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Natural Pain Killers: आपके किचन में ही मौजूद है नेचुरल पेन किलर, तेज़ दर्द को भी तुरंत करेगा दूर

Natural Pain Killers: इन दवाओं के सेवन से आपको तुरंत सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गठिया, या अन्य दर्द और दर्द राहत मिल जा रही है। लेकिन आने वाले कुछ समयों में ये आपके स्वास्थ्य पर बेहद बुरा प्रभाव डालते हैं।

Preeti Mishra
Written By Preeti Mishra
Published on: 2 July 2022 1:11 PM GMT
natural painkiller
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natural painkiller (Image credit: social media)

Natural Pain Killers: क्या आप भी अक्सर दर्द निवारक (Pain Killer) दवाओं का उपयोग करते हैं ? बगैर उससे होने वाले साइड इफ्फेट्स (side effects ) को सोचे ? तो जरा ठहरिये ! और एक नज़र इस हालिया रिसर्च पर डालिये कि लगातार या अत्यधिक मात्रा में दर्द निवारक (Pain Killer) दवाओं का उपयोग आपके सेहत को गहरी परेशानियों में डालने के लिए काफी होता है।

हालाँकि आपको ऐसा लगता होगा कि इन दवाओं के सेवन से आपको तुरंत सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गठिया, या अन्य दर्द और दर्द राहत मिल जा रही है। लेकिन आने वाले कुछ समयों में ये आपके स्वास्थ्य पर बेहद बुरा प्रभाव डालते हैं। क्या आप जाते हैं कि ज्यादा या नियमित रूप से पेन किलर खाने से आपकी याददाश्त तक कमजोर हो सकती है। इतना ही नहीं ये आपके किडनी और लीवर के लिए भी बेहद हानिकारक साबित हो सकता है।

हालांकि कुछ गंभीर परिस्थितियों में डॉक्टर के प्रिस्क्रीप्शन या ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) पेन किलर लेना आवश्यक होता है। लेकिन अगर ऐसी स्थिति नहीं है तो आपको दर्द से राहत पाने के लिए प्राकृतिक पेन किलर्स का ही उपयोग ही करना चाहिए। बता दें कि प्राचीन समय से ही कई जड़ी-बूटियों और मसालों को सूजन और दर्द को दूर करने के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। गौरतलब है कि ये नेचुरल पेन किलर्स चिकित्सा की पुरानी पद्धतियों जैसे एक्यूपंक्चर, योग, रेकी आदि में भी शामिल है। और सबसे अच्छी बात तो यह है कि ये प्राकृतिक पेन किलर आपको अपने घर और रसोई में ही आसानी मिल जाएगी।

तो आइये जानते हैं आपके रसोई में ही मौजूद नेचुरल पेन किलर के बारे में :

पुदीना

बता दें कि पुदीना का उपयोग पाचन से लेकर मांसपेशियों के दर्द तक को दूर करने में असरदार माना जाता है। पुदीना मांसपेशियों के दर्द, दांत दर्द, सिरदर्द और नसों के दर्द से राहत दिलाने में रामबाण तरीकों से काम करता है। उल्लेखनीय है कि पुदीना के कुछ पत्तों को चबाने से न केवल आपके पाचन में मदद मिलने के साथ आपका मन भी शांत रहता है। एक शोध के अनुसार पुदीना में एंटीमाइक्रोबियल, एंटीवायरस, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीट्यूमर के साथ ही एंटी-एलर्जेनिक गुण भी मौजूद होते हैं, जो संयुक्त रूप से शरीर को लाभ पहुंचाने का भी काम कर सकते हैं।

​रोज़मेरी तेल

इस तेल का उपयोग जोड़ो के दर्द से लेकर मानसिक स्वास्थ्य तक के लिए काफी फायदेमंद होता है। बता दें कि रोज़मेरी एक बेहद शक्तिशाली तेल है जो शारीरिक दर्द को दूर करने में सहायक होता है। गौरतलब है कि यह तेल दर्द से संबंधित मस्तिष्क ओपिओइड न्यूरॉन्स पर कार्य करने के साथ सिरदर्द और जोड़ों के दर्द के इलाज में बेहद प्रभावी होता है। इतना ही नहीं रोजमेरी का तेल सूजन को कम करने, मांसपेशियों के दर्द को दूर करने के साथ ही साथ मस्तिष्क के स्वास्थ्य और याददाश्त में भी सुधार करने में मददगार होता है।

​अदरक

पीरियड्स से लेकर गठिया के दर्द तक को दूर करने में अदरक का प्रयोग काफी लाभदायक माना गया है। एक रिसर्च के मुताबिक अदरक में मौजूद औषधिय गुण कब्ज, पेट दर्द, पेट की ऐंठन, मरोड़ व गैस जैसी कई समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक साबित होता है। इतना ही नहीं इसमें मौजूद एनाल्जेसिक नामक पेन किलर गुण गठिया दर्द, ऐंठन और मांसपेशियों में दर्द को कम करने में भी सहायक होते हैं। बता दें के मासिक धर्म /पीरियड्स के दर्द से ये तुरंत राहत दिलाने के साथ मांसपेशियों को आराम और शांत करने में भी सहायक होता है।

​हल्दी

हल्दी में मौजूद एंटीइन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीट्यूमर, एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल, कार्डियोप्रोटेक्टिव, हेपटोप्रोटेक्टिव और नेफ्रोप्रोटेक्टिव गुण कैंसर से लेकर इंफेक्शन तक राहत पहुंचाने का काम करता हैं। इतना ही नहीं इसमें मौजूद यौगिक करक्यूमिन एक ओवर-द-काउंटर एंटीबायोटिक के रूप में काम करते हुए मांसपेशियों में दर्द और सूजन को कम करने में भी सहायक होता है।

​लौंग

लौंग का प्रयोग दांत के दर्द से लेकर डायबिटीज तक फायदेमंद माना जाता है। एक रिसर्च के मुताबिक इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-ऑक्सीडेंट प्रभाव मौजूद होता है। इतना ही नहीं इसमें मौजूद एंटी-वायरल और एनाल्जेसिक गुण आपके शरीर को कई तरह फायदा पहुंचाते हैं। इसके अलावा आप इसका उपयोग ओरल हेल्थ के लिए भी कर सकते हैं। लौंग का प्रयोग डायबिटीज कंट्रोल करने के साथ पाचन को सुधारने और वजन कम करने में भी किया जाता है।

​बर्फ

साधारण बर्फ का उपयोग सूजन से लेकर कमर दर्द तक को ठीक करने के लिए किया जाता हे। बता दें कि यह दर्द में राहत पाने का सबसे आम घरेलू नुस्खा माना जाता है। गौरतलब है कि मांसपेशियों, कण्डरा या लिगामेंट में खिंचाव के कारण होने वाले सूजन को कम करने के लिए आइस पैक का ही इस्तेमाल करना ज्यादा फायदेमंद होता है। इसके साथ ही ये मोच और खिंचाव के साथ आने वाली कठोरता को कम करने में भी सहायक होती है। बता दें कि बर्फ पीठ के निचले हिस्से के दर्द और गठिया में भी राहत पहुंचाने का काम करती है।


Preeti Mishra

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Content Writer (Health and Tourism)

प्रीति मिश्रा, मीडिया इंडस्ट्री में 10 साल से ज्यादा का अनुभव है। डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी काम करने का तजुर्बा है। हेल्थ, लाइफस्टाइल, और टूरिज्म के साथ-साथ बिज़नेस पर भी कई वर्षों तक लिखा है। मेरा सफ़र दूरदर्शन से शुरू होकर DLA और हिंदुस्तान होते हुए न्यूजट्रैक तक पंहुचा है। मैं न्यूज़ट्रैक में ट्रेवल और टूरिज्म सेक्शन के साथ हेल्थ सेक्शन को लीड कर रही हैं।

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