही आता या शायद वो जताता नहीं। बच्चों का मन अबोध होता है उनके लिए मां बाप मे कोई भेद नहीं पर मां ज्यादा समय साथ होती है।

बिलकुल साए की तरह और प्राकृतिक रूप से भी मां से जुड़ाव स्वभाविक होता है। और जब तक बच्चे पिता की भावनाओ को समझने के काबिल होते हैं वो दुनियादारी और जिम्मेदारी के बोझ तले आ जाते हैं। बस सोचते रह जाते हैं पिता के प्यार और त्याग को, सोचते रह जाते हैं उन्हें धन्यवाद देने को और पिता छोड़ जाते हैं हमेशा के लिए, और उस वक्त इस घने साए की छाया की महत्ता पता चलती है, पर तब तक समय बीत चुका होता है, बस हम अश्रुपूर्ण आंखों से यही कह सकते हैं आई लव यू पापा।

तो चलिए देर किस बात की है। जाइये अपने पिता के पास और पैर छूकर अपने आप को धन्य कीजिये और जीवन की सच्चाई से रूबरू कराने के लिए उन्हें तहे दिल से धन्यवाद दीजिये।

जो पिता के पैरों को छूता है, वो कभी गरीब नहीं होता।
जो मां के पैरों को छूता है,वो कभी बदनसीब नही होता।
जो भाई के पैर को छुता है, वो कभी गमगीन नही होता।
जो बहन के पैरों को छूता है, वो कभी चरित्रहीन नहीं होता।
जो गुरू के पैर को छूता है, उस जैसा कोई खुशनसीब नहीं होता।

अच्छा दिखने के लिये मत जिओ बल्कि अच्छा बनने के लिए जिओ।।

कर सके तो लोगों पर तीन एहसान अवश्य कीजिए:

1.फायदा नही पहुंचा सकते तो नुकसान भी ना पहुंचाए,

2- खुशी नही दे सकते तो दुख भी ना पहुंचाए और

3-तारीफ नही कर सकते तो बुराई भी ना करें।

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