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Pravasi Bharatiya Divas 2025: प्रवासी भारतीय दिवस के दिन महात्मा गांधी को क्यों याद किया जाता है, आइए जानते हैं इसकी वजह

Pravasi Bharatiya Divas 2025: प्रवासी भारतीय दिवस भारतीय समाज और उसके वैश्विक प्रभाव को समझने का एक अद्भुत अवसर है, जहां प्रवासी भारतीयों के योगदान को याद किया जाता है। उनके संघर्षों, समर्पण और कार्यों की सराहना की जाती है।

AKshita Pidiha
Written By AKshita Pidiha
Published on: 8 Jan 2025 2:21 PM IST
Pravasi Bharatiya Divas 2025: प्रवासी भारतीय दिवस के दिन महात्मा गांधी को क्यों याद किया जाता है, आइए जानते हैं इसकी वजह
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Pravasi Bharatiya Divas (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Pravasi Bharatiya Divas Kya Hai: प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bharatiya Divas) एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है, जिसे भारत सरकार द्वारा हर साल 9 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन भारत के उन सभी प्रवासी भारतीयों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने भारतीय समाज और संस्कृति को वैश्विक स्तर पर फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रवासी भारतीय दिवस भारतीय समाज और उसके वैश्विक प्रभाव को समझने का एक अद्भुत अवसर है, जहां प्रवासी भारतीयों के योगदान को याद किया जाता है। उनके संघर्षों, समर्पण और कार्यों की सराहना की जाती है।

इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य भारत से बाहर रह रहे भारतीय समुदाय को एक मंच प्रदान करना, उनकी समस्याओं को समझना और उनके साथ संबंधों को सशक्त करना है। यह दिन केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि प्रवासी भारतीयों की मेहनत, संघर्ष और योगदान को पहचानने और सम्मानित करने का एक अवसर है।

प्रवासी भारतीय दिवस का इतिहास (Pravasi Bharatiya Divas Ka Itihas)

इसकी शुरुआत साल 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Bajpai) द्वारा की गयी थी। यह दिवस देश के बाहर रह रहे भारतीयों को अपने देश के जुड़ने का बेहतर मंच प्रदान करता है। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार 2003 में मनाया गया था और हर साल एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाया जाता था। यह निर्णय भारत सरकार ने भारतीय विदेश मंत्रालय की पहल पर लिया था। प्रवासी भारतीयों को सम्मानित करने और उनके योगदान को मान्यता देने का यह कदम भारतीय राजनीति और समाज में एक अहम मोड़ साबित हुआ।

यह दिन पहले पहल भारत सरकार द्वारा प्रवासी भारतीयों को उनकी सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों के लिए सम्मानित करने के उद्देश्य से मनाया गया था। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने इस दिन के आयोजन को प्रवासी भारतीयों के योगदान और उनकी भारतीय धरोहर को पहचानने के रूप में देखा।

9 जनवरी का चुनाव क्यों किया गया?

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

9 जनवरी का चुनाव विशेष रूप से महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की वापसी से संबंधित है। महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने 1893 में दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और वहां के भारतीयों के लिए सामाजिक न्याय की आवाज उठाई। गांधीजी की इस ऐतिहासिक वापसी ने भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए एक प्रेरणा का काम किया और उनके संघर्ष को प्रतिष्ठित किया। इसलिए, 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया ताकि गांधीजी के योगदान को याद किया जा सके और प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए उनके संघर्ष को सम्मानित किया जा सके।

प्रवासी भारतीयों का महत्व (Pravasi Bhartiyon Ka Mahatva)

प्रवासी भारतीयों ने दुनिया भर में भारत की पहचान को बढ़ाया है।उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से कई क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया है। भारत से बाहर बसे लाखों भारतीयों ने शिक्षा, राजनीति, व्यापार, विज्ञान, कला, खेल और अन्य क्षेत्रों में अपने योगदान से न केवल भारत को गर्व महसूस कराया, बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रचार-प्रसार भी किया। प्रवासी भारतीयों का भारत की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक धारा में महत्वपूर्ण योगदान है।

प्रवासी भारतीयों के योगदान के मुख्य क्षेत्र

आर्थिक योगदान: प्रवासी भारतीयों ने भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान किया है। उन्होंने भारत में निवेश किया, नए उद्योग स्थापित किए और भारतीय उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार तैयार किया। इसके अलावा, प्रवासी भारतीयों ने भारतीय बैंकिंग प्रणाली में निवेश किया और विदेशी मुद्रा को भारत में लाकर आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा दिया। उनका निवेश भारत की अर्थव्यवस्था व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण पूंजी बनकर सामने आया है।

राजनीतिक योगदान: भारतीय प्रवासी नेताओं ने अपनी राजनीतिक गतिविधियों के माध्यम से भारत के स्वतंत्रता संग्राम को प्रोत्साहित किया। महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस और जवाहरलाल नेहरू जैसे नेताओं ने विदेशों में भारतीयों के बीच भारत की स्वतंत्रता के लिए समर्थन जुटाया। इसके साथ ही, कई प्रवासी भारतीयों ने अपने देशों में प्रभावशाली राजनीतिक भूमिकाएं निभाईं, जिससे भारत और भारतीय समुदाय को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली।

सांस्कृतिक योगदान: प्रवासी भारतीयों ने भारतीय संस्कृति को दुनिया भर में फैलाने का कार्य किया है। भारतीय संगीत, नृत्य, कला और फिल्म उद्योग को प्रवासी भारतीयों ने प्रमोट किया। भारतीय त्योहारों और धार्मिक परंपराओं का प्रचार-प्रसार विदेशों में किया गया, जिससे भारतीय संस्कृति का वैश्विक प्रभाव बढ़ा। वे भारतीय सांस्कृतिक धरोहर के एक महत्वपूर्ण वाहक बने और अपने देशों में भारतीय संस्कृति को जीवित रखा।

वैज्ञानिक और तकनीकी योगदान: प्रवासी भारतीयों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय विज्ञान को प्रतिष्ठित किया और नए-नए अनुसंधान और नवाचारों में भाग लिया। कई भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने पश्चिमी देशों में प्रतिष्ठित कार्य किए, जिनमें विक्रम साराभाई, सी एन आर राव और रामनाथन जैसे नाम शामिल हैं।

शैक्षिक योगदान: प्रवासी भारतीयों ने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने विदेशों में भारतीय विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की और भारतीय शिक्षा प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मान्यता दिलवाई। उन्होंने कई विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में भारतीय छात्रों के लिए स्थान सुनिश्चित किया और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया।

प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन का उद्देश्य (Purpose of Pravasi Bharatiya Divas)

प्रवासी भारतीयों को सम्मानित करना: प्रवासी भारतीय दिवस का प्रमुख उद्देश्य उन भारतीयों को सम्मानित करना है जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है। यह दिन उनके संघर्षों और उपलब्धियों को पहचानने और सराहने का दिन है।

भारत और प्रवासी भारतीयों के बीच संबंधों को मजबूत करना:

प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन भारत और विदेशों में बसे भारतीयों के बीच रिश्तों को मजबूत बनाने का कार्य करता है। यह दिन दोनों समुदायों के बीच संवाद और सहयोग बढ़ाने का एक अवसर है।

भारत की विकास यात्रा में प्रवासी भारतीयों के योगदान को पहचानना:

प्रवासी भारतीयों ने भारत की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास यात्रा में अहम भूमिका निभाई है। प्रवासी भारतीय दिवस उनके योगदान को पहचानने और उनके कार्यों की सराहना करने का एक माध्यम है।

प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन का तरीका:

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

प्रवासी भारतीय दिवस को विभिन्न आयोजनों और कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से प्रवासी भारतीयों के लिए सम्मेलनों, सेमिनारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

सम्मेलन और सेमिनार:

इस दिन भारतीय प्रवासी समुदाय से जुड़े विभिन्न सम्मेलन और सेमिनार आयोजित किए जाते हैं। इन आयोजनों में प्रवासी भारतीयों के विकास, उनके योगदान, और उनकी भूमिका पर चर्चा की जाती है।

संस्कार और सांस्कृतिक कार्यक्रम:

इस दिन भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में भारतीय नृत्य, संगीत, कला, और परंपराओं का प्रदर्शन किया जाता है।

पुरस्कार वितरण:

प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर उन प्रवासी भारतीयों को पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है।

विदेश मंत्रालय की अहम भूमिका

प्रवासी भारतीय दिवस विदेश मंत्रालय का प्रमुख कार्यक्रम है। यह भारत के विभिन्न क्षेत्रों की विविधता और प्रगति को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न शहरों में आयोजित किया जाता है। प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजनों में आम तौर पर चर्चाओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और इंटरैक्टिव सत्रों का आयोजन किया जाता है।

प्रवासी भारतीय दिवस न केवल भारत में रहने वाले भारतीयों के योगदान को मान्यता देने का दिन है, बल्कि यह उन भारतीयों के संघर्षों और उपलब्धियों का सम्मान करने का अवसर है जो विदेशों में बसे हुए हैं। यह दिन भारत और प्रवासी भारतीयों के बीच रिश्तों को मजबूत करने, उनके योगदान को पहचानने और भारतीय समाज और संस्कृति के वैश्विक प्रसार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रवासी भारतीयों ने न केवल भारत की अर्थव्यवस्था और संस्कृति को सशक्त किया है, बल्कि उन्होंने दुनिया भर में भारतीय समाज की प्रतिष्ठा भी बढ़ाई है।



Shreya

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