Premanand Ji Maharaj Motivation: प्रेमानंद जी महराज ने जीवन की सभी समस्यों को सुलझाने का एक मात्र उपाय बताया, जानिए क्या

Premanand Ji Maharaj Motivational Quotes: आइये प्रेमानंद जी महराज के द्वारा कही बातों को जानिए समझिये और अपने जीवन में उसका पालन भी करिये।

Shweta Srivastava
Published on: 30 Sep 2023 1:49 AM GMT
Premanand Ji Maharaj
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Premanand Ji Maharaj Motivational Quotes (Image Credit-Social Media)

Premanand Ji Maharaj Motivational Quotes: प्रेमानंद जी महराज सोशल मीडिया से लेकर हर तरफ काफी प्रसिद्ध हैं उनकी बातें और ज्ञान सभी के लिए काफी महत्त्व रखता है जिसे उनके भक्त स्वीकार करते है और अपने जीवन में इसका अनुसरण भी करते हैं। उनकी कई प्रेरणापरक बातें लोगों के जीवन से अन्धकार मिटा देतीं हैं और उन्हें प्रकाश ही ओर ले जातीं हैं। ऐसी ही उनकी कुछ बातों ने लाखों लोगों को प्रेरित किया और आज वो सभी के मन में अपनी अहमियत रखतीं हैं। आइये उनके द्वारा कही बातों को जानिए समझिये और अपने जीवन में उसका पालन भी करिये।

प्रेमानंद जी महराज के अनमोल विचार

1 .कोई व्यक्ति तुम्हें दुख नहीं देता

तुम्हारे कर्म

उस व्यक्ति के द्वारा

दुख के रूप में प्राप्त होते हैं।

2 . क्रोध को शांत करने के लिए एक ही उपाय है

बजाय यह सोचने के कि

उसका हमारे प्रति क्या कर्तव्य है?

हम यह सोचे कि

हमारा उसके प्रति क्या कर्तव्य है।

3 . क्रोध से आज तक कभी किसी का मंगल नहीं हुआ है

यह आपके समस्त गुणों का नाश कर देता है

इसलिए क्रोध की संगति से दूर रहें।

4 . बहुत होश में यह मत सोचो कोई देख नहीं रहा

आज तुम बुरा कर रहे हो

तो तुम्हारे पुण्य खर्चा हो रहे हैं

जिस दिन तुम्हारे पुण्य खर्चे हुए

अभी का पाप और पीछे का पाप मिलेगा

त्रिभुवन में कोई तुम्हें बचाए नहीं सकेगा।

5 . सभी समस्याओ से सुलझने का एक मात्रा उपाय है प्रभु को अपना वास्तविक मान लो ,उनकी जगह पर किसी को मत बैठा लो

6 . चमड़े का बेल्ट और चमड़े का जूता पहनने वाला को गौ हत्या का पाप लगता है।

7 . प्रातः काल जब उठे तो गुरुदेव को प्रणाम करके निश्चय करें की आज हम पूरा का पूरा समय आराध्य देव में लगाने की पूरी पूरी चेष्टा करेंगे।

8 . अगर हमको अपने मन को सांत करना है मन को इस्थिर करना है तो एक उपाय है प्रभु के चरणों का दृढ़ता पूर्वक आश्रय और नाम जप करे।

9 . प्रभु के अधीनता से मुक्त हुए परमात्म तत्व का अनुभव नहीं होता और परमात्म तत्व का अनुभव होने पर प्रकृति का अस्तित्व ही नहीं रहता।

10 . इतना सामर्थ किसी तीर्थ में किसी पर्व में किसी भी महामोत्सव में नहीं है जितना प्रभु के नाम में ही इसलिए प्रभु के नाम में डूब जाओ।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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