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National Dentist Day 2025: राष्ट्रीय दांत चिकित्सक कौन होते हैं, क्या काम होता है, इनका दिवस क्यों मनाया जाता है आइए जानते हैं

National Dentist's Day 2025: हर साल दंत चिकित्सकों के प्रति सम्मान और दंत स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 'दंत चिकित्सक दिवस' मनाया जाता है।

Akshita Pidiha
Written By Akshita Pidiha
Published on: 6 March 2025 7:30 AM IST (Updated on: 6 March 2025 7:30 AM IST)
National Dentist Day 2025: राष्ट्रीय दांत चिकित्सक कौन होते हैं, क्या काम होता है, इनका दिवस क्यों मनाया जाता है आइए जानते हैं
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National Dentist Day 2025 (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

National Dentist's Day 2025: दांत स्वास्थ्य का हमारे समग्र स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण स्थान है, और इस क्षेत्र में दंत चिकित्सकों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। दंत चिकित्सकों के प्रति सम्मान और दंत स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 'राष्ट्रीय दंत चिकित्सक दिवस' (Rashtriya Dant Chikitsak Divas) मनाया जाता है।

राष्ट्रीय दंत चिकित्सक दिवस का इतिहास (National Dentist's Day History In Hindi)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

1530 में, 'द लिटिल मेडिसिनल बुक फॉर ए वाइड रेंज ऑफ डिजीज एंड इन्फर्मिटीज ऑफ द टीथ' (आर्टज़नी बुचलेन) जर्मनी में प्रकाशित हुई थी। यह पहली पुस्तक थी जो पूरी तरह से दंत चिकित्सा को समर्पित थी। तब से लेकर अब तक, दंत चिकित्सा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण और आश्चर्यजनक प्रगति हुई हैं।दुनिया के विभिन्न देशों में 'दंत चिकित्सक दिवस' अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है।

अमेरिका में, यह दिवस 6 मार्च को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य दंत चिकित्सकों के प्रति आभार व्यक्त करना और मौखिक स्वास्थ्य के महत्व को उजागर करना है। पहला 'नेशनल डेंटिस्ट डे' 1938 में अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन (ADA) की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाया गया था।

भारत में, 'राष्ट्रीय दंत चिकित्सक दिवस' 24 दिसंबर को मनाया जाता है। यह तिथि आधुनिक दंत चिकित्सा के जनक, डॉ. रफीउद्दीन अहमद की जयंती के उपलक्ष्य में चुनी गई है। डॉ. अहमद का जन्म 24 दिसंबर 1890 को अविभाजित बंगाल के ढाका जिले के बर्धनपारा में हुआ था। उन्होंने 1920 में कोलकाता में भारत का पहला डेंटल कॉलेज स्थापित किया, जो भारतीय दंत चिकित्सा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हुआ। उनके योगदान के सम्मान में, इंडियन डेंटल एसोसिएशन (IDA) ने 17 जनवरी 2016 को जयपुर में आयोजित केंद्रीय परिषद की बैठक में 24 दिसंबर को 'राष्ट्रीय दंत चिकित्सक दिवस' के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया।

राष्ट्रीय दंत चिकित्सक दिवस का महत्व (National Dentist's Day Significance)

'राष्ट्रीय दंत चिकित्सक दिवस' का मुख्य उद्देश्य दंत चिकित्सकों के योगदान को सम्मानित करना और समाज में दंत स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना है। दांतों और मसूड़ों की उचित देखभाल न केवल हमारे मुख की स्वच्छता के लिए आवश्यक है, बल्कि यह हमारे समग्र स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। दंत चिकित्सक हमें दंत रोगों से बचाने, समय पर उपचार प्रदान करने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में मार्गदर्शन करते हैं।

भारत में दंत चिकित्सा का विकास (Development of dentistry in India)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

भारत में दंत चिकित्सा का इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में दंत स्वास्थ्य और उपचार के विभिन्न तरीकों का उल्लेख मिलता है। हालांकि, आधुनिक दंत चिकित्सा की नींव 20वीं शताब्दी की शुरुआत में पड़ी, जब डॉ. रफीउद्दीन अहमद ने कोलकाता में पहला डेंटल कॉलेज स्थापित किया। इसके बाद, देशभर में दंत चिकित्सा शिक्षा और सेवाओं का विस्तार हुआ।

भारत में दंत चिकित्सकों की संख्या और चुनौतियाँ (Number of Dentists In India and challenges)

भारत में दंत चिकित्सकों की संख्या में पिछले कुछ दशकों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। देश में कई सरकारी और निजी डेंटल कॉलेज स्थापित हुए हैं, जो हर साल हजारों नए दंत चिकित्सकों को प्रशिक्षित करते हैं। हालांकि, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच दंत चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता में असमानता एक प्रमुख चुनौती है। ग्रामीण क्षेत्रों में दंत चिकित्सकों की कमी और दंत स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी के कारण दंत रोगों की दर अधिक है।

राष्ट्रीय दंत चिकित्सक दिवस की विशेषताएं

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

'राष्ट्रीय दंत चिकित्सक दिवस' के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:

दंत चिकित्सा शिविर: निःशुल्क दंत चिकित्सा जांच और उपचार शिविरों का आयोजन, विशेषकर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में।

जागरूकता अभियान: स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों में दंत स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कार्यशालाएँ और सेमिनार।

सम्मान समारोह: दंत चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले चिकित्सकों और संगठनों का सम्मान।

मीडिया अभियानों: टीवी, रेडियो और सोशल मीडिया के माध्यम से दंत स्वास्थ्य से संबंधित संदेशों का प्रसार।

भारत में दंत स्वास्थ्य की स्थिति (State of Dental Health in India)

भारत में दंत स्वास्थ्य की स्थिति मिश्रित है। शहरी क्षेत्रों में जागरूकता और सेवाओं की उपलब्धता के कारण दंत स्वास्थ्य में सुधार देखा गया है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति चिंताजनक है। दंत रोग, जैसे कैविटी, पेरियोडोंटाइटिस और ओरल कैंसर के मामले अधिक हैं। इसके पीछे मुख्य कारण हैं:

जागरूकता की कमी: दंत स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता का अभाव।

स्वच्छता की कमी: दांतों की उचित सफाई न करना और अस्वास्थ्यकर आदतें।

स्वास्थ्य सेवाओं की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में दंत चिकित्सा सेवाओं की अनुपलब्धता।

आर्थिक बाधाएँ: आर्थिक समस्याओं के कारण लोग दंत चिकित्सा सेवाओं का लाभ नहीं ले पाते।

समाधान और भविष्य की दिशा

दंत स्वास्थ्य में सुधार के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

शिक्षा और जागरूकता: स्कूलों और समुदायों में दंत स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रमों का आयोजन।

स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार: ग्रामीण क्षेत्रों में दंत चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाना।

खास बातें

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

दंत चिकित्सा का इतिहास 3000 ईसा पूर्व से प्रारंभ माना जाता है।

दंत चिकित्सक 2015 में शीर्ष नौकरियों में पहले स्थान पर थे, और 2028 तक 10,400 नए दंत चिकित्सकों के शामिल होने की संभावना है।

दुनिया का पहला डेंटल कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ डेंटिस्ट्री, 1840 में डॉ. होरेस एच. हेडन और चैपिन ए. हैरिस द्वारा स्थापित किया गया था।

आज, 80% दंत चिकित्सक सामान्य दंत चिकित्सा का अभ्यास करते हैं, जबकि केवल 20% विशेषज्ञता रखते हैं जिसे अमेरिकी डेंटल एसोसिएशन (ADA) द्वारा मान्यता प्राप्त है।

दिलचस्प बात यह है कि औसत अमेरिकी अपने जीवनकाल में लगभग 38.5 दिन सिर्फ दांत ब्रश करने में व्यतीत करता है।

दांतों की अनोखी विशेषता यह है कि वे उंगलियों के निशान की तरह विशिष्ट होते हैं। इतिहास में सबसे कीमती दांत महान वैज्ञानिक सर आइज़ैक न्यूटन का था, जिसे 1816 में लंदन में 3,633 डॉलर (आज के हिसाब से लगभग 35,700 डॉलर) में बेचा गया था और एक अंगूठी में जड़ा गया था।

1866 में, लूसी बीमन हॉब्स पहली लाइसेंस प्राप्त महिला दंत चिकित्सक बनीं। दंत स्वच्छता से जुड़े रोचक तथ्यों में यह भी शामिल है कि टूथब्रश को शौचालय से कम से कम 6 फीट की दूरी पर रखना चाहिए ताकि फ्लश के कारण हवा में उड़ने वाले कणों से बचा जा सके।

अंत में, आपकी मुस्कान आपके चेहरे की सबसे आकर्षक विशेषता होती है, जिसे प्रतिदिन आपके संपर्क में आने वाले आधे लोग सबसे पहले नोटिस करते हैं।

दंत चिकित्सक न केवल हमारे दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं, बल्कि हमारी मुस्कान को भी खूबसूरत बनाते हैं। वे नियमित जांच, उपचार, और जागरूकता अभियानों के माध्यम से संपूर्ण मौखिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में योगदान देते हैं।

यह दिवस हमें यह याद दिलाता है कि दांतों की देखभाल केवल एक चिकित्सकीय आवश्यकता नहीं, बल्कि एक स्वस्थ जीवनशैली का महत्वपूर्ण हिस्सा है। दंत चिकित्सकों के योगदान को सम्मानित करने के साथ-साथ, यह दिन हमें अपने दांतों की सफाई और स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने के लिए भी प्रेरित करता है।

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