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Premanand Ji Maharaj: समझा दिया प्रेमानंद जी महाराज ने, जानिए क्यों अपने कर्म ही दंड देते हैं ?
Premanand Ji Maharaj : सोशल मीडिया पर प्रेमानंद जी महाराज का एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है जिसमे उन्होंने मनुष्यों को चेतावनी दी है।
Premanand Ji Maharaj : वृन्दावन के प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन सुनकर कई लोगों को अपने जीवन का सही मार्ग मिला है। वहीँ वो सोशल मीडिया पर काफी प्रसिद्ध भी हैं। उनके वीडियोस और रील्स देखना लोगों को बेहद पसंद होता है। वहीँ महाराज जी का एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे वो कर्म और उसके अनुसार दंड मिलने की बात कर रहे हैं। वहीँ उन्होंने जीवन के कुछ ऐसे गूढ़ रहस्यों के बारे में बताया है जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जायेंगे। आइये जानते हैं और देखते हैं महाराज जी का ये वीडियो।
प्रेमानंद जी महाराज का वीडियो वायरल
प्रेमानंद जी महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है जिसमें वो जीवन के कुछ ऐसे कटु सत्य के बारे में बता रहे हैं जिसे अगर मनुष्य समझ ले तो उसे आने वाले जीवन में किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने सुन्दर पंक्तियों से अपनी बात शुरू की, उन्होंने कहा,
" काहु न कोउ सुख दुःख कर दाता।
निज कृत कर्म भोग सुन भ्राता।।"
जिसका अर्थ है कि अपने ही कर्म हमे दंड देते हैं। अन्यथा कोई अन्य हमे दंड नहीं दे सकता।
प्रेमानंद जी महाराज ने आगे कहा कि कोई भी हमे किसी भी तरह का कटु वचन नहीं बोल सकता अगर हमारे कर्म में ऐसा नहीं लिखा होगा। कोई भी व्यर्थ में हमे कुछ भी नहीं बोल सकता। ये सब हमारे कर्मों से ही होता है। साथ ही अगर अध्यात्म की बात की जाये तो, कोई व्यक्ति आपको कटु वचन बोल रहा है तो ये आपको सुनना चाहिए। इसकी ज़रूरत इसलिए है क्योंकि हमे अपना मन सही करना है और अपने मन को सही करने के लिए इन कटु वचनों को सुनना बेहद ज़रूरी है। हमे ज़रूरत है उस तिरस्कार की, उस अपमान की, उस विपत्ति की और उस दुःख की।
इसके बाद महाराज जी कहते हैं कि ये सब अध्यात्म में चलने वालों के लिए है वहीँ लोक की बात की जाये तो ऐसे लोगों के लिए जेल बनाई गयी ही है। कोई मनुष्य अगर एक गाली देता है तो सामने वाला चार गाली देता है, उसने थप्पड़ मारा उसे मार दिया और जाकर आजीवन सज़ा भोगी। इसी तरह लोगों को जेल होती है और यही वजह है कि जेल भरी रहतीं हैं।
प्रेमानंद जी ने कहा अगर आपके पास थोड़ा भी ज्ञान है तो आप इस बात को अच्छे से समझ लो कि आपको एक सुई भी कोई नहीं चुभो सकता जब तक हमारे शरीर को दंड का विधान नहीं होगा। हमे दंड देने के लिए कोई न कोई निमित बनेगा। इसका मतलब ये है कि अगर आपको कभी भी कोई कष्ट होगा तो वो आपके कर्मों की वजह से ही होगा। वहीँ भगवान् किसी न किसी को काल के रूप में भेज देंगे। फिर चाहे वो कोई भी हो। यही जीवन का सत्य है।