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Pirate Radio History: दुनिया में पाइरेट रेडियो का इतिहास क्या कहता है, क्यों स्वतंत्र आवाज़ों की बगावत शुरू हुई, आइए जानते हैं

Pirate Radio Ka Itihas: पाइरेट रेडियो को आमतौर पर विद्रोह और विरोध का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि यह सरकारी प्रतिबंधों को चुनौती देता है और स्वतंत्र अभिव्यक्ति को मंच प्रदान करता है।

Akshita Pidiha
Written By Akshita Pidiha
Published on: 27 March 2025 9:31 AM
Pirate Radio History: दुनिया में पाइरेट रेडियो का इतिहास क्या कहता है, क्यों स्वतंत्र आवाज़ों की बगावत शुरू हुई, आइए जानते हैं
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Pirate Radio History (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Pirate Radio History In Hindi: पाइरेट रेडियो (Pirate Radio) ऐसे रेडियो स्टेशन होते हैं, जो सरकार या प्रसारण नियामकों की अनुमति के बिना अवैध रूप से रेडियो प्रसारण करते हैं। ये स्टेशन अक्सर मुख्यधारा के मीडिया के नियमों और सेंसरशिप का उल्लंघन करते हुए स्वतंत्र रूप से संगीत, विचारधारा, राजनीतिक संदेश या सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रसारित करते हैं। पाइरेट रेडियो को आमतौर पर विद्रोह और विरोध का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि यह सरकारी प्रतिबंधों को चुनौती देता है और स्वतंत्र अभिव्यक्ति को मंच प्रदान करता है।

पाइरेट रेडियो के मुख्य उद्देश्य प्रतिबंधित या अलोकप्रिय संगीत को प्रसारित करना, सरकार विरोधी या क्रांतिकारी विचारधारा को लोगों तक पहुँचाना, मुख्यधारा मीडिया के एकाधिकार को तोड़ना, जन आंदोलन, सामाजिक विरोध और वैकल्पिक संस्कृति को बढ़ावा देना।

पाइरेट रेडियो का प्रारंभिक इतिहास: 1930 का दशक

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

पाइरेट रेडियो का उद्भव 1930 के दशक में यूरोप में हुआ। उस समय सरकारों ने रेडियो प्रसारण पर कड़ी पकड़ बनाई हुई थी और निजी प्रसारण प्रतिबंधित था।

रेडियो लक्ज़मबर्ग: 1933 में लक्ज़मबर्ग से प्रसारण शुरू हुआ, जो ब्रिटेन में सुना जाता था। यह पहला प्रमुख पाइरेट रेडियो स्टेशन था, जिसने बीबीसी के एकाधिकार को चुनौती दी। ब्रिटिश सरकार की पकड़ से बचने के लिए स्टेशन ने लक्ज़मबर्ग में काम किया। यह व्यावसायिक विज्ञापनों वाला पहला पाइरेट रेडियो था, जिसने विज्ञापन प्रसारित कर लाभ कमाया।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पाइरेट रेडियो: द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के दौरान पाइरेट रेडियो का उपयोग प्रचार के लिए किया गया। नाजी जर्मनी ने पाइरेट रेडियो स्टेशनों के ज़रिए विरोधी देशों में प्रचार किया। ब्रिटिश और अमेरिकी सेनाओं ने भी पाइरेट प्रसारण कर दुश्मन के हौसले पस्त करने की कोशिश की।

1960 का दशक: समुद्री पाइरेट रेडियो का दौर

1960 के दशक में पाइरेट रेडियो का स्वर्ण युग शुरू हुआ। इस समय ब्रिटेन में बीबीसी का एकाधिकार था और वह मुख्य रूप से पारंपरिक संगीत और सरकारी समाचार ही प्रसारित करता था। लेकिन ब्रिटेन का युवा वर्ग पॉप और रॉक संगीत सुनना चाहता था, जिसे बीबीसी नज़रअंदाज़ करता था।

समुद्री पाइरेट रेडियो का जन्म: पाइरेट रेडियो स्टेशनों ने समुद्री जहाज़ों या नावों से प्रसारण शुरू किया।

इसका कारण यह था कि ब्रिटिश सरकार का अधिकार केवल ज़मीनी सीमा तक था, समुद्र में नहीं। जहाज़ों पर स्थापित पाइरेट रेडियो स्टेशनों ने सरकार के कानून को चकमा देकर प्रसारण किया।

प्रमुख पाइरेट रेडियो स्टेशन:

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

रेडियो कैरोलीन (Radio Caroline): 1964 में ब्रिटेन के पास समुद्र में एक जहाज़ से पाइरेट रेडियो प्रसारण शुरू हुआ। स्टेशन ने पॉप और रॉक संगीत प्रसारित किया, जो युवाओं में बेहद लोकप्रिय हुआ। रेडियो कैरोलीन पाइरेट रेडियो का प्रतीक बन गया।

रेडियो लंदन: अधिक व्यावसायिक और पेशेवर रूप में प्रसारण किया। इस स्टेशन ने विज्ञापनों से मुनाफ़ा कमाया और मुख्यधारा के मीडिया को चुनौती दी।

रेडियो सिटी: यह स्टेशन अपने विवादास्पद राजनीतिक प्रसारण के लिए जाना जाता था। इसने सरकार विरोधी विचारधारा को मंच दिया।

ब्रिटेन का समुद्री अपराध अधिनियम (1967)

ब्रिटिश सरकार ने पाइरेट रेडियो के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए 1967 में समुद्री अपराध अधिनियम (Marine Offences Act) पारित किया। इस कानून के तहत अपतटीय (समुद्री) पाइरेट स्टेशनों को अवैध घोषित कर दिया गया। पाइरेट रेडियो स्टेशनों पर जुर्माना लगाया गया। सरकार ने जहाज़ों पर छापेमारी शुरू कर दी और उनके उपकरण ज़ब्त किए गए। इसके बावजूद रेडियो कैरोलीन जैसे स्टेशन छुपकर काम करते रहे और कई वर्षों तक अवैध प्रसारण जारी रखा।

1980 का दशक: भूमिगत ब्लैक म्यूज़िक पाइरेट स्टेशनों का दौर

1980 के दशक में पाइरेट रेडियो का स्वरूप बदलने लगा। इस दौर में लंदन जैसे शहरों में ब्लैक म्यूज़िक (रेगे, हिप-हॉप, जैज़) का क्रेज़ बढ़ रहा था, लेकिन मुख्यधारा की मीडिया इसे प्रसारित नहीं करती थी।

प्रमुख पाइरेट स्टेशन:

किस FM: भूमिगत हाउस म्यूज़िक का प्रमुख पाइरेट स्टेशन। जैज़ फ़ंक म्यूज़िक: जैज़ प्रेमियों के लिए बनाया गया स्टेशन। ड्रेड ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (DBC): यह रेडियो ब्लैक म्यूज़िक के साथ राजनीतिक विचार भी प्रसारित करता था। ये स्टेशन ऊंची इमारतों या गुप्त ठिकानों से प्रसारण करते थे ताकि सरकार की पकड़ में न आ सकें।

1990 का दशक: पाइरेट रेडियो का वैश्विक विस्तार

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

1990 के दशक में पाइरेट रेडियो का प्रसार यूरोप से अमेरिका, कैरेबियन और एशिया तक हो गया।

प्रमुख स्टेशन:

फ्रांस: FG, Nova और Generation जैसे स्टेशन हाउस म्यूज़िक प्रसारित करते थे। अमेरिका: न्यूयॉर्क और मियामी में पाइरेट रेडियो फलने-फूलने लगा। ब्रिटेन: इस समय लगभग 500 अवैध पाइरेट स्टेशन सक्रिय थे। सेंटरफोर्स FM और फैंटेसी FM ने डांस और रेव संगीत को प्रमोट किया।

इंटरनेट युग में पाइरेट रेडियो का पुनरुत्थान (2000 के बाद)

इंटरनेट ने पाइरेट रेडियो का स्वरूप पूरी तरह बदल दिया। अब अवैध स्टेशनों को रेडियो फ्रीक्वेंसी की ज़रूरत नहीं थी। इंटरनेट के माध्यम से पाइरेट रेडियो ऑनलाइन स्ट्रीमिंग में बदल गए।

प्रमुख ऑनलाइन पाइरेट स्टेशन:

रिंस FM (Rinse FM): ब्रिटेन का सबसे लोकप्रिय ऑनलाइन पाइरेट स्टेशन बन गया। 2010 में इसे लाइसेंस मिल गया और यह वैध स्टेशन बन गया।

ब्लैक पाइरेट रेडियो: ऑनलाइन माध्यम से अश्वेत संगीत को बढ़ावा देने वाला प्रमुख पाइरेट स्टेशन।

फ्री रेडियो ऑलायंस: यह ऑनलाइन नेटवर्क पाइरेट स्टेशनों को एक साथ जोड़ता है।

पाइरेट रेडियो का सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव

संगीत उद्योग पर प्रभाव: पाइरेट रेडियो ने नए संगीत शैलियों (पंक, रेगे, हिप-हॉप) को लोकप्रिय बनाया।

राजनीतिक प्रभाव: कई पाइरेट स्टेशनों ने सरकार विरोधी विचारधारा को मंच दिया।नस्लभेद विरोधी आंदोलन को बल मिला।

पाइरेट रेडियो स्वतंत्र आवाज़ का प्रतीक बन गया। इंटरनेट के युग में इसका स्वरूप बदल गया। लेकिन इसकी भावना आज भी जीवित है। पाइरेट रेडियो ने मुख्यधारा मीडिया के एकाधिकार को तोड़ने में अहम भूमिका निभाई।

रेडियो कैरोलीन ने प्राधिकारियों के आदेश को चुनौती देते हुए 28 मार्च, 1964 को विदेशों में नॉन-स्टॉप पॉप संगीत का प्रसारण शुरू कर दिया।

ईस्टर सप्ताहांत के उत्सव के दौरान, एसेक्स के ब्लैकवाटर मुहाने पर खड़े रॉस रिवेंज जहाज को देखने और उसका भ्रमण करने के लिए 100 से अधिक लोगों के आने की उम्मीद थी।

स्टेशन प्रबंधक पीटर मूर ने कहा कि इसके अशांत इतिहास ने एक "विरासत" का निर्माण किया है।

कई प्रसिद्ध प्रसारकों ने रेडियो कैरोलीन से अपना करियर शुरू किया, जिनमें टोनी ब्लैकबर्न, जॉनी वॉकर और साइमन डी शामिल हैं।

इस स्टेशन की स्थापना ऐसे समय में हुई थी जब प्रसारण पर बीबीसी का प्रभुत्व था और पॉप संगीत सप्ताह में एक घंटे के लिए बजाया जाता था।

यह स्टेशन अस्तित्व में रहा और वर्तमान में यह एक इंटरनेट और डिजिटल सेवा है जो इंग्लैंड और उत्तरी यूरोप को सेवा प्रदान करती है।

Admin 2

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