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Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज ने कहा धर्म से चलें, अच्छा आहार लें, अपने माँ बाप की सेवा करें
Premanand Ji Maharaj Motivation: प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन हर किसी को सफलता की सीढ़ियों तक पंहुचा सकते हैं अगर हम उनके द्वारा बताई गयी बातों का अनुसरण करें तो।
Premanand Ji Maharaj Motivation: प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन हर किसी को सफलता की सीढ़ियों तक पंहुचा सकते हैं अगर हम उनके द्वारा बताई गयी बातों का अनुसरण करें तो। उनकी बातें बड़ी ही सरलता से आपके मन में घर कर लेंगी और आपको आपके आने वाले जीवन में कई अच्छे अनुभवों से रूबरू करायेंगी। महाराज जी की पिछले 17 सालों से दोनों किडनी ख़राब है साथ ही डॉक्टर्स ने उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह भी दी है लेकिन उन्होंने ये कहकर इस बात को नहीं माना कि उनकी दोनों किडनी को खुद से अलग नहीं करना चाहते हैं। उनके अनुसार उनकी एक किडनी राधा रानी हैं और एक श्री कृष्ण और वो उन्हें खुद से अलग नहीं करना चाहते। आज हम आपको उनकी कुछ प्रेरणादायक बातों से रूबरू करवाने जा रहे हैं।
प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन
- निराश मत होना अगर आज भोजन नहीं है भगवान पे विश्वास रखो और सच्चे मार्ग पे चलो। एक दिन आप भंडारा करने के लायक हो जाओगे।
- बच्चों का सही मार्गदर्शन करना हर माता-पिता की प्राथमिक जिम्मेदारी है। जब बच्चे गंदे विचारों, गंदे आचरण, और गंदी कुसंगति से दूर रहते हैं, तो ही वह समाज में सकारात्मक योगदान कर पाते हैं।
- धर्म से चलें, अच्छा आहार लें, अपने माँ बाप की सेवा करें और देश की सेवा करें।
- पूरा जीवन मुशीबतों से भरा हुआ है।भगवान को नहीं छोड़ोगे तो कोई भी चिंता तुम्हें नहीं डरा सकती। भगवान का भजन करो, जैसी भी परिस्थिती आती है हमारे कर्मों के अनुसार आ रही है। जब चिंतन भगवान से होगा, तो भगवान खुद आके संभालेंगे।
- नाम रुपी धन, अच्छे कर्म, और बुजुर्गों की सेवा से हम असली ख़ुशी प्राप्त कर सकते हैं, ईश्वर का नाम जप करने से जीवन को सार्थक कर सकते हैं।
- मन को भोगों और विषय विकारों से बचाना है तो नाम रुपी मार्ग में लगना चाहिये।
- अपनी इन्द्रियों और अपने मन को निरंतर को सत्य और ईश्वर भजन मार्ग में लगाने से भगवद प्राप्ति कर सकते हैं।
- अशुभ कर्मों के दंड से अगर बचना है, तो प्रभु का नाम जप करो। राधा नाम का उच्चारण करने से कर्म आपको दंड नहीं दे सकते।
- जब नाम जप करेंगे एक ऐसी स्थिति आएगी हर दुःख और हर निंदा को हस के सह जायें। सुन्दर से सुन्दर भोग आपके सामने हो आपको भोगने की इच्छा नहीं होगी। तब आप निष्पाप हो गए हैं।
- अगर हमारे पास नाम रुपी धन है और भाव देह मिल जाये, तो जीते जी मृत्यु का डर खत्म हो जायेगा।
- क्रोध को नियंत्रण करने के लिए सबसे पहले आहार ठीक करो। नाम जप करो, अच्छा आहार करो, जब कोई गुस्सा दिलाने वाली बात करे तो निस्चित करें भगवान आपके पाप को नष्ट करने के लिये कोई लीला रच रहे हैं।
- अगर अपने मन को शांत करना है, तो हमें अपने मन को नाम रुपी अभ्यास मैं लगाना पड़ेगा। राधा कृष्ण ही एक सर्व श्रेष्ठ नाम है है जो आपका उधर कर सकता है।
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