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Planetary Parade: क्‍या है प्लैनेटेरी परेड का रहस्य, आकाश में एक साथ एक कतार में क्‍यों दिखे कई ग्रह, आइये जानते हैं

Planetary Parade 2025: जनवरी 2025 में एक दुर्लभ खगोलीय घटना प्लैनेटरी परेड (ग्रहों की परेड) देखी जाएगी। इस घटना में सौरमंडल के कई ग्रह एक साथ एक सीध में नजर आएंगे

Shivani Jawanjal
Written By Shivani Jawanjal
Published on: 15 Jan 2025 11:32 AM IST
Planetary Parade: क्‍या है प्लैनेटेरी परेड का रहस्य, आकाश में एक साथ एक कतार में क्‍यों दिखे कई ग्रह, आइये जानते हैं
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Planetary Parade (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Planetary Parade 2025: हमारा ब्रह्मांड (Universe) अपने आप में एक अद्भुत अजूबा है, जिसमें अनगिनत रहस्य छुपे हुए हैं। यह असंख्य तारों, ग्रहों, आकाशगंगाओं और अन्य खगोलीय पिंडों का विशाल समूह है। ब्रह्मांड की गहराइयों में ब्लैक होल, क्वासर, पल्सर और डार्क मैटर जैसे रहस्य आज भी वैज्ञानिकों को चौंकाते हैं। ब्रह्मांड में होने वाली अनोखी घटनाएं, जैसे सुपरनोवा का विस्फोट, प्लैनेटेरी परेड और धूमकेतुओं का आना, न केवल हमें इसकी भव्यता का अनुभव कराती हैं, बल्कि हमारी जिज्ञासा को और बढ़ाती हैं। यह विशाल विस्तार हमें सिखाता है कि हम इसका एक छोटा सा हिस्सा हैं। लेकिन इसकी खोज और समझने की क्षमता हमारे अंदर असीमित है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, जनवरी 2025 में एक दुर्लभ खगोलीय घटना (Rare Astronomical Event) प्लैनेटरी परेड (ग्रहों की परेड) देखी जाएगी। इस घटना में सौरमंडल (Solar System) के कई ग्रह एक साथ एक सीध में नजर आएंगे, जिससे आकाशीय दृश्य अत्यंत मनोरम और अद्वितीय होगा। ग्रहों की परेड एक ऐसी घटना है, जब सौरमंडल के कुछ या सभी ग्रह एक ही दिशा में दिखाई देते हैं, जिसे पृथ्वी से देखा जा सकता है। जनवरी, 2025 की यह घटना खगोल विज्ञान प्रेमियों और वैज्ञानिकों के लिए खास होगी, क्योंकि इसमें मर्क्युरी, शुक्र, मंगल, गुरु और शनि जैसे ग्रह स्पष्ट रूप से नजर आ सकते हैं।

यह घटना न केवल खगोलीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे देखने का अनुभव आम लोगों के लिए भी रोमांचक होगा। यह दुर्लभ परेड हमें ब्रह्मांड की जटिलता और उसकी सुंदरता को समझने का अवसर प्रदान करेगी। अगर मौसम साफ रहा, तो इसे बिना किसी विशेष उपकरण के नग्न आंखों से भी देखा जा सकेगा। ऐसे दुर्लभ अवसर हमें ब्रह्मांड की विशालता और उसमें छिपे अनगिनत रहस्यों की झलक दिखाते हैं। आज न्यूजट्रैक के इस लेख में हम एक ऐसी ही अद्वितीय और अलौकिक खगोलीय घटना "प्लैनिटेरी परेड" (Planetary Parade) का विस्तार से वर्णन करेंगे

क्या होता है ‘प्लैनेटेरी परेड’ (Planetary Parade Kya Hota Hai)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

प्लैनेटरी परेड (Planetary Parade) एक खगोलीय घटना है, जब हमारे सौरमंडल के दो या दो से ज्यादा ग्रह एक ही सीध में आ जाते हैं, तो इसे प्लैनेटरी अलाइनमेंट (planetary Alignment) कहा जाता है। इसका मतलब यह है कि सूर्य के चारों ओर घूमने वाले ग्रहों में से कुछ एक निश्चित समय पर एक तरफ आ जाते हैं। लेकिन देखने पर एक सीधी लाइन में दिखाई देते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह एक प्रकार का भ्रम पैदा करता है, क्योंकि ग्रह अपने वास्तविक कक्षीय रास्तों पर होते हुए भी एक-दूसरे के पास दिखाई देते हैं। इसे कई बार ‘प्लैनेटरी परेड’ भी कहा जाता है। हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि यह दुर्लभ लेकिन एक सामान्य खगोलीय घटना है और इसका कोई विशेष खगोलशास्त्रीय महत्व नहीं है।

जैसे बुध को सूर्य का एक चक्‍कर पूरा करने के लिए 88 दिनों का समय लगता है, इसी तरह अन्य ग्रहों का भी सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने की अपनी अवधि है। इस दौरान ग्रहों का झुकाव भी एक-दूसरे से अलग होता है। इस वजह से, कभी-कभी अपनी-अपनी कक्षाओं में घूमते हुए ये ग्रह एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, हालांकि यह स्थिति बहुत ही संक्षिप्त समय के लिए होती है।

क्या है प्लैनेटरी परेड के पीछे का रहस्य (Planetary Parade Mystery)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

सौरमंडल के ग्रहों का संरेखण:- ग्रहों की परेड तभी होती है जब सौरमंडल के कई ग्रह (कम से कम 3 या अधिक) पृथ्वी से देखे जाने पर एक सीध या एक लकीर में होते हैं। यह घटना हर बार पूरी तरह से नहीं घटती, बल्कि यह ग्रहों की कक्षाओं, उनकी गति और पृथ्वी के स्थिति पर निर्भर करती है।

दृष्टि का आकार:- इस दौरान सभी ग्रह पृथ्वी से एक-दूसरे के पास होते हैं। लेकिन वे आकाश में बहुत छोटे दिखते हैं। यह एक भव्य दृश्य नहीं होता, क्योंकि ग्रह बहुत दूर होते हैं। लेकिन इसका प्रभाव वैज्ञानिकों और खगोलशास्त्रियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है।

दृश्य प्रभाव:- ग्रहों की यह परेड एक अद्भुत दृश्य उत्पन्न करती है, जो आमतौर पर आकाश में एक रेखा या आर्क के रूप में दिखाई देती है। इस दृश्य को नग्न आंखों से भी देखा जा सकता है। लेकिन बेहतर अनुभव के लिए दूरबीन का उपयोग किया जा सकता है।

घटनाओं की आवृत्ति:- ग्रहों की परेड बहुत ही दुर्लभ घटना है, क्योंकि यह ग्रहों की कक्षाओं, गति और पृथ्वी की स्थिति पर निर्भर करती है। यह घटना लगभग हर 10 से 20 साल में एक बार होती है, जब सौरमंडल के ग्रह सही स्थिति में आते हैं।

समय और सटीकता:- प्लैनेटरी परेड का समय और यह कितनी बार घटित होती है, यह सौर मंडल के ग्रहों के कक्षीय आवर्तों पर निर्भर करता है। यह घटना एक निश्चित समयावधि में केवल कुछ विशेष ग्रहों के साथ हो सकती है और सौर मंडल के सभी ग्रहों का एक साथ आना एक अत्यंत दुर्लभ घटना है।

प्लैनेटरी परेड का इतिहास (Planetary Parade Ka Itihas)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

खगोल विज्ञान का उद्भव (3000 ईसा पूर्व-1500 ईसा पूर्व):- प्राचीन सभ्यताओं, जैसे बेबीलोन, मिस्र और भारत, ने ग्रहों की गति पर नज़र रखनी शुरू की। ग्रहों की परेड का उल्लेख खगोलीय ग्रंथों और धार्मिक मान्यताओं में होता है। प्राचीन भारत में ग्रहों की परेड को शुभ और अशुभ घटनाओं से जोड़ा गया। ग्रीक और रोमन सभ्यताओं ने इसे देवताओं की मर्जी से जोड़कर देखा।

मध्यकाल (500-1500 ईस्वी):- मध्यकालीन खगोलविदों, जैसे अरब विद्वानों, ने ग्रहों की स्थिति की गणना में प्रगति की। ग्रहों की परेड को आकाशीय संकेत माना गया, जिसका संबंध सामाजिक और प्राकृतिक आपदाओं से जोड़ा गया।

आधुनिक काल (1500 ईस्वी के बाद):- 1543 में निकोलस कोपरनिकस के ‘सूर्यकेंद्रित मॉडल’ ने ग्रहों की गति को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझने की दिशा में कदम बढ़ाया। 17वीं सदी में टेलीस्कोप के आविष्कार के बाद ग्रहों की परेड की घटनाओं को बेहतर तरीके से देखा गया। गैलीलियो गैलीली ने खगोलीय पिंडों की विस्तृत जानकारी दी। 1977 में ‘वॉयेजर मिशन’ के दौरान वैज्ञानिकों ने ग्रहों की परेड का अध्ययन किया।

अब तक की प्रसिद्ध प्लैनेटरी परेड घटनाएं (Famous Planetary Parade Events)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

• मार्च, 1982 में सौरमंडल के सभी नौ ग्रह (तब तक प्लूटो को ग्रह माना जाता था) एक रेखा में आ गए थे। और इसे ‘पूर्ण ग्रह परेड’ कहा गया था।

• मई, 2000 में एक और बड़ी प्लैनेटरी परेड घटी, जिसमें सौरमंडल के 6 प्रमुख ग्रह (मर्क्युरी , शुक्र , मंगल , गुरु , शनि और प्लूटो ) एक रेखा में आ गए थे।

• जून, 2015 में एक छोटी प्लैनेटरी परेड घटना घटी, जिसमें पांच ग्रह मर्क्युरी, शुक्र , मंगल , गुरु और शनि आकाश में एक साथ दिखाई दिए।

• मई, 2022 में भी एक उल्लेखनीय प्लैनेटरी परेड देखने को मिली, जिसमें 5 प्रमुख ग्रह (मर्क्युरी , शुक्र , मंगल , गुरु और शनि) एक साथ एक दिशा में दिखाई दिए थे ।

भविष्य में प्लैनेटरी परेड की घटना

वैज्ञानिकों के अनुसार, अगस्त 2040 में एक और विशेष प्लैनेटरी परेड देखने को मिल सकती है।

जनवरी 2025 में कब होगी प्लैनिटेरी परेड (Planetary Parade 2025 Date)

जनवरी 2025 में सौर मंडल के छह ग्रह शुक्र,मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस, नेपच्यून आकाश में एक साथ दिखाई देंगे। 21 जनवरी, 2025 से 21 फ़रवरी, 2025 तक यह दृश्य आकाश में देखने को मिलेगा। हालाँकि, इस अवधि से पहले और बाद में भी कुछ समय के लिए दिखाई देंगे। सबसे उत्तम दृश्य 29 जनवरी, 2025 की रात यानी अमावस्या को देखने को मिलेगा। प्लैनिटेरी परेड का यह दृश्य उत्तरी अमेरिका, यूरोप, एशिया एवं दुनिया के अन्य हिस्सों में देखा जा सकेगा।



Shreya

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