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PCOD-PCOS Diet: पीसीओडी में बिल्कुल भी न खाएं ये चीजें, जानें कैसे करें बचाव
PCOD-PCOS Diet: PCOD की स्थिति में महिलाओं के शरीर में कई हॉर्मोनल डिस्बैलेंस हो जाते हैं, जिससे पीरियड्स समय पर न आना, चिड़चिड़ापन, वजन बढ़ना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
PCOD-PCOS Diet: आजकल के लाइफस्टाइल की वजह से लड़कियों और महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (Polycystic Ovarian Disease) की समस्या तेजी से बढ़ी है। इस लाइफस्टाइल डिसऑर्डर के चलते उन्हें कई सारी गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। पहले ज्यादातर 30 से 35 साल की महिलाओं में यह समस्या देखने को मिलती थी, लेकिन बदलते लाइफस्टाइल की वजह से अब 18 से 20 साल की लड़कियों को भी पीसीओडी का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या को पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) के नाम से भी जाना जाता है।
कई स्टडी में सामने आ चुका है कि पीसीओएस करीब 10 में एक महिला द्वारा अनुभव की जाने वाली एक सामान्य स्वास्थ्य स्थिति है। इसे इग्नोर करना आपके लिए कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियां भी पैदा कर सकता है। हालांकि अगर इस ओर सही समय पर ध्यान दिया जाए तो आप आहार, एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल में कुछ चेंजेज कर पीसीओडी को नियंत्रित कर सकती हैं।
क्या हैं लक्षण (PCOD Symptoms)
बता दें PCOD की स्थिति में महिलाओं के शरीर में कई हॉर्मोनल डिस्बैलेंस हो जाते हैं, जिस वजह से आपको इन लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है- पीरियड्स समय पर न आना, पीरियड्स आने पर बहुत ज्यादा दर्द होना, चिड़चिड़ापन होना, चेहरे पर पिंपल और शरीर पर अनचाहे बाल आना, वजन बढ़ना, पेल्विक पेन होना।
पीसीओडी के लिए अबतक इलाज निर्धारित नहीं है। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अपने लाइफस्टाइल में थोड़े बदलाव कर आप पीसीओडी को नियंत्रित और मैनेज कर सकते हैं। एक्सरसाइज के साथ साथ आहार को सही करना पीसीओडी नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकते हैं। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि पीसीओडी होने पर आप किन चीजों को आहार में शामिल करें और किनसे दूरी बनाएं।
PCOD में क्या खाएं (Foods To Eat In PCOD)-
- पीसीओडी के दौरान अपनी डाइट में हाई फाइबर वाली फल-सब्जियां शामिल करनी चाहिए। हरे पत्तों वाली सब्जियां, साग, पालक, ब्रोकली, शकरकंद, हरी बीन्स, लौकी, गाजर, गहरे लाल रंग के फल, अंगूर, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, चेरी, सेब, अनार और कीवी जैसी चीजें शरीर को इंसुलिन रेजिस्टेंस से लड़ने में मदद करेंगी।
- इसके अलावा पीसीओडी के दौरान डाइट में हल्के प्रोटीन वाली चीजें जैसे कि अंडे, मछली और टोफू (सोयाबीन का पनीर) शामिल कर सकते हैं। यह आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखने के साथ ही शरीर में इंसुलिन, एस्ट्रोजन और थायरॉइड हॉर्मोन को नियंत्रित करते हैं।
- पीसीओडी में सूजन कम करने के लिए तीखा खाना, अखरोट, टमाटर, फ्लैक्स सीड, दालचीनी और हल्दी को डाइट में शामिल करें। यह वजन को भी कंट्रोल करने में मददगार हैं और पिंपल की समस्या को भी दूर रखती हैं।
- पीसीओडी के मरीजों के आहार में रोजाना कम से कम 25 ग्राम फाइबर शामिल होना चाहिए। आम, केला, सेब, पपीता, अनार और अमरूद जैसे फल फाइबर से भरपूर होते हैं।
- इसके अलावा पीसीओडी के दौरान साबुत अनाज जैसे गेहूं, ब्राउन राइस, एक प्रकार का अनाज, क्विनोआ, जई, पोहा, मूसली और जौ को भी आहार में शामिल करना अच्छा होता है। साबुत अनाज फाइबर और अनप्रोसेस्ड कार्ब्स से भरपूर होते हैं।
- पीसीओएस में महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वह अपने आहार में मुट्ठी भर नट और बीज को शामिल करें। बादाम, पाइन नट्स, तिल, और हेजलनट्स जैसे नट और बीज पीसीओडी को ठीक करने के लिए अनुशंसित हैं।
इन चीजों का न करें सेवन
- पीसीओडी की समस्या होने पर कुछ खाद्य पदार्थों से बिल्कुल दूरी बना लेनी चाहिए। क्योंकि यह खाद्य पदार्थ आपकी समस्या को और भी गंभीर बना सकते हैं।
- पीसीओडी की समस्या होने पर वजन को कंट्रोल करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में आपको रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, तले हुए खाद्य पदार्थ और फास्ट फूड से दूरी बना लेनी चाहिए। ये इंसुलिन रेजिस्टेंस और सूजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं।
- चीनी वाले खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ जैसे कि ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स, आइसक्रीम, पैकेज्ड जूस का सेवन भी न करने की सलाह दी जाती है।
- हेल्थ एक्सपर्ट्स प्रोसेस्ड मीट, जैसे हॉट डॉग, सॉसेज और लंच मीट न खाने की सलाह दी जाती है। साथ ही ट्रांस-फैट युक्त चीजों से भी दूरी बनानी बेहतर होता है।
नोट- यह खबर सामान्य जानकारी के आधार पर तैयार की जाती है, ऐसे में इन पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
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