Premanand Ji Maharaj : जीवन में चाहते हैं सफलता तो तुरंत करना छोड़ दें ये 10 काम, वरना हो जाएगी दुर्गति

Premanand Ji Maharaj : हर व्यक्ति अपने जीवन में सफलता हासिल करने के लिए बहुत मेहनत करता है। हालांकि, उसकी छोटी-छोटी गलतियां कई बार उसे दुर्गति की ओर पहुंचा देती है।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 8 Nov 2023 2:00 AM GMT (Updated on: 8 Nov 2023 2:00 AM GMT)
Premanad ji Maharaj
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Premanand Ji Maharaj : हर व्यक्ति अपने जीवन में सफलता हासिल करने के लिए बहुत मेहनत करता है। धन, सुख, समृद्धि पाने के लिए व्यक्ति जीवन भर प्रयत्न करता रहता है। हालांकि कहीं बात व्यक्ति की छोटी सी भूल उसे इतनी ज्यादा भारी पड़ जाती है कि उसके भविष्य पर बात आ जाती है और सारी मेहनत खराब हो जाती है। आज हम आपको मथुरा के प्रेमानंद महाराज की बताई गई जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताते हैं जिन्हें किसी भी व्यक्ति को कभी नहीं करना चाहिए। अगर आप तो यह काम करते भी हैं तो इन्हें तुरंत ही करना छोड़ दें वरना आपके जीवन में बड़ा नुकसान हो सकता है।

खुद की प्रशंसा, लालच, मन में द्वेष

जो व्यक्ति खुद ही खुद के मुख से अपनी प्रशंसा करता है। ऐसे इंसान की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है तथा उसने जितने पुण्य किए हैं वह भी नष्ट हो जाते हैं। जीवन में छल, कपट, लालच करने वाले व्यक्ति के पास सुख ज्यादा दिनों तक नहीं टिकता है। लालच इंसान को पूरी तरह से नष्ट कर देता है इसलिए यह भूल कभी नहीं करनी चाहिए। कुछ लोगों को थोड़ी सी बात पर बहुत क्रोध आ जाता है या अगर कोई उनका अपमान कर दे तो वह क्रोधित होते हैं। ये चीज इस व्यक्ति के विनाश का कारण बन जाती है इसलिए गुस्सा बिल्कुल ना करें।

उत्साह में किया गया पाप, रक्षा न करना, संभोग का चिंतन

अगर कोई व्यक्ति उत्साहित होकर या किसी बात से प्रेरित होकर पाप कर रहा है तो यह उसकी दुर्गति के संकेत हैं। इस तरह के लोगों को कभी भी ईश्वर क्षमा नहीं करते। यदि पशु, पक्षी या इंसान कोई भी रक्षा मांगने के लिए आपकी शरण में आता है तो उसकी सहायता अवश्य करनी चाहिए। जो लोग ऐसा नहीं करते हैं उनके सारे पुण्य का नाश हो जाता है। जो पुरुष पराई स्त्री के साथ संभोग की भावना रखता है उसके सारे पुण्य खत्म हो जाते हैं। इंसान को ये गलती कभी नहीं करना चाहिए।

खुद को श्रेष्ठ मानना, दान, धन का संचय, दूसरों को नुकसान

जो लोग खुद को श्रेष्ठ बताते हैं और दूसरों को नीच समझते हैं उनकी दुर्गति होना तय है। जो व्यक्ति इस विषमता पर विजय प्राप्त करता है वो ही भगवान को प्राप्त कर पाता है। जो लोग दान देने की बात पर मुकर जाते हैं या फिर दान करने के नाम पर पश्चात आप करते हैं उनके सारे अन्य नष्ट हो जाते हैं। इसलिए दान करने या किसी के कुछ कहने पर कभी पीछे नहीं हटना चाहिए। आपको अपनी आय घर वालो की जरूरत पर खर्च करना चाहिए। अगर किसी जरूरतमंद की मदद कर सकें तो जरुर करें। ऐसा धन व्यर्थ है, जो किसी के काम ना आ सके। जो लोग बुजुर्ग, बच्चों और महिलाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, वो कभी सुखी नहीं रह पाते हैं। इस तरह के लोगों की दुर्गति हो जाती है। व्यक्ति को जीवन में ये गलती नहीं करना चाहिए।

Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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