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Osho Thoughts in Hindi: ओशो कहते हैं " मूर्ख दूसरों पर हँसते हैं और बुद्धिमत्ता खुद पर"

Osho Thoughts in Hindi: ओशो ने लोगों को जीवन के प्रति कई बातें सिखाईं जो उन्हें जीवन का सही अर्थ बताती हैं साथ ही उनके द्वारा बताया गया ज्ञान लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

Shweta Srivastava
Published on: 16 April 2024 5:10 PM IST
Osho Thoughts in Hindi
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Osho Thoughts in Hindi (Image Credit-Social Media)

Osho Thoughts in Hindi: साल 1931 में भारत में जन्मे ओशो अपनी उदार शिक्षाओं के लिए प्रसिद्ध थे, ओशो के दर्शन स्वतंत्र विचारकों की पीढ़ियों को प्रेरित करते रहे हैं, इसलिए इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि उन्होंने लाखों लोगों को जीवन को जीने के लिए प्रेरित किया है। आइये जीवन, प्रेम और खुशी पर सभी को प्रेरित करते ओशो के इन संदेशों पर नज़र डालें।

ओशो के अनमोल विचार (Osho Thoughts in Hindi)

  • यहाँ कोई भी आपका सपना पूरा करने के लिए नहीं है. हर कोई अपनी तकदीर और अपनी हक़ीकत बनाने में लगा है।
  • अगर आप सच देखना चाहते हैं तो ना सहमती और ना असहमति में राय रखिये।
  • कोई चुनाव मत करिए। जीवन को ऐसे अपनाइए जैसे वो अपनी समग्रता में है।
  • जब प्यार और नफरत दोनों ही ना हो तो हर चीज साफ़ और स्पष्ट हो जाती है।
  • जीवन ठहराव और गति के बीच का संतुलन है।
  • मूर्ख दूसरों पर हँसते हैं. बुद्धिमत्ता खुद पर।
  • उस तरह मत चलिए जिस तरह डर आपको चलाये। उस तरह चलिए जिस तरह प्रेम आपको चलाये. उस तरह चलिए जिस तरह ख़ुशी आपको चलाये।
  • किसी से किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता नहीं है। आप स्वयं में जैसे हैं एकदम सही हैं. खुद को स्वीकारिये।
  • आप जितने लोगों को चाहें उतने लोगों को प्रेम कर सकते हैं- इसका ये मतलब नहीं है कि आप एक दिन दिवालिया हो जायेंगे, और कहेंगे,” अब मेरे पास प्रेम नहीं है”. जहाँ तक प्रेम का सवाल है आप दिवालिया नहीं हो सकते।
  • सवाल ये नहीं है कि कितना सीखा जा सकता है…इसके उलट , सवाल ये है कि कितना भुलाया जा सकता है।
  • मित्रता शुद्धतम प्रेम है। ये प्रेम का सर्वोच्च रूप है जहाँ कुछ भी नहीं माँगा जाता , कोई शर्त नहीं होती , जहां बस देने में आनंद आता है।
  • यदि आप एक दर्पण बन सकते हैं तो आप एक ध्यानी बन सकते हैं। ध्यान दर्पण में देखने की कला है. और अब, आपके अन्दर कोई विचार नहीं चलता इसलिए कोई व्याकुलता नहीं होती।
  • जिस दिन आप ने सोच लिया कि आपने ज्ञान पा लिया है, आपकी मृत्यु हो जाती है- क्योंकि अब ना कोई आश्चर्य होगा, ना कोई आनंद और ना कोई अचरज। अब आप एक मृत जीवन जियेंगे।
  • अर्थ मनुष्य द्वारा बनाये गए हैं और चूँकि आप लगातार अर्थ जानने में लगे रहते हैं , इसलिए आप अर्थहीन महसूस करने लगते हैं।
Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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