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Pitra Paksh 2024: ये हैं पितृ पक्ष की सबसे ख़ास तिथियां, इस दिन ज़रूर करिये ये काम
Pitra Paksh 2024: पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितम्बर से होगी ऐसे में ये कहा जाता है कि कुछ महत्वपूर्ण तिथियां हैं जिसमे श्राद्ध करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और परिवार में सुख शांति बनी रहती है।
Pitra Paksh 2024: 17 सितम्बर 2024 से पितृपक्ष की शुरुआत होने जा रही है और इसका समापन 2 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या पर होगा। वहीँ इस बीच कुछ प्रमुख तिथियां हैं जिस दौरान आपको कुछ महत्वपूर्ण काम ज़रूर करने चाहिए। वहीँ पितृ पक्ष की भी कुछ महत्वपूर्ण तिथियां भी बताई गईं हैं जिस दौरान कुछ काम करने से आपको अपने जीवन में पितरों का आशीर्वाद ज़रूर मिलता है और उन्हें भी शांति प्राप्त होती है। आइये जानते हैं क्या हैं वो महत्वपूर्ण तिथियां और ज़रूरी काम।
पितृ पक्ष की सबसे ख़ास तिथियां
हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष प्रारंभ होता है। वहीँ आपको बता दें कि हिन्दू धर्म में इस समय को बेहद ख़ास बताया गया है और इस दिन के कुछ विशेष नियम भी हैं। ये भी मान्यता है कि पितृपक्ष में श्राद्ध करने पर पितृ प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही साथ उनका आशीर्वाद भी परिवार के प्रत्येक व्यक्ति पर बना रहता है।
पितृ पक्ष 15 दिनों का होता है और इस समय की यूँ तो सभी तिथियां बेहद ख़ास होतीं हैं लेकिन कुछ ख़ास तिथियां हैं जब आपको विशेष रूप से कुछ नियमों का पालन करने की ज़रूरत होती है। साथ ही इन तिथियों को काफी विशेष भी माना जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि किसी भी कारणवश अगर आप पितृपक्ष के 15 दिन तर्पण नहीं कर पाए हैं तो आप इन विशेष तिथियों पर श्राद्ध कर सकते हैं।
पंचमी तिथि (भरणी श्राद्ध)
आपको बता दें कि पंचमी तिथि को भरणी श्राद्ध करा जाता है इस दिन उन लोगों के लिए श्राद्ध होता है जो अविवाहित ही इस दुनिया से चले गए। इस नक्षत्र का समय और तिथि की बात करें तो ये 21 सितम्बर को रात 2:43 मिनट से लेकर 22 सितम्बर को 12:36 तक रहेगी।
नवमी श्राद्ध
पितृपक्ष का नवमी श्राद्ध या मातृ नवमी 25 सितम्बर को है। इस दिन माता, दादी, नानी पक्ष का श्राद्ध किया जाता है। आपको बता दें कि ये दिन माता पितरों को समर्पित माना जाता है। ऐसे में किसी विवाहित महिला का श्राद्ध इस दिन किया जाता है।
सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध
2 अक्टूबर 2024 को सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध है। इस दिन उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनके निधन की तिथि ज्ञात नहीं होती है।