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NDRF Foundation Day: एनडीआरएफ का 20वां स्थापना दिवस आज, जानें कब और क्यों गठित हुआ बल

NDRF Foundation Day 2025 In Hindi: NDRF प्राकृतिक और मानव-जनित आपदाओं में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने के लिए जिम्मेदार है। आपदा के दौरान फंसे लोगों को बचाने, राहत कार्य करने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का कार्य प्रमुख है।

AKshita Pidiha
Written By AKshita Pidiha
Published on: 19 Jan 2025 11:20 AM IST
NDRF Foundation Day: एनडीआरएफ का 20वां स्थापना दिवस आज, जानें कब और क्यों गठित हुआ बल
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NDRF Foundation Day (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

NDRF Foundation Day 2025: राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (National Disaster Response Force - NDRF) भारत की एक विशेषीकृत, बहु-कुशल और समर्पित बल है, जो आपदाओं से निपटने और राहत कार्यों को अंजाम देने के लिए गठित किया गया है। इसकी स्थापना 2006 में भारत सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत की गई थी। हर साल 19 जनवरी को NDRF का स्थापना दिवस मनाया जाता है, और 2025 में यह बल अपना 20वां स्थापना दिवस मना रहा है।

NDRF का गठन और संरचना (NDRF Formation And Structure)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

एनडीआरएफ भारत के गृह मंत्रालय के अधीन काम करता है। इसके तहत विभिन्न अर्धसैनिक बलों से कर्मियों को लेकर कुल 16 बटालियनों का गठन किया गया है। इन बटालियनों को पूरे देश में इस प्रकार तैनात किया गया है कि किसी भी आपदा की स्थिति में वे त्वरित प्रतिक्रिया दे सकें।

प्रत्येक बटालियन में आधुनिक उपकरणों और विशेषज्ञता से लैस प्रशिक्षित कर्मी होते हैं, जो विभिन्न प्रकार की आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन, और रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (CBRN) आपदाओं से निपटने में सक्षम होते हैं।

NDRF की मुख्य भूमिकाएं (Main Roles of NDRF)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

NDRF प्राकृतिक और मानव-जनित आपदाओं में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने के लिए जिम्मेदार है। आपदा के दौरान फंसे लोगों को बचाने, राहत कार्य करने और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का कार्य प्रमुख है। NDRF का एक महत्वपूर्ण कार्य है स्थानीय समुदायों को आपदा के प्रति जागरूक करना और उन्हें प्रशिक्षित करना ताकि वे आपदा के दौरान आत्मनिर्भर हो सकें।

एनडीआरएफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी आपदाओं के दौरान सहायता प्रदान करता है। नेपाल भूकंप (2015) और जापान सुनामी (2011) जैसे मामलों में इसकी अंतर्राष्ट्रीय सेवाएं उल्लेखनीय रही हैं। यह बल नियमित रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन, रोपिंग, अंडरवॉटर डाइविंग और चिकित्सा प्रशिक्षण जैसी विशेष तकनीकों में माहिर होता है।

उपलब्धियां और महत्व (NDRF Achievements and Significance)

NDRF ने कई बड़ी आपदाओं में सफलतापूर्वक काम किया है, जैसे: 2013 के केदारनाथ बाढ़, 2018 के केरल बाढ़, 2020 के अम्फान चक्रवात। कोविड-19 महामारी के दौरान भी NDRF ने चिकित्सा और राहत कार्यों में अहम भूमिका निभाई।

NDRF का आदर्श वाक्य

NDRF का आदर्श वाक्य है: "आपदा सेवा सदैव सर्वत्र", जो यह दर्शाता है कि बल हर परिस्थिति में, हर स्थान पर सेवा देने के लिए तत्पर है।

एनडीआरएफ ने आपदा प्रबंधन में अपनी निस्वार्थ सेवा और बेजोड़ व्यावसायिकता के साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अच्छा नाम और प्रसिद्धि अर्जित की है। एनडीआरएफ ने अपने 3100 अभियानों में एक लाख से अधिक लोगों की जान बचाई है। आपदाओं के दौरान 6.7 लाख से अधिक लोगों को बचाया / निकाला है। एनडीआरएफ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तहत एक भारतीय विशेष बल है, जिसका गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत आपदा की स्थिति में विशेष प्रतिक्रिया करने के लिए किया गया है।

NDRF का भविष्य (NDRF Future)

आने वाले समय में NDRF को और अधिक आधुनिक उपकरणों, तकनीकों और बुनियादी ढांचे से सुसज्जित करने की योजना है, ताकि यह आपदाओं से और प्रभावी ढंग से निपट सके।

एनडीआरएफ का काम और महत्व (NDRF Ka Kaam Aur Mahatva)

एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) भारत में आपदाओं से निपटने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह बल प्राकृतिक और मानवीय आपदाओं के दौरान विशेषज्ञता के साथ बचाव और राहत कार्यों का प्रभावी निष्पादन करता है। संकट की घड़ी में एनडीआरएफ की टीमें देश के विभिन्न हिस्सों में कुशलता से बचाव अभियान चलाती हैं। साथ ही, यह बल अधिकारियों को आपदा के दौरान राहत कार्यों में मदद करता है।

वर्तमान में एनडीआरएफ की संरचना (Present Structure of NDRF)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

वर्तमान में एनडीआरएफ के पास कुल 12 बटालियन हैं, जिनका गठन निम्नलिखित बलों से किया गया है:

बीएसएफ (BSF): 3 बटालियन

सीआरपीएफ (CRPF): 3 बटालियन

सीआईएसएफ (CISF): 2 बटालियन

एसएसबी (SSB): 2 बटालियन

आईटीबीपी (ITBP): 2 बटालियन

प्रत्येक बटालियन में 1149 सदस्य होते हैं। ये 16 अलग-अलग स्थानों पर तैनात हैं। बटालियन में शामिल कर्मी बहु-कुशल होते हैं, जिनमें इंजीनियर, तकनीशियन, इलेक्ट्रिशियन, डॉग स्क्वॉड और मेडिकल/पैरामेडिक्स जैसे विशेषज्ञ शामिल हैं। प्रत्येक बटालियन में 45 कर्मियों की 18 खोज और बचाव दल तैनात हैं।

महिला बचावकर्मियों की भागीदारी

साल 2022 में, उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर में गंगा नदी के तट पर एनडीआरएफ ने पहली बार 100 महिला आपदा लड़ाकों और बचावकर्मियों के एक बैच को प्रशिक्षित किया। ये महिलाएं अब पूर्ण बचाव दल का हिस्सा हैं।

आपदा प्रबंधन अधिनियम का इतिहास

भारत में 1990 से 2004 के बीच लगातार प्राकृतिक आपदाओं के कारण 26 दिसंबर, 2005 को आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू किया गया।

इस अधिनियम के तहत:

आपदा प्रबंधन की योजनाएं, नीतियां और दिशानिर्देश तैयार किए गए।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) का गठन किया गया।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM) को मानव संसाधन विकास, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, अनुसंधान और नीति निर्माण के लिए नोडल जिम्मेदारी सौंपी गई। NIDM नई दिल्ली के विक्रम नगर में स्थित है।

एनडीआरएफ के प्रमुख योगदान और उपलब्धियां

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

2006 में स्थापना के बाद से: एनडीआरएफ ने देश में आपदा प्रबंधन और आपदा जोखिम में कमी (DRR) के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना: जापान के ट्रिपल डिजास्टर (2011) और नेपाल भूकंप (2015) के दौरान एनडीआरएफ के बचाव कार्यों को वैश्विक मान्यता मिली।

कोविड-19 महामारी: 2021 में, महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान, एनडीआरएफ ने यास, ताउक्ते और गुलाब जैसे सुपर साइक्लोन और बाढ़ के साथ-साथ भूस्खलन की घटनाओं में प्रभावी बचाव अभियान चलाए।

भारत का अंतरराष्ट्रीय योगदान

एनडीआरएफ ने अन्य देशों में आपदा के समय सहायता प्रदान करने के साथ-साथ विभिन्न देशों के सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण भी दिया है।भारत ने हाल के वर्षों में सार्क (SAARC) क्षेत्र में आपदा प्रबंधन कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए एक केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है। एनडीआरएफ के कार्यों को देखते हुए भारत को जल्द ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय आपदा बचाव अभियान (International Disaster Rescue Operation) का हिस्सा बनाए जाने की संभावना है।

NDRF न केवल एक राहत बल है, बल्कि यह आपदा प्रबंधन की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इसकी त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता और कुशलता ने इसे न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी एक विश्वसनीय आपदा प्रबंधन बल के रूप में स्थापित किया है।



Shreya

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