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Motivational Story: सबका मंगल हो, दोस्तों को व्हाट्सएप करते रहिये, उनके दुख दर्द के साथी बने

Motivational Story: इस लेख में एक अखबार वितरक का दिल छू लेने वाला किस्सा पढ़ आपकी भी आंखें नम हो सकती हैं।

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Newstrack Network
Published on: 2 Oct 2023 8:20 AM IST
सबका मंगल हो, दोस्तों को व्हाट्सएप करते रहिये, उनके दुख दर्द के साथी बने
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व्हाट्सएप (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Motivational Story: इस लेख में एक अखबार वितरक का दिल छू लेने वाला किस्सा पढ़ आपकी भी आंखें नम हो सकती हैं। इसे पढ़कर आपको यह भी पता लगेगा कि बुजुर्गों के जिन मॉर्निंग मैसेज और अभिवादन को आप मजाक में लेते हैं, आखिर वह कितने महत्वपूर्ण आइए नजर डालते हैं इस खूबसूरत लेख पर-

जिन घरों में मैं अखबार वितरित करता था, एक दिन उनमें से एक का मेलबॉक्स (घर के बाहर लगा वह बक्सा जिसमें चिठ्ठी- पत्री और अखबार डाला जाता है) का द्वार अवरुद्ध मिला, अतः मैंने उस घर का दरवाजा खटखटाया।

" कौन है?" अंदर से एक काँपती और थकी आवाज आई।

" मैं अखबार वाला। " मैंने जोर से कहा।

अस्थिर और कांपते कदमों वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति ने धीरे से दरवाजा खोला। मेरे सामने एक दुर्बल काया धारी, द्विज विहीन, सूनी आँखों वाले, नग्न वक्ष वृद्ध खड़े थे।

मैंने पूछा, "सर, मेलबॉक्स का प्रवेश द्वार क्यों बंद कर रखा है?"

उन्होंने जवाब दिया, "मैंने जानबूझकर इसे ब्लॉक किया है।"

वो मुस्कुराये और बोले, "मैं चाहता हूं कि आप हर दिन ही मुझे अखबार दें। परन्तु कृपया दरवाजा खटखटाकर या घंटी बजाकर और मुझे व्यक्तिगत रूप से वह हाथों में दें।"

मैं हैरान हो गया और जवाब दिया, "अवश्य, लेकिन क्या यह हम दोनों के लिए असुविधा और समय की बर्बादी नहीं लगती? इससे मेरा समय नष्ट होगा।"

उन्होंने कहा, "यह ठीक है, इसके लिए मैं तुम्हें हर महीने ₹500 अतिरिक्त दूंगा।" फ़िर भारी किन्तु विनती भरी अभिव्यक्ति के साथ हाथ जोड़कर उन्होंने कहा, "अगर कभी ऐसा दिन आए जब आप दरवाज़ा खटखटायें और मैं द्वार नहीं खोल सकूँ, तो कृपया पुलिस को तत्काल अवश्य बुलाएँ!"

मैं चौंक गया और पूछा, "क्यों?"

उन्होंने उत्तर दिया, "मेरी पत्नी का निधन हो गया, मेरा बेटा विदेश में है, और मैं यहाँ अकेला रहता हूँ, कौन जानता है कि मेरा अंतिम समय कब आ जाए?"

उस पल, मैंने उस वृद्ध आदमी की धुंधली आँखों में कुछ नमी देखीं। जो शायद जीवन के कठीन संघर्ष के बाद की बेबसी दर्शा रही थी।

उन्होंने आगे कहा, "मैंने कभी भी अखबार नहीं पढ़ा, मैं तो सिर्फ खटखटाने या दरवाजे की घंटी बजने की आवाज सुनने के लिए ही इसकी सदस्यता लेता हूं। एक परिचित चेहरा देखने और कुछ शब्दों और खुशियों का आदान-प्रदान करने के लिए!"

फिर उन्होंने काँपते हुए हाथ जोड़कर कहा, "बेटा, कृपया मुझ पर एक एहसान और करो! यह मेरे बेटे का विदेशी फोन नंबर है। यदि किसी दिन तुम दरवाजा खटखटाओ और मैं जवाब न दूँ, तो कृपया मेरे बेटे को फोन करके सूचित कर देना"। इतना कहने के बाद उनके काँपते दोनों हाथ एक साथ उठे और मेरी ओर जुड़ गए, फिर वे धीरे धीरे पलटे और शून्य की ओर देखते हुए भारी कदमों से अपने वर्षों पुराने बिस्तर की ओर चल पड़े।

मैं उन वृद्ध की उस नंगी पीठ को अपने से दूर जाते हुए एकटक देख रहा था, जो अपने बेटे को पढ़ा लिखा कर, एक क़ाबिल व्यक्ति बना कर उसके जीवन में खुशियाँ भरने के लिए किये गए संघर्ष के बोझ से झुक गयी थी।

व्हाट्सएप मैसेज है एक जरिया

हो सकता है, इसे पढ़ने के बाद आपकी आँखों में आँसू आ गये हों। परन्तु शहरी जीवन की यही सच्चाई है। इसे पढ़ने के बाद, मुझे विश्वास है कि हमारे आस पास, दोस्तों के समूह में बहुत सारे अकेले बुजुर्ग हों। समय समय पर उनकी कुशल क्षेम लेते रहें। कभी-कभी, आपको आश्चर्य हो सकता है कि वे बुढ़ापे में भी व्हाट्सएप पर संदेश क्यों भेजते हैं? जैसे वे अभी भी काम कर रहे हैं।

वास्तव में, सुबह-शाम के इन अभिवादनों का महत्व दरवाजे पर दस्तक देने या घंटी बजाने के अर्थ के समान ही है; यह एक-दूसरे की सुरक्षा की कामना करने और देखभाल व्यक्त करने का एक तरीका है। आजकल, व्हाट्सएप बहुत सुविधाजनक है, और हमें अब समाचार पत्रों की सदस्यता लेने की आवश्यकता नहीं है। यदि आपके पास समय है तो अपने परिवार, पड़ोस तथा परिचित बुजुर्ग सदस्यों को व्हाट्सएप चलाना अवश्य सिखाएं!

यदि किसी दिन आपको उनकी सुबह की शुभकामनाएँ या साझा लेख नहीं मिलते हैं, तो हो सकता है कि वे अस्वस्थ हों या उन्हें कुछ हो गया हो। मैं एक-दूसरे के लिए हमारे व्हाट्सएप संदेशों के महत्व को गहराई से समझता हूं।

सबका मंगल हो, आप अपना, अपने परिवार, मित्रों, परिचितों ओर पड़ोसियों का ध्यान रखें।

Shreya

Shreya

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