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National No Phones at Home Day: जानिए क्या है 'नेशनल नो फ़ोन्स एट होम डे' का इतिहास, कबसे और क्यों हुई इसकी शुरुआत

National No Phones at Home Day: आज यानि 20 जनवरी को हम 'नेशनल नो फ़ोन्स एट होम डे' मना रहे हैं आइये जानते हैं क्या है इसका इतिहास और क्या है इसको मनाने के पीछे की वजह।

Shweta Srivastava
Published on: 20 Jan 2024 4:37 AM GMT
National No Phones at Home Day
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National No Phones at Home Day (Image Credit-Social Media)

National No Phones at Home Day: टेक्नोलॉजी में तरक्की तो दुनिया करती चली जा रही है लेकिन ये रिश्तों और लोगों की सेहत को काफी नुकसान कर रहा है। वहीँ स्मार्टफोन की दुनिया में होने वाले वियोग के कारण परिवारों को लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वहीँ आज यानि 20 जनवरी को हम 'नेशनल नो फ़ोन्स एट होम डे' मना रहे हैं जिसका उद्देश्य परिवार के सदस्यों या दोस्तों के साथ मानवीय संबंध को वापस लाना है और शायद थोड़ा सा वास्तविक जीवन भी वापस लाना है। आइये जानते हैं इसका इतिहास।

'नेशनल नो फ़ोन्स एट होम डे' का इतिहास

बहुत से लोगों को ये एहसास नहीं है कि तकनीक मानसिक स्वास्थ्य पर कितना नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, खासकर बच्चों और युवा वयस्कों के लिए। पंजीकृत मनोचिकित्सक और मीडिया मनोवैज्ञानिक, चार्लोट आर्मिटेज द्वारा स्थापित, नेशनल नो फ़ोन्स एट होम डे प्रौद्योगिकी से दूर आराम और विराम का समय देता है।

जहाँ टेक्नोलॉजी इंस्टेंट संतुष्टि, बिना सोचे-समझे स्क्रॉलिंग और लेवल अप पर ध्यान केंद्रित करती है, वहीँ लोग रिश्तों को गहरा करने और आमने-सामने संवाद करने की महत्वपूर्ण नींव से चूक रहे हैं। फ़ोन के उपयोग की सीमाएँ स्थापित करके प्रौद्योगिकी से विराम लेने से बच्चों और किशोरों को अपने अन्य महत्वपूर्ण पारस्परिक और संबंध कौशल विकसित करने का अवसर मिलता है।

नेशनल नो फ़ोन्स एट होम डे परिवार के सदस्यों को महत्वपूर्ण गतिविधियों और परियोजनाओं से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है जो कौशल बढ़ाते हैं और शायद परिणाम भी देते हैं। ड्राइंग और बेकिंग से लेकर अलमारी की सफ़ाई तक, ये एक ऐसा समय हो सकता है जो बच्चों के साथ-साथ वयस्कों के लिए भी उपयोगी हो सकता है।

तो आज के दिन अपने फ़ोन्स से ज़्यादा से ज़्यादा दूरी बनाकर रखें और अपने परिवार के साथ समय बिताएं। जिससे न सिर्फ आप अपने परिवार के करीब आएंगे बल्कि एक दिन के लिए ही सही स्ट्रेस से थोड दूर रहेंगे।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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