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Osho Ke Anmol Vichar: जानिए ओशो ने क्यों कहा कि गंभीरता एक बीमारी है और चंचलता सेहत
Osho Ke Anmol Vichar: ओशो के विचारों को आज हम आपके लिए लेकर आये हैं जिन्होंने जीवन को एक अलग नज़रिये से देखा और सभी को समझाया। आइये क्या हैं उनके विचार।
Osho Ke Anmol Vichar: ओशो के विचार आप भी लोगों का पथप्रदर्शक करते आये हैं वहीँ उनके प्रसंशकों का मानना हैं कि ओशो ने न कभी जन्म लिया और न ही वो कभी मरे, वो तो केवल इस दुनिया में घूमने आए थे और फिर वापस चले गये। आइये ओशो के इन विचारों को जानते और समझते हैं जो आपके जीवन को जीने का ढंग बदल देंगे और उन्हें एक नया नजरिया भी देंगें।
ओशो के अनमोल विचार (Osho Ke Anmol Vichar)
जो कुछ भी महान है, उस पर किसी का अधिकार नहीं हो सकता. और यह सबसे मूर्ख बातों में से एक है जो मनुष्य करता है।
जिस दिन आप ने सोच लिया कि आपने ज्ञान पा लिया है, आपकी मृत्यु हो जाती है- क्योंकि अब ना कोई आश्चर्य होगा, ना कोई आनंद और ना कोई अचरज. अब आप एक मृत जीवन जियेंगे।
यदि आप एक दर्पण बन सकते हैं तो आप एक ध्यानी बन सकते हैं. ध्यान दर्पण में देखने की कला है. और अब, आपके अन्दर कोई विचार नहीं चलता इसलिए कोई व्याकुलता नहीं होती।
आत्मज्ञान एक समझ है कि यही सबकुछ है, यही बिलकुल सही है , बस यही है. आत्मज्ञान कोई उप्लाब्धि नही है, यह ये जानना है कि ना कुछ पाना है और ना कहीं जाना है।
जब मैं कहता हूँ कि आप देवी-देवता हैं तो मेरा मतलब होता है कि आप में अनंत संभावनाएं है , आपकी क्षमताएं अनंत हैं।
आप वो बन जाते हैं जो आप सोचते हैं कि आप हैं।
प्रसन्नता सद्भाव की छाया है; वो सद्भाव का पीछा करती है। प्रसन्न रहने का कोई और तरीका नहीं है।
जीवन कोई त्रासदी नहीं है; ये एक हास्य है। जीवित रहने का मतलब है हास्य का बोध होना।
अधिक से अधिक भोले, कम ज्ञानी और बच्चों की तरह बनिए. जीवन को मजे के रूप में लीजिये – क्योंकि वास्तविकता में यही जीवन है।
गंभीरता एक बीमारी है, आत्मा की सबसे बड़ी बीमारी और चंचलता सबसे बड़ी सेहत है।
खुद को खोजिये, नहीं तो आपको दुसरे लोगों के राय पर निर्भर रहना पड़ेगा जो खुद को नहीं जानते।