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Motovational Story Hindi: जीव, शिक्षा, सिद्धांत

Motovational Story Hindi: स्वामी श्री हरिदास जी महाराज कहते हैं कि इस संसार सागर से वे ही जीव पार हुए , जिन्होंने आनंद को देने वाले श्री बिहारी जी के चरण गहे।

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Published on: 20 March 2024 1:47 PM GMT
Motivational Story Hindi
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Motivational Story Hindi: संसार समुद्र है , इसमें कोई मनुष्य मीन है तथा कोई मनुष्य नर्क है । मीन जो निर्बल है, उनको जो दुख देते हैं एवं जो उनसे प्रबल हैं , वे मगर हैं। इसी प्रकार बहुत भाति से जीवों की रचना है । वे जीव मनरूप वायु की प्रेरणा से स्नेह रुप फंदे में फंद रहे हैं ।लोभ रूप पिंजरा में बैठा लोभी जीव पिंजरा में बैठकर समुद्र में- से रत्न निकालने वाले गोताखोर है । वे संसार- समुद्र में से धर्म , अर्थ , काम, और मोक्ष ये चार पदार्थ रुप रत्नो को निकालने का उद्योग करते हैं ।

स्वामी श्री हरिदास जी महाराज कहते हैं कि इस संसार सागर से वे ही जीव पार हुए , जिन्होंने आनंद को देने वाले श्री बिहारी जी के चरण गहे। चरणो में चित्त लगाया । इसलिए संसार सागर से पार होने का उपाय भगवत चरण चिंतन, सेवन ही है ।अरे प्राणी ! हरि , जो पापों का हरण करने वाले हैं , मन का हरण करने वाले हैं , तू उन श्री हरि के नाम- स्मरण , जप, कीर्तन करने में आलस क्यों करता है ? प्रबल काल मारने के लिए तेरे पीछे बाण चढाये हुए घूम रहा है । अर्थात मृत्यु तेरे माथे पर नाच रही है । वह काल समय - असमय इसका कोई विचार नहीं करता । वह नित्य ही तेरे कंधे पर चढ़ा रहता है । तुझे इस बात का खबर नहीं । सो भगवत भजन फिर कर लूंगा ऐसा आलस मत कर ।

रे नर! यदि तू ने बहुत से हीरा और जवाहरात , मणि- माणिक्य आदि रिद्धि सिद्धि भी संचित संग्रह कर ली तो क्या हुआ ? और हाथी भी दरवाजे पर बांध लिए तो क्या हुआ ? अर्थात इनसे कुछ भी कल्याण नहीं होता है ।श्री स्वामी हरिदास जी महाराज कहते हैं कि तेरे महल में सुंदर स्त्री, वस्त्र - आभूषण आदि धारण कर सुसज्जित होकर अगवानी करने के लिए खड़ी हुई , तो भी क्या हुआ ? अर्थात जब मृत्यु की आंधी आती है , तो एक भी उपाय नहीं चलता। इनकी कुछ भी नहीं चलती । न ये कोई रक्षा कर सकते हैं। अथवा कोई एक भी साथ नहीं चलता है। इससे इनके लिए प्रयास करना व्यर्थ है । एकमात्र भगवत भजन ही करना ही सार है।

Shalini Rai

Shalini Rai

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