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Nature:प्रकृति का स्वभाव

Nature: सदैव नयें फूल और पत्तों के सृजन में व्यस्त रहता है, नदियां भी कभी इस बात का शोक नहीं करती हैं कि प्रतिपल कितना - कितना जल प्रवाहित हो गया।

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Published on: 1 Jun 2024 2:10 PM IST
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Nature: पतझड़ के बाद बसंत स्वतः आयेगा ये प्रकृति का स्वभाव है। जीवन में जब तक पुराना नहीं जाता है, तब तक नयें आने की संभावनाएं भी नगण्य रहती हैं। अर्जन और विसर्जन ये मनुष्य जीवन के दो अहम पहलू हैं। वृक्ष कभी इस बात पर व्यथित नहीं होता है कि उसने कितने फूल अथवा कितने पत्ते खो दिये। वह सदैव नयें फूल और पत्तों के सृजन में व्यस्त रहता है। नदियां भी कभी इस बात का शोक नहीं करती हैं कि प्रतिपल कितना - कितना जल प्रवाहित हो गया।

वो सदैव उसी वेग में लोक मंगल हेतु प्रवाहमान बनी रहती हैं। उन्हें भी पता होता है कि हम जितना देंगे, उतना ही हमें प्रकृति द्वारा और अधिक दे दिया जायेगा। यदि जीवन से कुछ जा रहा है तो चिंता मत करो,अपितु ये भाव रखो कि वो ईश्वर अवश्य हमें कुछ नया देने की, कुछ और बेहतर देने की तैयारी कर रहा है।

Shalini singh

Shalini singh

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