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Osho Motivational Thoughts: ओशो के ये विचार अपना लिये तो कामयाबी दूर नहीं, पढ़ें मोटिवेशनल कोट्स
Osho Motivational Quotes: धर्मगुरु और महान विचारकों में से एक रहे ओशो के विचार आज भी लोगों को सही ढंग से जीवन जीने और सफल होने के लिए प्रेरित करते हैं।
Osho Motivational Thoughts: ओशो को कौन नहीं जानता। उन्हें भारत और पूरी दुनिया में ‘आचार्य रजनीश’ और ‘भगवान श्री रजनीश’ के नाम से जाना जाता था, जो एक भारतीय धर्मगुरु, दार्शनिक, रहस्यवादी और रजनीश आंदोलन के संस्थापक थे। वह दुनिया के महान विचारकों में से एक थे। उनका जन्म 11 दिसंबर 1931 को मध्य प्रदेश के कुचवाड़ा में एक जैन परिवार में बाबूलाल जैन और सरस्वती जैन के घर में हुआ था। बचपन में उनका नाम चन्द्र मोहन जैन (Chandra Mohan Jain) था। आगे चलकर वह भगवान रजनीश के नाम से प्रसिद्ध हुए और बाद में पूरी दुनिया में ओशो के नाम से पहचाने जाने लगे। उनकी मृत्यु 58 साल की उम्र में 19 जनवरी 1990 को महाराष्ट्र के पुणे में हुई थी।
धर्मगुरु और महान विचारकों में से एक रहे ओशो ने ऐसे विषयों पर भी अपनी बात खुलकर रखी थी, जिस पर बात करना अन्य धर्मगुरु वर्जित मानते हैं। इन्हें अपने जीवन में कई विवादों का भी सामना करना पड़ा। वह महात्मा गांधी की विचारधारा, समाजवाद और संस्थागत धर्म की आलोचना कर विवादों में आए थे। कुछ लोग इन्हें गलत मानते थे तो कई ऐसे भी हैं जो इनकी बातों से पूरी तरह प्रेरित थे। ओशो के विचार (Osho Ke Vichar) आज भी लोगों को सही राह दिखाने और सफल बनने के लिए प्रेरित करते हैं।
आज हम आपको ओशो के 10 अनमोल विचार बताने के जाने रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।
ओशो के अनमोल विचार (Osho Ke Anmol Vichar)
1- उनका कहना था कि जीवन में सबसे बड़ा रोग यह सोचना है कि लोग क्या कहेंगे। जिंदगी में आप जो करना चाहते हैं, वह जरूर करिए। ये मत सोचिए कि लोग क्या कहेंगे। क्योंकि लोग तो तब भी कहते थे, जब आप कुछ नहीं करते थे।
2- मनुष्य खुद ईश्वर तक नहीं पहुंचता है, बल्कि जब वह तैयार हो जाता है तो ईश्वर खुद उस तक पहुंच जाते हैं।
3- उनका कहना था कि सारी शिक्षा और उपदेश व्यर्थ हैं। अगर वे तुम्हें अपने अंदर डूबने की कला नहीं सिखाते हैं।
4- ओशो कहते थे कि कोई व्यक्ति भले ही लाखों चीजों को जान ले या फिर पूरे जगत को ही क्यों ना जान ले, लेकिन अगर वह खुद को नहीं जानता है तो वह अज्ञानी है।
5- सदियों से व्यक्ति को विश्वास, सिद्धांत और मत बेचे गए हैं, जो कि एकदम मिथ्या और झूठे हैं, जो केवल तुम्हारी महत्वाकांक्षाओं, आलस्य का प्रमाण हैं। तुम करना कुछ नहीं चाहते और पहुंचना स्वर्ग चाहते हो।
6- उनका मानना था कि मैं किसी से बेहतर करूं इससे क्या फर्क पड़ता है, बल्कि मैं किसी का बेहतर करूं इस चीज से फर्क पड़ना चाहिए।
7- आपको किसी से किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा की जरूरत नहीं है। आप खुद जैसे हैं, बिल्कुल सही हैं। बस स्वयं को स्वीकार करना सीखें।
8- स्त्री को अपनी मुक्ति के लिए अपने व्यक्तित्व को खड़ा करने की दिशा में सोचना चाहिए। प्रयोग करने चाहिए।
9- दुख पर ध्यान दोगे तो हमेशा दुखी रहोगे, सुख पर ध्यान देना शुरू करो। तुम जिस पर ध्यान देते हो वह चीज सक्रिय हो जाती है।
10- अगर आपको अक्सर लगता है कि सफलता आपके हाथ नहीं आ रही है तो शायद अब आपको अपनी कोशिशों में बदलाव लाने की जरूरत है।